पंजाब में कांग्रेस की नई चुनौती बनेंगे कैप्टन: इस्तीफे के बाद याद दिलाया सियासी अनुभव; भविष्य की राजनीति का संकेत देकर दिखाए बागी तेवर
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जालंधर11 मिनट पहले
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कैप्टन अमरिंदर सिंह।
पूरा दिन चले घटनाक्रम के बाद यह बात जगजाहिर है कि पंजाब में अब कांग्रेस के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ही नई चुनौती बनेंगे। कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने बाहर आकर विरोधियों को अपना सियासी अनुभव याद दिलाया। कैप्टन ने 52 साल की राजनीति और साढ़े 9 साल CM रहने की बात कही। इस बयान से उन्होंने अहसास कराया कि उन्हें राजनीति का कोई कच्चा खिलाड़ी न समझें। साफ है कि उनका यह इस्तीफा कम से कम विरोधियों के लिए जश्न मनाने का मौका कतई नहीं है। कैप्टन ने भविष्य की राजनीति का संकेत देकर भी बागी तेवर दिखाए हैं। इससे आने वाले समय में पंजाब में पार्टी और दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान की मुश्किलें बढ़ेंगी।
सियासी बनवास पर नहीं जाएंगे कैप्टन
कैप्टन ने कहा कि उनके पास बहुत विकल्प हैं। सही समय पर सही फैसला लेंगे। इससे साफ है कि कैप्टन फिलहाल सियासी बनवास पर जाने के लिए तैयार नहीं हैं। कैप्टन कांग्रेस में रहें या दूसरी पार्टी में, मुश्किल कांग्रेस की ही बढ़ने वाली है। खासकर, जिस तरीके से उन्हें हटाया गया और उन्होंने इसे अपना अपमान बताया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर सबसे बड़ी सियासी चर्चा BJP में जाने की है। कैप्टन के साथ हुए व्यवहार के बाद तो पूर्व भाजपा मंत्री मास्टर मोहन लाल ने तो पार्टी में शामिल होने का न्योता तक दे दिया। जाहिर है कि कैप्टन के पास भविष्य के कई विकल्पों में सबसे बड़ी ऑप्शन भाजपा भी है।
हाईकमान को संदेश, कांग्रेस में रहे तो सिद्धू ग्रुप का फैसला नहीं मानेंगे
वहीं, कांग्रेस हाईकमान को भी कैप्टन ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि उनका फैसला फिलहाल कैप्टन को मंजूर नहीं होगा। कैप्टन को जब पूछा गया कि क्या वो नए CM को कबूल करेंगे तो उन्होंने कहा कि अभी नहीं। इसके बारे में अपने समर्थकों से बात करेंगे। मतलब साफ है कि नवजोत सिद्धू के ग्रुप का जो फैसला होगा, वह कैप्टन आसानी से नहीं मानेंगे।
सिद्धू के खिलाफ जारी रहेगी जंग
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह भी साफ कर दिया है कि नवजोत सिद्धू पर उनका पुराना रुख कायम है। सिद्धू उन्हें न पार्टी प्रधान के तौर पर कबूल थे और न अब मुख्यमंत्री के रूप में। कैप्टन ने कहा कि सिद्धू को जब मंत्रालय दिया तो उसे नहीं चला सके। उसका बेड़ागर्क करके रख दिया। वो सरकार चलाने में सक्षम नहीं हैं।
दिल्ली से आए नेताओं से मिलने से इनकार
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुबह ही सोनिया गांधी को फोन कर अपमानित किए जाने पर नाराजगी जताई थी। वहीं, दिल्ली से आए अजय माकन ने उनसे मुलाकात करनी चाही थी। हालांकि कैप्टन ने उनसे मिलने से साफ इंकार कर दिया।
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