BSF को सीमा से 50KM तक ऑपरेशन का अधिकार: केंद्र के फैसले से पंजाब में सियासी उबाल, कैप्टन ने किया स्वागत; CM चन्नी बोले- यह संघीय ढांचे पर हमला
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लुधियाना21 मिनट पहले
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया है। अब BSF अधिकारियों को पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में देश की सीमा से लगे 50 किलोमीटर तक के इलाके में तलाशी, गिरफ्तारी और जब्ती की अनुमति मिल गई है।
साधारण भाषा में कहें तो अब मजिस्ट्रेट के आदेश और वारंट के बिना भी BSF इस अधिकार क्षेत्र के भीतर एक्शन ले सकती है। केंद्र के इस आदेश के बाद पंजाब में सियासी बवाल मच गया है।
केंद्र सरकार के आदेश के बाद पंजाब में राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। पंजाब में फिलहाल स्थानीय पुलिस किसी भी कार्रवाई में BSF की मदद करती थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह अकेले ऐसे नेता हैं जो केंद्र के इस फैसले के साथ खड़े दिख रहे हैं। वहीं कांग्रेस और अकाली दल ने इसका जोरदार विरोध किया है। खुद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे राज्य के अधिकार पर हमला बताया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से किया गया ट्वीट
BSF की बढ़ी शक्तियां हमें और मजबूत करेंगी : कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार रवीन ठुकराल ने उनकी ओर से ट्वीट करते हुए कहा कि कश्मीर में हमारे जवान मारे जा रहे हैं। दिख रहा है कि ज्यादा से ज्यादा हथियार और नशीले पदार्थ पाकिस्तान की ओर से पंजाब में भेजे जा रहे हैं। BSF की बढ़ी उपस्थिति और शक्तियां ही हमें और मजबूत करेंगी। केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में न घसीटें।
मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने किया विरोध
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा, मैं भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं। केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ लगने वाले 50 किलोमीटर के दायरे में BSF को अतिरिक्त शक्तियां दी हैं, जो संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करता हूं कि इस तर्कहीन फैसले को तुरंत वापस लें।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का ट्वीट
इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगाः रंधावा
पंजाब के गृह मंत्री और डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि BSF को दी गई छूट को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह सीधा-सीधा फैडरल ढांचे में दखल है। इससे तो आधा पंजाब BSF के अधीन आ जाएगा। मुझे समझ नहीं आ रहा कि केंद्र सरकार कैसे यह फैसला ले रही है। यह संविधान में दिए गए अधिकारों पर हमला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस पर पुनर्विचार करने की मांग की।
मीडिया से बात करते सुखजिंदर सिंह रंधावा।
सुनील जाखड़ ने ट्वीट कर उठाए सवाल
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की गृह मंत्री अमित से बैठक की पोस्ट और BSF को दी गई नई जिम्मेदारी की मीडिया रिपोर्ट को शेयर करते हुए लिखा आप क्या कह रहे हैं चरणजीत सिंह चन्नी साहिब। अनजाने में ही सही आप ने पंजाब का आधा हिस्सा BSF के हवाले कर दिया है। पंजाब पुलिस इस फैसले से स्तब्ध है।
सुनील जाखड़ का ट्वीट।
यह पंजाब के हकों पर डाका
शिरोमणि अकाली दल बादल के वक्ता दलजीत सिंह चीमा ने वीडियो जारी कर कहा है कि मैं केंद्र सरकार के BSF को कार्रवाई के दिए अधिकार का विरोध करता हूं। इससे पंजाब पुलिस को सीधे तौर पर BSF के अधीन किया जा रहा है। केंद्र सरकार दूसरे रास्ते से पंजाब पर राज करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद लगभग पूरे पंजाब का लॉ एंड आर्डर BSF के हाथ में आ जाएगा। केंद्र सरकार को इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए और राज्य सरकार को यह फैसला कभी स्वीकार नहीं करना चाहिए।
दलजीत सिंह चीमा।
गुजरात-पूर्वोत्तर में कम किया क्षेत्र
केंद्रीय गृह मंत्रालय के नए आदेश के अनुसार गुजरात में BSF के अधिकार क्षेत्र को कम किया गया है। यहां सीमा का विस्तार 80 किमी से कम होकर 50 किमी हो गया है। राजस्थान में दायरा पहले की तरह ही 50 किमी रखा गया है। पांच पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के लिए दायरा घटाकर 80 से 20 किमी कर दिया गया है।
BSF के पास 4096 किमी भारत-पाक सीमा की जिम्मेदारी
भारत-बांग्लादेश के बीच 4096.7 किलोमीटर, भारत-पाकिस्तान के बीच 3323 किलोमीटर सीमा की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ को मिला हुआ है। इसके अलावा बीएसएफ के पास छत्तीसगढ़ और ओडिशा में मौजूद माओवाद पर भी नकेल कसने का जिम्मा है।
सीमा सुरक्षा बल के अधिकार
सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 (Border Security Force Act 1968) की धारा 139 केंद्र को समय-समय पर सीमा बल के संचालन के क्षेत्र और सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार देती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर सीमा से लगे इलाकों के ‘शेड्यूल’ को संशोधित किया है। BSF के पास पासपोर्ट अधिनियम, एनडीपीएस अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम जैसे अधिनियमों के तहत तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की शक्तियां होंगी।
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