नेशनल हेल्थ मिशन का नाम पीएम डिजिटल हेल्थ मिशन होगा!: मरीज के अस्पताल पहुंचते ही हेल्थ कार्ड, डॉक्टर या दूसरे कर्मी रिकॉर्ड अपडेट कर सकेंगे; जांच की फाइल से छुटकारा मिलेगा

नेशनल हेल्थ मिशन का नाम पीएम डिजिटल हेल्थ मिशन होगा!: मरीज के अस्पताल पहुंचते ही हेल्थ कार्ड, डॉक्टर या दूसरे कर्मी रिकॉर्ड अपडेट कर सकेंगे; जांच की फाइल से छुटकारा मिलेगा

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नई दिल्ली21 मिनट पहले

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नेशनल हेल्थ मिशन का नाम पीएम डिजिटल हेल्थ मिशन होगा!: मरीज के अस्पताल पहुंचते ही हेल्थ कार्ड, डॉक्टर या दूसरे कर्मी रिकॉर्ड अपडेट कर सकेंगे; जांच की फाइल से छुटकारा मिलेगा

नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (एनडीएचएच) का नाम बदल कर अब पीएम डिजिटल हेल्थ मिशन करने पर विचार चल रहा है। यही नहीं 14 डिजिट वाले यूनिक हेल्थ आईडी नंबर के साथ-साथ ईमेल की तरह एक आईडी भी बन सकता है। इस पर आपके स्वास्थ्य की पूरी जानकारी होगी। आपके नाम से एक ईमेल आईडी बनेगा। उसे पीएचआर (पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड) एड्रेस कहा जाएगा। इसका पासवर्ड आप स्वयं तय कर सकेंगे।

ईमेल एड्रेस और पासवर्ड से भी आप अपना पूरा हेल्थ रिकॉर्ड देख सकेंगे। healthid.ndhm.gov.in पर जाकर कोई भी शख्स अपना पीएचआर आईडी बना सकता है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के एक अधिकारी ने बताया कि कार्ड बनवाने के लिए हर अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर डेटा एंट्री ऑपरेटर रहेगा। अस्पताल के इंटरनल आईटी सिस्टम में एनडीएचएम इंस्टॉल होगा।

जब कोई मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचेगातब उसका हेल्थ आईडी कार्ड बन जाएगा। इसके बाद जब मरीज डॉक्टर के पास पहुंचे तब मरीज को 14 डिजिट वाला हेल्थ आईडी नंबर बताना होगा। मोबाइल पर आया ओटीपी बताना होगा। फिर डॉक्टर मरीज को देखने के बाद जो भी दवा या जांच लिखेगा, उसे हेल्थ कार्ड में अपलोड कर दिया जाएगा। यदि कोई जांच करानी हो और मरीज एनडीएचएम से पंजीकृत लैब में जांच कराने जाता है तो वहां भी उसे हेल्थ आईडी नंबर और ओटीपी बताना होगा।

जांच के बाद रिपोर्ट को भी हेल्थ कार्ड में अपलोड कर दिया जाएगा। इसके बाद डॉक्टर ऑनलाइन पोर्टल पर ही रिपोर्ट देख सकते हैंं। इसका फायदा यह होगा कि मरीज को जांच की फाइलों को लेकर नहीं चलना पड़ेगा। यहां तक कि उसकी मेडिकल हिस्ट्री भी एक क्लिक में खुल जाएगी। इससे बेहतर इलाज मिलने में आसानी होगी।

पायलट प्रोजेक्ट केंद्रशासित प्रदेशों में काम शुरू हो चुका
इस योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अंडमान निकोबार, चंडीगढ़, दादर नागर हवेली, दमनदीव, लद्दाख और लक्षद्वीप जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में हो गई है। यहां कुछ जगहों पर डॉक्टर्स ने स्वयं तो कुछ अस्पतालों में इसके लिए डेटा एंट्री ऑपरेटर की मदद ली। एनएचए के अधिकारी ने बताया कि मरीज का हेल्थ रिकॉर्ड कार्ड में डॉक्टर्स अपलोड करेंगे या दूसरी स्वास्थ्य कर्मी, यह अस्पताल को तय करना होगा।

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