कैपटन ने लिखा सोनिया गांधी को पत्र: कैपटन अमरिंदर का सोनिया गांधी को पत्र, अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए बोले उमीद है प्रदेश में शांति बनी रहेगी
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लुधियाना6 मिनट पहले
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कैपटन अमरिंदर सिंह
कैपटन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां बताते हुए कहा है कि उन्होंने सरहदी क्षेत्र होने के चलते पिछले समय में बने समीकरण के बावजूद प्रदेश में अमन शांति बनाकर रखी है और उमीद है कि उनके मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी ऐसे ही हालात बने रहेंगे। यह पत्र उनकी ओर से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी को भेजा था। जिसमें उन्होंने बताया है कि उनकी ओर से अपने चुनावी वादों में में से 89.2% वादे पूरे किए हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि “मेरी व्यक्तिगत पीड़ा के बावजूद, मुझे आशा है कि इससे राज्य में कड़ी मेहनत से अर्जित शांति और विकास को कोई नुकसान नहीं होगा, और पिछले कुछ वर्षों के दौरान मैं जिन प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, वे निरंतर जारी रहेंगे, सभी को न्याय सुनिश्चित करेंगे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोनिया को लिखे अपने पत्र में कांग्रेस की राज्य इकाई में राजनीतिक विकास के परिणामस्वरूप पंजाब में अस्थिरता की अपनी आशंका का संकेत दिया। साथ ही, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर अपना व्यक्तिगत संतोष व्यक्त किया, जो कि एक सीमावर्ती राज्य के रूप में, “कई भू-राजनीतिक और अन्य आंतरिक सुरक्षा चिंताएँ हैं, जिन्हें मैंने प्रभावी ढंग से संभालने की कोशिश की। बिना किसी समझौते के।” उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि राज्य पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा और किसी के प्रति कोई दुर्भावना के बिना पूर्ण सांप्रदायिक सद्भाव था। उनकी अगुवाई में जीती गई लोक सभा चुनाव में 8 सीटें इस पत्र के जरिए कैपटन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्षा को चेताया है कि उन्होंने पंजाब के लोगों के कल्याण के लिए पूरे दिल से काम किया है। जिस राज्य को वह दिल से प्यार करते हैं। “यह मेरे लिए बेहद संतोषजनक था क्योंकि न केवल मैंने कानून का शासन स्थापित किया, और पारदर्शी शासन सुनिश्चित किया, बल्कि राजनीतिक मामलों के प्रबंधन में भी नैतिक आचरण बनाए रखा। इसीका नतीजा था कि 2019 में संसद चुनावों में 13 में से 8 सीटें जीती थीं। किसानों के लिए विशेष काम किए , तभी आर्थिकता सुधरी पंजाब की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले किसानों को कर्ज में राहत देने और उनकी संपत्तियों को कुर्क करने के वैधानिक प्रावधानों को रद्द करने की अपनी वचनबद्धता के अनुरूप 4,624 करोड़ रुपये से 5.64 करोड़ रुपये की कर्ज राहत दी है। लाखों किसानों और 2.68 लाख कृषि श्रमिकों को 526 करोड़ रुपये का फायदा मिला है। उन्होंने कहा, “इसके अलावा, हमने पंजाब राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 1961 की धारा 67-ए को रद्द कर दिया है और नागरिक प्रक्रिया संहिता में भी संशोधन किया है, जिसमें 2.5 एकड़ तक की कृषि भूमि की कुर्की की अनुमति नहीं है।” नशे पर घेरते रहे विरोधी, पत्र में दी जानकारी कैपटन अमरिंदर सिंह को विरोधी नशे के मुद्दे पर घेरते रहे हैं, इस पर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्षा को बताया है कि पंजाब के लोगों से राज्य में नशा तस्करों और तस्करों की कमर तोड़ने के अपने व्यक्तिगत वादे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक विशेष कार्य बल स्पेशल टास्क फोर्स की स्थापना की गई थी। नशे के खिलाफ किए गए काम के परिणामस्वरूप, 62,744 लोगों को गिरफ्तार किया गया, 202 ओओएटी क्लीनिक स्थापित किए गए, 6,28,083 ड्रग दुरुपयोग रोकथाम अधिकारी (डीएपीओ) पंजीकृत किए गए और 9, 51,202 बडी ग्रुप बनाए गए। इसके अलावा उनकी ओर पुल, सड़क निर्माण पर किए खर्च, लोगों के लिए चलाई गई स्कीमों का भी उलेख किया है। शिक्षा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि “हमने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में 8 नए विश्वविद्यालय भी शुरू किए हैं, 19 नए सरकारी कॉलेज और 25 नए आईटीआई स्थापित किए हैं।” सोनिया ने तीन बार बुलाकर पूछी थी कार्यप्रणाली कैपटन अमरिंदर सिंह ने खुद इस बात का जिक्र किया था कि उन्हें पांच माह में तीन बार बुलाया गया और अपनी कार्यप्रणाली के बारे में बताने को कहा गया था। जिस कारण वह अपने आप को बेईज्जत महसूस कर रहे थे और यही कारण है कि उनकी ओर से इस्तीफे से पहले पत्र लिखकर उन्हें इस बारे में जानकारी दी है। मुस्तफा ने कसा तंज, बोले पत्र लिखने में माहिर हैं कैपटन कैपटन अमरिंदर सिंह द्वारा पत्र लिखने पर नवजोत सिंह सिद्दू के सलाहकार मुहंमद मुस्तफ ने तंज कसा है। वह कहते हैं कि कैपटन तो पत्र लिखने में माहिर हैं। पहले प्रताप सिंह बाजवा के खिलाफ पत्र लिखा और उसे तस्कर बताया था और आज इक्ट्ठा घूम रहे हैं। अब यह पत्र लिखा है इससे कुछ फायदा नहीं होने वाला है। वह तो खुद के लिए ही सोचते हैं और दूसरों को इस्तेमाल कर फेंकने के माहिर हैं।
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