असम में पुलिस कार्रवाई का विरोध: कब्जा हटाने गए जवानों और अतिक्रमणकारियों के बीच हिंसक झड़प; 2 की मौत, 9 पुलिसवालों समेत कई घायल

असम में पुलिस कार्रवाई का विरोध: कब्जा हटाने गए जवानों और अतिक्रमणकारियों के बीच हिंसक झड़प; 2 की मौत, 9 पुलिसवालों समेत कई घायल

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गुवाहाटी6 मिनट पहले

पुलिस और ग्रामीणों के बीच जमकर

असम के दरांग जिले में गुरुवार को कब्जा हटाने गई पुलिस की अतिक्रमणकारियों से झड़प हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिपाहझार में हुई इस झड़प में 2 लोगों की मौत हुई है। कई घायल भी हैं। इस झड़प के वीडियो भी सामने आए हैं। इसमें भारी संख्या में पुलिसवाले मौजूद हैं।

बताया जाता है कि पहले लोगों ने पथराव शुरू किया। इसके बाद पुलिस ने सख्ती बरती। कुछ पुलिसकर्मी गोलियां चलाते भी नजर आ रहे हैं। एक शख्स लाठी लेकर पुलिसकर्मियों की ओर से बढ़ता है। इसके बाद कई पुलिसकर्मी उस पर टूट पड़ते हैं। बताया जाता है कि यहां सोमवार से तनाव का माहौल था। पुलिस के मुताबिक, उसके भी 9 जवान घायल हुए हैं।

दरांग जिले के एसपी सुशांत बिस्वा सरमा ने बताया कि अतिक्रमणकारियों ने प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करते हुए पथराव शुरू कर दिया था। इसमें 9 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घटना में दो ग्रामीण भी घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं।

आखिर क्यों हटाया जा रहा अतिक्रमण
राज्य में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने यहां से अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया था। सरकार का कहना है कि इस जमीन का उपयोग कृषि परियोजना के लिए किया जाएगा। वहीं स्थानीय मीडिया का कहना है कि, गांव की 120 बीघा जमीन को खाली कराया गया था, जो प्राचीन शिव मंदिर से जुड़ी थी। इस गांव में ज्यादातर पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान रहते हैं।

पुलिस और ग्रामीणों के बीच जमकर लाठियां चलीं।

पुलिस और ग्रामीणों के बीच जमकर लाठियां चलीं।

अतिक्रमणकारियों पर सरकार का बुलडोजर
असम सरकार अवैध जमीन पर कब्जा हटाने को लेकर नई सरकार बनने के बाद यानी जून से ही अभियान छेड़े हुए है। 20 सितंबर को इसी के तहत दरांग जिले के सिपाझार में प्रशासन ने लगभग 4,500 बीघा जमीन से कब्जा हटाने का दावा किया है। यहां 800 परिवारों ने अवैध कब्जा जमा रखा था। खुद राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

गुरुवार को प्रशासन ने एक बार फिर से करीब 200 परिवार के खिलाफ इस अभियान को शुरू किया। अतिक्रमणकारियों ने इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया और लाठी-डंडे से लैस होकर पुलिस पर हमला कर दिया। इसके बाद ही फायरिंग की घटना हुई।

कांग्रेस ने कहा- हाईकोर्ट के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे CM
असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने अतिक्रमणकारियों पर पुलिस की फायरिंग को बर्बर कार्रवाई बताया है। कांग्रेस नेता ने कहा है कि कोरोना महामारी के संकट में गुवाहाटी हाई कोर्ट ने अतिक्रमण के खिलाफ अभियान को रोकने का निर्देश दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की मनमानी के चलते 1970 के दशक से धौलपुर में बसे लोगों से जमीन खाली करवाई जा रही है। सरकार को हटाना ही था तो पहले उनके रहने की व्यवस्था करते। जबकि बेदखल करने से पहले सरकार को इन लोगों को फिर से कहीं और बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी।

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