UPSC में बिहार के शुभम बने टॉपर: 7वें स्थान पर भी जमुई के प्रवीण कुमार, भास्कर से बोले टॉपर- पेरेंट्स का शुक्रगुजार हूं

UPSC में बिहार के शुभम बने टॉपर: 7वें स्थान पर भी जमुई के प्रवीण कुमार, भास्कर से बोले टॉपर- पेरेंट्स का शुक्रगुजार हूं

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पटना28 मिनट पहले

UPSC 2020 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। इसमें बिहार के कटिहार के रहने वाले शुभम कुमार ने टॉप किया है। वहीं 7वां रैंक जमुई के प्रवीण कुमार को मिला है। शुभम ने वैकल्पिक विषय के रूप में एंथ्रोपोलॉजी के साथ परीक्षा पास की है। वह IIT बॉम्बे से बी.टेक (सिविल इंजीनियरिंग) हैं।

अपनी इस सफलता पर शुभम ने भास्कर से बातचीत में कहा- मैं बहुत खुश हूं। मैं परिवार के सदस्यों मम्मी-पापा, चाचा-चाची, दीदी का शुक्रगुजार हूं। परिवार वालों ने पढ़ाई के दौरान किसी भी तरह की आंच नहीं आने दी।’

मां बोलीं-बेटा क्लास वन से 10 तक टॉपर रहा
बेटे की इस सफलता पर मां पूनम सिंह ने कहा- ‘शुभम पुणे में ट्रेनिंग में हैं। मैं बहुत खुश हूं। मुझे बहुत अच्छा लगा। सभी बच्चे शुभम की तरह तैयारी करें। क्लास वन से लेकर 10 तक टॉपर रहा। अभी भी टॉपर है। बचपन से पूछती थी कि तुम क्या बनोगे तो वह कहता था मैं IAS बनूंगा। मैं उसको कहती थी तुम अच्छा तो पढ़ोगे तो मैं तुम्हें पढ़ाती रहूंगी। वह मुझे हौसला देता रहा।’

शुभम ने IIT बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिग की
शुभम कुम्हरी निवासी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के ब्रांच मैनेजर देवानंद सिंह व पूनम सिंह के पुत्र हैं। उनकी प्रारंभिक से लेकर 10वीं तक की शिक्षा विद्या विहार रेजिडेंशियल स्कूल से हुई। 12वीं की पढ़ाई चिन्मया विद्यालय बोकारो से हुई। उसके बाद उन्होंने IIT बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिग किया और फिर उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी। दूसरे प्रयास में 2019 में 209वां रैंक हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने इस साल फिर एग्जाम दिया और टॉप किया है।

अभी न्यूक्लियर साइंटिस्ट हैं शुभम
शुभम के पिता देवानंद सिंह ने बताया कि उनकी बेटी अंकिता कुमार न्यूक्लियर साइंटिस्ट हैं। वह अभी आरआर कैट में पोस्टेड हैं। संयुक्त परिवार है। देवानंद सिंह के छोटे भाई डॉ. मणि कुमार सिंह पूर्णिमा में एक्वाप्रेशर के डॉक्टर हैं।

जमुई के लाल प्रवीण कुमार ने 7वीं रैंक लाकर किया नाम रोशन।

जमुई के लाल प्रवीण कुमार ने 7वीं रैंक लाकर किया नाम रोशन।

सातवें स्थान पर आए प्रवीण, चकाई में जश्न का माहौल
चकाई बाजार निवासी प्रवीण कुमार बरनवाल ने ऑल इंडिया में 7वां रैंक लाकर चकाई का नाम पूरे देश में रोशन किया है। प्रवीण की सफलता से पूरे चकाई बाजार में जश्न का माहौल है। उसके घर पर बधाई देने वालों की भीड़ उमड़ रही है।

कानपुर IIT से पढ़ाई कर दिल्ली में 2 साल की तैयारी
प्रवीण के पिता सीताराम वर्णवाल ने बताया- ‘वह बचपन से ही मेधावी था। उसकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा जसीडीह स्थित रामकृष्ण विद्यालय से हुई थी। बाद में उसने पटना से CBSE से मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा पास की। उसके बाद कानपुर IIT से पढ़ाई कर दिल्ली में 2 साल से UPSC की तैयारी कर रहा था। उसने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है।’

प्रवीण की सफलता से उसकी मां वीणा देवी, बड़े भाई धनंजय वर्णवाल, बहन दीक्षा वर्णवाल एवं चाचा रामेश्वर लाल वर्णावाल खुशी से झूम रहे हैं। सीताराम वर्णावाल ने काफी गरीबी में अपने पुत्र प्रवीण को पढ़ाया- लिखाया और आज प्रवीण ने पूरे चकाई का नाम देश स्तर पर ऊंचा किया है।

प्रवीण की मां वीणा देवी ने कहा- “प्रवीण सिर्फ मेरा बेटा ही नहीं पूरे जमुई जिला का बेटा है और उम्मीद है कि वह आगे चलकर समाज सेवा के साथ-साथ देश की भी सेवा करेगा।’

प्रवीण के पिता की मेडिकल शॉप
प्रवीण वर्णवाल के भाई धनंजय से दैनिक भास्कर ने बात की। उन्होंने बताया कि प्रवीण दो भाई हैं और एक बहन हैं। बहन दीक्षा वर्णवाल कोटा में जेई एडवांस की तैयारी कर रही हैं। भाई धनंजय एनआईटी अगरतल्ला से पास आउट हैं। पिता सीता राम वर्णवाल की मेडिकल की दुकान है। मां वीणा देवी गृहिणी हैं।

प्रवीण बचपन में प्राइमरी स्तर की पढ़ाई सीबीएससी से चकाई से ही की। पटना से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की। प्रवीण ने इंजीनियरिंग सर्विस में थर्ड रैंक लाया था और गेट में 5वां रैंक लाया था। प्रवीण ने रेलवे में ज्वाइन किया और अभी बड़ोदरा में ट्रेनिंग कर रहे हैं। यूपीएससी में इनका विषय सिविल इंजीनियरिंग था। प्रवीण बचपन से पढ़ने में मेधावी रहे हैं।

सोशल मीडिया पर मिल रही बधाई
शुभम की इस सफलता के बाद सोशल मीडिया पर बधाई संदेश का तांता लग गया है। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सिविल सर्विस परीक्षा, 2020 में टॉपर बनने पर शुभम कुमार को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। वहीं, डिप्टी CM तारकिशोर प्रसाद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी बधाई दी।

बता दें कि इससे पहले बिहार के अमीर सुबहानी ने 1987 में UPSC में टॉप किया था। इनके बाद 1997 में सुनील वर्णवाल ने और 2000 में आलोक झा ने टॉप किया था।

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