बिजली कटों के खिलाफ गुस्सा: जालंधर में दिल्ली नेशनल हाइवे पर किसानों का जाम, 10 बजे से अमृतसर-लुधियाना आवाजाही ठप रहेगी
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जालंधर11 मिनट पहले
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हाइवे बंद होने से लोगों की परेशाी बढ़ेगी।
कोयले की कमी से पंजाब में पैदा हुए बिजली संकट से किसान भड़क उठे हैं। इसके विरोध में भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) जालंधर-दिल्ली नेशनल हाइवे जाम करेगी। यह जाम जालंधर से लुधियाना जाते हुए रास्ते में मैकडोनाल्ड के पास रहेगा। इस दौरान अमृतसर और लुधियाना की तरफ आवाजाही बंद रहेगी। यह जाम कितनी देर तक रहेगा, इसको लेकर किसान नेताओं ने कुछ स्पष्ट नहीं किया है। उनका कहना है कि जब तक पंजाब सरकार या बड़े अफसर कोई ठोस हल नहीं निकालते, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
BKU (राजेवाल) के जिला प्रधान मनदीप समरा, मुख्य प्रवक्ता जत्थेदार कश्मीर सिंह जंडियाला और जिला यूथ प्रधान अमरजोत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों को पर्याप्त बिजली उपलब्ध नहीं करवा रही है। जिसकी वजह से किसानों को फसल की बिजाई में दिक्कत हो रही है।
यह रास्ते रहेंगे बंद
किसानों के जाम की वजह से जालंधर से लुधियाना, राजपुरा, अंबाला, पानीपत और दिल्ली जाने का सीधा रास्ता बंद रहेगा। इसी तरह लुधियाना से सीधे हाइवे के जरिए जालंधर, अमृतसर जाने वालों का रास्ता बंद रहेगा। जालंधर से हाइवे के रास्ते चंडीगढ़ से भी लोग आ-जा नहीं सकेंगे। हालांकि जालंधर से अमृतसर, पठानकोट के रास्ते खुले रहेंगे। लोग पीएपी चौक से जा सकेंगे। यहां पर कोई जाम नहीं होगा।
यूनियन की तरफ से किसानों को इकट्ठा होने के लिए की गई अपील।
धान की रोपाई में देरी और वैराइटी ने बढ़ाई चिंता
पावरकॉम अफसरों का कहना है कि कृषि सेक्टर की बिजली की डिमांड में कमी नहीं आई है। कुछ जगहों पर धान की रोपाई में देरी हुई है। वहीं, कुछ जगह धान की वैराइटी ऐसी है कि वहां अभी भी पानी के लिए बिजली की सप्लाई जरूरी है। ऐसे में बिजली संकट को देखते हुए यह बड़ी विकराल समस्या बन सकती है।
8 घंटे बिजली निर्विघ्न सप्लाई का दावा करती है पंजाब सरकार
किसान नेताओं के मुताबिक पंजाब सरकार की तरफ से धान और गेहूं की बिजलाई और रोपाई के सीजन में निर्विघ्न 8 घंटे की बिजली सप्लाई का वादा था। इसके बावजूद कभी इतनी बिजली नहीं मिली। अब मौजूदा वक्त में कोयले की कमी की वजह से पंजाब में बिजली संकट पैदा हो गया है। पंजाब के सरकारी और प्राइवेट थर्मल प्लांट मिलकर भी जरूरत की सिर्फ आधी बिजली ही पैदा कर पा रहे हैं। ऐसे में शहरों से लेकर गांवों तक कट लगने शुरू हो गए हैं।
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