बादलों ने रची किसानों को गुलाम बनाने की साजिश: नवजोत सिद्धू का बड़ा आरोप- केंद्रीय कृषि सुधार कानून पंजाब कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट 2013 की कार्बन कॉपी; इसके नीति निर्माता बादल

बादलों ने रची किसानों को गुलाम बनाने की साजिश: नवजोत सिद्धू का बड़ा आरोप- केंद्रीय कृषि सुधार कानून पंजाब कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट 2013 की कार्बन कॉपी; इसके नीति निर्माता बादल

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जालंधर6 मिनट पहले

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बादलों ने रची किसानों को गुलाम बनाने की साजिश: नवजोत सिद्धू का बड़ा आरोप- केंद्रीय कृषि सुधार कानून पंजाब कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट 2013 की कार्बन कॉपी; इसके नीति निर्माता बादल

पंजाब में किसानों पर घमासान को लेकर अब प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू भी मैदान में कूद गए हैं। बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेस कान्फ्रेंस कर सिद्धू ने कहा कि केंद्रीय कृषि सुधार कानून पंजाब फार्मिंग एक्ट 2013 की कार्बन कॉपी है। यह सीधे तौर पर पंजाब के कानून को कॉपी कर केंद्र ने मामूली बदलाव के साथ पेस्ट कर दिया। सिद्धू ने कहा कि इन कानूनों के नीति निर्माता परकाश सिंह बादल हैं। जिन्होंने पहले पंजाब व फिर पूरे देश में इसे लागू कराने की कोशिश की।

सिद्धू ने कहा कि पंजाब में 2013 में पंजाब कांट्रेक्ट फार्मिंग एक्ट बनाया गया। जिसे पंजाब विधानसभा के पटल पर तत्कालीन मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल ने रखा। काले कानूनों की आत्मा यही कानून बना। इसकी नींव बादलों ने रखी। बादलों से ब्लू प्रिंट लेकर मोदी सरकार ने यह कानून बनाए। बादलों ने केंद्र सरकार को आइडिया दिया, जिसके बाद इसे पूरे देश में लागू करने का काम किया गया।

सिद्धू बोले- किसानों को गुलाम बनाने की साजिश

सिद्धू ने कहा कि बादलों ने पंजाब में जो कानून बनाया, उसमें कहीं भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का जिक्र नहीं है। उलटा इसमें 108 फसलों को शेड्यूल एक्ट के साथ जोड़ा गया। खास बात यह है कि गेहूं व धान भी इसमें शामिल है,जिन पर MSP मिलती है। एक्ट में कार्पोरेट को MSP से कम रेट पर खरीदने की छूट दी गई। कार्पोरट व किसान के विवाद का निपटारा SDM करेगा लेकिन किसान असहमत हुआ तो उसे सिविल कोर्ट जाने का अधिकार नहीं। अगर किसान पर बकाया खड़ा तो उसकी फर्द में दर्ज होगा। उसे लोन व दूसरी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। वहीं, किसान के डिफाल्टर होने पर उसे एक साल की कैद की सजा व 5 हजार से 5 लाख जुर्माना होगा।

सब कुछ कार्पोरेट देगा, प्राइज एश्योरेंस सिर्फ कार्पोरेट्स के लिए

सिद्धू ने कहा कि कानून में साफ है कि एग्रीमेंट के बाद किसान को बीज,खाद, मशीनरी, तकनीक व एडवाइजरी तक कार्पोरेट्स देगा। पंजाब में इसका एक सीजन 3 साल का था, जबकि केंद्रीय कानून में इसे 5 साल कर दिया जाएगा। यह भी बंदिश लगा दी गई कि फसल को किसान मंडी नहीं ले जा सकता, कार्पोरेट्स सीधे खेत से खरीदेगा। केंद्रीय कानून के नाम को लेकर सिद्धू ने कहा कि इसमें लिखा प्राइज एश्योरेंस सिर्फ कार्पोरेट्स के लिए है, किसानों के लिए नहीं।

बादलों के तारीफ वाले वीडियो दिखाए

सिद्धू ने केंद्रीय कृषि कानूनों की तारीफ वाले वीडियो दिखाए। जिसमें पूर्व CM परकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल व हरसिमरत बादल उनकी सराहना कर रहे हैं। फिर वह वीडियो भी दिखाया, जिसमें सुखबीर व हरसिमरत किसानों के विरोध के बाद कानून के खिलाफ बोल रहे हैं। सिद्धू ने कहा कि आल पार्टी मीटिंग में कानून विरोधी रेजोल्यूशन पर सुखबीर ने विदड्रॉल कर लिया था। सुखबीर ने कानून को किसानों के लिए फायदेमंद बताया था।

इशारों में फिर कैप्टन पर हमला, बादलों ने कर्जा माफी की मशहूरी की

सिद्धू ने कहा कि बादल सरकार 2016 में कर्जा माफी कानून लाई लेकिन एक पाई भी माफ नहीं किया। इसके लिए जिला व राज्य स्तर पर अथॉरिटी तक नहीं बनाई गई। इसके प्रचार पर एक दिन में बादल सरकार ने विज्ञापन पर 1 करोड़ 17 लाख रुपए खर्च किए। सिद्धू ने कहा कि पंजाब की कैप्टन सरकार की मंशा चाहे जो हो लेकिन उन्होंने 5,800 करोड़ रुपया माफ किया।

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