केजरीवाल के पंजाब पहुंचते ही CM चन्नी का बड़ा झटका: 53 लाख परिवारों का 1,200 करोड़ बकाया बिजली बिल माफ किया; एक लाख काटे गए कनेक्शन फ्री में जोड़ेगी सरकार
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जालंधर29 मिनट पहले
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बिजली बिल माफी की घोषणा करते CM चरणजीत चन्नी।
आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के दौरे के दिन पंजाब की कांग्रेस सरकार ने बड़ा फैसला कर दिया। कैबिनेट में पंजाब के 53 लाख परिवारों के बकाया बिजली बिल माफ कर दिया। इससे सरकार पर करीब 1200 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। यही नहीं, बिल नहीं भरने पर काटे गए एक लाख कनेक्शन भी बिना किसी फीस के जोड़े जाएंगे। कांग्रेस की नई चरणजीत चन्नी सरकार ने केजरीवाल से बिजली मुद्दा छीनने की कोशिश की है। केजरीवाल ने अपनी पहली गारंटी में पंजाब के घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात कही थी। CM चरणजीत चन्नी की सरकार ने AAP के इस चुनावी वादे को बड़ा झटका दिया है।
CM ने कहा – 80% परिवारों को मिलेगा फायदा
CM चरणजीत चन्नी ने कहा कि पंजाब में बिजली बिलों की बड़ी समस्या है। कई सालों से लोगों के बिल बकाया हैं। ज्यादातर बकाया बिल 2 किलोवाट तक लोड वालों के हैं। जिसके दायरे में पंजाब में 53 लाख परिवार आते हैं। उन्होंने कहा कि अब इनके जो भी बकाया बिल है, सब माफ किए जाएंगे। इस फैसले से पंजाब के कुल 72 लाख उपभोक्ताओं में से 80% को फायदा मिलेगा। इसके लिए लोकल लेवल पर अफसरों और जनप्रतिनिधियों की कमेटी बनाई जाएगी। आने वाले बिल में भी उन्हें रियायत दी जाएगी।
पुराना नेक्सस तोड़ रेत माफिया खत्म करेंगे
CM चरणजीत चन्नी ने कहा कि पंजाब में रेत माफिया खत्म करने के लिए करीब हफ्ते बाद ही फैसला आ जाएगा। इसके लिए हम दिन-रात लगे हुए हैं। पुराने नेक्सस को तोड़कर इसे खत्म किया जाएगा। पिछली कैबिनेट के बाद चन्नी ने कहा था कि अब मालिक ही खेत से रेत निकालकर बेच सकेगा। हालांकि इसके खिलाफ माइनिंग ठेकेदार हाईकोर्ट पहुंच गए। वहां सरकार ने कहा कि हम कोई टेंडर रद्द नहीं कर रहे। इस पर हाईकोर्ट ने सरकार से एफिडेविट मांगा है। सरकार इसके लिए कोई नई पॉलिसी ला सकती है।
पंजाब चुनाव में बड़ा सियासी मुद्दा बिजली
पंजाब चुनाव 2022 में बिजली बड़ा सियासी मुद्दा है। पंजाब में महंगी बिजली को लेकर कैप्टन सरकार आरोपों के घिरी रही। नवजोत सिद्धू ने भी बिजली समझौतों के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। वह लगातार बिजली समझौते रद्द करने की मांग करते रहे। इन समझौतों की वजह से पंजाब में लोगों को महंगी बिजली मिल रही है। जिसको लेकर लोगों में गुस्सा है। इसे देखकर ही केजरीवाल ने कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में पहली गारंटी बिजली की दी। इसके बाद अकाली दल भी इसमें कूदा। केजरीवाल के 300 यूनिट के जवाब में सुखबीर बादल ने 400 यूनिट फ्री बिजली की घोषणा कर दी। पंजाब में कैप्टन को हटाने के बाद बिजली समझौते तो रद्द नहीं हुए लेकिन पिछला बकाया माफी के जरिए कांग्रेस सरकार ने भी बिजली मुद्दे को भुनाना शुरू कर दिया है।
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