घाटी में 1990 के दशक के बाद सबसे बड़ा पलायन: घाटी में गैरमुस्लिम घरों में कैद, प्रशासन ने छुट्‌टी दी, सुरक्षित जगहों पर भेज रहे

घाटी में 1990 के दशक के बाद सबसे बड़ा पलायन: घाटी में गैरमुस्लिम घरों में कैद, प्रशासन ने छुट्‌टी दी, सुरक्षित जगहों पर भेज रहे

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • Imprisoned In Non Muslim Houses In The Valley, The Administration Gave Leave, Sending Them To Safer Places

मुदस्सिर कुल्लू और हारून रशीद | श्रीनगर34 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
घाटी में 1990 के दशक के बाद सबसे बड़ा पलायन: घाटी में गैरमुस्लिम घरों में कैद, प्रशासन ने छुट्‌टी दी, सुरक्षित जगहों पर भेज रहे

ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले  गैर मुस्लिम कर्मचारियों को आर्मी कैंट या अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

श्रीनगर में 5 दिन में 7 निर्मम हत्या से दहशत है। घाटी में रहने वाले गैर मुस्लिम कर्मचारियों ने खुद को घरों में कैद कर लिया है या कश्मीर के बाहर निकल रहे हैं। गैर मुस्लिम व्यापारियों ने शाम ढलने से पहले दुकानें बंद कर ली या फिर खोली ही नहीं। दहशत इस कदर हावी है कि आतंकियों ने ईदगाह के जिस स्कूल में आईडी देखने के बाद दो गैरमुस्लिम शिक्षकों की हत्या की थी, उस स्कूल से सिर्फ 4 किमी दूर एक और स्कूल है, जहां हिंदू और कश्मीरी पंडित काम कर रहे हैं। यहां की महिला शिक्षक ने यह खबर सुनी तो बेहोश होकर गिर पड़ी। बाकी साथी रोने लगे।

जम्मू से आने वाले एक शिक्षक कहते हैं कि हमें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि हम क्या करें। ऐसा लग रहा है कि मौत के दहशतगर्द बाहर हमारी तलाश कर रहे हैं।’ इस स्कूल के सभी गैरमुस्लिम कर्मचारियों को सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया है। इस घटना के बाद प्रशासन अलर्ट है। पुलिस हर स्कूल और विभाग से गैर मुस्लिम कर्मचारीयों को निकाल रही है। उन्हें सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए संदेश भेजा गया।

ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले गैर मुस्लिम कर्मचारियों को आर्मी कैंट या अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। बहुत सारे लोगों ने कुछ ही घटों में जम्मू के लिए फ्लाइट भी बुक कर ली है। पूरे कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हर जगह तलाशी ली जा रही है। प्रशासन ने गैरमुस्लिमों को फील्ड ड्यूटी से हटा लिया है। हर एक विभाग को सूचना भेजी गई है कि वे अपने यहां काम करने वाले सभी गैरमुस्लिमों को घर में रहने के लिए कहें।

अनंतनाग जिले में परिवार के साथ रह रही कश्मीरी पंडित खुशी जम्मू के लिए रवाना हो गई है। उन्होंने कहा, ‘जब पंडित और सिख मारे जा रहे हैं तो हम यहां नहीं रहना चाहते।’ गंदरबल मे काम करने वाले सभी गैर मुस्लिम कर्मचारियों को माता खीरभावनी के हाई सिक्योरिटी परिसर में रखा गया है।

पहली बार आतंक विरोधी जुलूस में सभी धर्म के लोग दिखाई दिए

इस बदतर हालात में भी कुछ आशा की किरण देखी जा सकती है। पहली बार सभी धर्मों के लोग आतंकी विरोधी जुलूस में दिखे। सुपिंदर के दाह संस्कार में भी बड़ी संख्या में मुस्लिम पहुंचे। सोशल मीडिया पर आतंक के खिलाफ लोग लिख रहे हैं।

गम व गुस्से के बीच प्रिंसिपल और टीचर का अंतिम संस्कार

श्रीनगर के ईदगाह इलाके के सरकारी स्कूल में आतंकियों द्वारा मारी गईं प्रिंसिपल सुपिंदर कौर का शुक्रवार को गम और गुस्से के बीच अंतिम संस्कार किया गया। कौर के आवास पर समुदाय के सैकड़ों लाेग एकत्रित हुए और शव स्ट्रेचर पर रखकर मार्च निकाला। श्रीनगर की सड़कों से गुजरी कौर की अंतिम यात्रा में लोग भावुक दिखे और न्याय चाहिए के नारों के बीच आगे बढ़े। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के विराेध में भी नारे लगाए।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *