DGP, AG के बहाने सिद्धू का चन्नी सरकार पर निशाना: बादलों को क्लीन चिट और आरोपियों को ब्लैंकेट बेल दिलाने वाले क्या इंसाफ दिलाएंगे; मैं अड़ूंगा-लड़ूंगा, पद जाता है तो जाए
[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Punjab
- Jalandhar
- Will Those Who Give Clean Chit To Badals And Blanket Bail To The Accused Give Justice; I Will Fight And Fight, If The Post Goes, Then Go
जालंधर9 घंटे पहले
पंजाब में कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिद्धू पहली बार सामने आए हैं। सिद्धू ने सीधे CM चरणजीत चन्नी सरकार पर हमला बोला है। सिद्धू ने नए कार्यकारी DGP इकबालप्रीत सहोता और एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल को निशाना बनाया है। सिद्धू ने उनके पुराने काम का मुद्दा उठाते हुए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। सिद्धू ने कहा कि यह लोग हमें क्या इंसाफ दिलाएंगे। अगर मेरा पद जाता है तो जाए लेकिन मैं अपने मुद्दों पर खड़ा रहूंगा।
मुद्दों से समझौता हो रहा है
मैं देख रहा हूं कि उन मुद्दों से समझौता हो रहा है। मेरा पहला काम बेअदबी के इंसाफ के लिए लड़ना है। आज मैं देखता हूं कि 6 साल पहले जिन्होंने बादलों को क्लीन चिट दी। छोटे-छोटे लड़कों पर अत्याचार किए। उन्हें इंसाफ का उत्तरदायित्व दिया गया है। यह देख मेरी रूह घबराती है। जिन्होंने ब्लैंकेट बेल दिलवाई, वो एडवोकेट जनरल है। यह क्या एजेंडा है? जो लोग मसलों की बात करते थे, वो कहां हैं? क्या हम इन साधनों से अपने मुकाम तक पहुंचेंगे। मैं न हाईकमान को गुमराह कर सकता हूं और न होने दूंगा।
कोख उजाड़ने वालों को संरक्षण देने वाले बनाए पहरेदार
पंजाब में नशे से माताओं की कोख उजाड़ने वालों को जिन लोगों ने संरक्षण दिया, उन्हें पहरेदार नहीं बनाया जा सकता। मैं अडूंगा और लड़ूंगा। अगर सब कुछ जाता है तो जाए। मेरे पिता ने एक ही बात समझाई है कि जब भी द्वंद्व हो तो सच की रास्ते पर चलो। नैतिकता के साथ कोई समझौता नहीं करना है। तभी आवाज में बल आएगा। गुरु के इंसाफ के लिए लड़ने और पंजाब की बेहतरी के लिए किसी भी चीज की कुर्बानी देने को तैयार हूं। मैं अपने सिद्धांतों पर खड़ा रहूंगा। दागी नेताओं और अफसरों का सिस्टम तो तोड़ा गया था। फिर उन्हें लाकर वह सिस्टम खड़ा नहीं किया जा सकता। मैं इसका विरोध करता हूं।
मेरी किसी से निजी रंजिश नहीं
17 साल का राजनीतिक सफर एक मकसद से किया है। पंजाब के लोगों की जिंदगी को बेहतर करना है। बदलाव लाना है। मुद्दों की राजनीति पर स्टैंड लेकर खड़े होना है। यही मेरा धर्म और फर्ज था। मेरी आज तक किसी से कोई निजी रंजिश नहीं रही। मैंने किसी से निजी लड़ाई नहीं लड़ी। मेरी लड़ाई मुद्दों की है। पंजाब पक्षीय एजेंडे की है। इस एजेंडे के साथ पंजाब का पक्ष पूरा करने के लिए मैं हक-सच की लड़ाई लड़ता रहा। इसमें कोई समझौता था ही नहीं। इसमें पद के कोई मायने नहीं थे।
अंत में सिद्धू ने कहा कि
उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है
लाहौर में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में यह बुजुर्गों का नारा था। मेरी रूह की भी यही आवाज है। पंजाब को जिताने के लिए कोई समझौता नहीं होगा।
क्या है DGP का विवाद
पंजाब में हाल ही में दिनकर गुप्ता की जगह इकबालप्रीत सहोता को कार्यकारी DGP बनाया गया है। सहोता पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के केसों की जांच के लिए बनी पहली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के प्रमुख थे। उस वक्त उन्होंने केस में बादल सरकार को क्लीन चिट दे दी थी। उस दौरान इस आरोप में कुछ युवकों को गिरफ्तार भी किया गया था। सिद्धू इसीलिए सहोता की जगह सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को DGP बनाना चाहते थे।
एडवोकेट जनरल सुमेध सैनी के वकील रह चुके
पंजाब सरकार ने हाल ही में एपीएस देयोल को एडवोकेट जनरल बनाया है। सिद्धू सीनियर एडवोकेट डीएस पटवालिया को बनाना चाहते थे लेकिन उस पर सहमति नहीं बनी। एपीएस देयोल पहले कोटकपूरा गोलीकांड में पूर्व DGP सुमेध सैनी और IG परमजीत उमरानंगल के वकील रह चुके हैं। सरकार के खिलाफ उन्होंने ही दोनों को ब्लैंकेट बेल दिलाई थी। सुमेध सैनी बेअदबी व गोलीकांड मामले में आरोपी बनाए गए हैं। हालांकि AG देयोल इस पर सफाई दे चुके हैं कि उन्होंने बेअदबी के 3 केस नहीं लड़े। सिर्फ गोलीकांड से जुड़ा एक केस लड़ा था। जिसमें उनकी भूमिका खत्म हो चुकी है। अब वो सरकार विरोधी केसों की पैरवी नहीं करेंगे।
[ad_2]
Source link