अग्नि-V के यूजर ट्रायल से पहले झल्लाया चीन, कहा- भारत से शांति बनाए रखने की उम्मीद
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भारत द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण की योजना को लेकर चीन ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि भारत सहित दक्षिण एशिया के सभी देश क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की भरसक कोशिश करेंगे। चीनी विदेश मंत्रालय ने यूनाइटेड नेशंस के प्रस्ताव 1172 का हवाला भी दिया है। बता दें कि इस प्रस्ताव के तहत यूनाइटेड नेशंस ने 1998 में भारत के परमाणु बम परीक्षणों की निंदा की थी और आगे के परीक्षणों में शामिल होने से परहेज की बात कही थी।
भारत इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-V के पहले यूजर ट्रायल के लिए तैयार है। पांच हजार किलोमीटर रेंज वाले इस मिसाइल का 23 सितंबर को परीक्षण किए जाने की संभावना है। यह मिसाइल सभी एशियाई देशों सहित अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्से को भी भेदने में सक्षम है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि अग्नि-V मिसाइल चीन की राजधानी बीजिंग सहित घनी आबादी वाले क्षेत्र को भी भेदने में सक्षम है।
2018 में हैट्रिक प्री-इंडक्शन ट्रायल के बाद 2020 में अग्नि-V को शामिल किए जाने की योजना थी। लेकिन कथित तौर पर कोरोना वायरस महामारी के कारण इसमें देरी हुई है। DRDO द्वारा विकसित 17 मीटर लंबी और 2 मीटर चौड़ी यह मिसाइल 1.5 टन का पेलोड ले जा सकती है और इसका वजन लगभग 50 टन है। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्रांस, इजरायल और उत्तर कोरिया के बाद इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल रखने वाला भारत आठवां देश है।
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना सभी पक्षों के हित में है। चीन को उम्मीद है कि सभी पक्ष इसको लेकर रचनात्मक कदम उठाएंगे।
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