SAD ने जारी की 62 उम्मीदवारों की लिस्ट: मालवा से 44, दोआबा से 9 और माझा से 11 कैंडिडेट्स उतारे; इनमें से 25 टिकटों का सुखबीर पहले भी कर चुके ऐलान
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लुधियाना27 मिनट पहले
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अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल। फाइल फोटो
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) बादल ने अगले 6 माह तक संभावित पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए अपने 62 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इसमें ज्यादातर सीटें मालवा की हैं। पहले अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की तरफ से ‘गल पंजाब दी’ प्रोग्राम के तहत 100 दिन 100 विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान इन सीटों का ऐलान किया जाना था, मगर किसानों के विरोध के कारण कार्यक्रम रद्द करने पड़े।
इन सीटों में 25 सीटों का ऐलान सुखबीर की जनसभाओं पर रोक से पहले किया चुका है और बाकी की लिस्ट सोमवार को जारी की गई है। लिस्ट के अनुसार अब तक 44 मालवा से, दोआबा से 9 और माझा से 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे गए हैं। शिअद की तरफ से अभी अपने 35 अन्य उमीदवारों का ऐलान करना बाकी है। वहीं शिअद के साथ गठबंधन में चल रही बीएसपी ने अपनी 20 सीटों पर अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
अकाली दल ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट।
शिरोमणी अकाली दल सूबे में टिकट घोषणा और चुनाव प्रचार के मामले में सभी दलों से आगे चल रहा है। अभी तक आम आदमी पार्टी (आप) या कांग्रेस इस पर मंथन भी नहीं कर सकी हैं और अकाली दल ने इतनी टिकट भी बांट दी हैं। सुखबीर बादल खुद सभी विधा सभा क्षेत्र में जाकर लोगों से मिलना भी चाहते थे और उम्मीदवार का ऐलान भी लोगों के बीच करना चाहते थे। मगर मोगा की जनसभा के दौरान हुए लाठीचार्ज और किसानों व पुलिस की भिडंत के बाद से उन्होंने अपनी जनसभाएं रोक दीं। मगर सोमवार को एक साथ उमीदवारों की सूची जारी कर उन्होंने अपनी चुनावी मुहिम को ताकत दी है।
अकाली दल के उम्मीदवारों की लिस्ट।
गठबंधन के बीच 97-20 में चुनाव लड़ रहे शिअद-बसपा
12 जून 2021 को शिरोमणी अकाली दल बादल और बसपा के बीच 1996 में टूटा गठजोड़ दोबारा से हुआ था। सीनियर लीडरशिप के बीच में यह फैसला लिया गया था कि शिअद की तरफ से 97 और बसपा की तरफ से 20 सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा। बसपा को ज्यादातर दोआबा की, कुछेक माझा और कुछेक मालवा की सीटें चुनाव के लिए दी गई थीं। अकाली दल की तरफ से 62 सीटों का ऐलान हो चुका है और बसपा एक भी सीट पर घोषणा नहीं कर पाई है। अकाली दल के नेता बसपा के नेताओं को चुनाव प्रचार में तेजी लाने के लिए भी बोल चुके हैं। इसके लिए चंडीगढ़ में तालमेल कमेटी की बैठक भी हो चुकी है।
किसान संगठनों के साथ विरोधी भी बता रहे जल्दबाजी
खेती कानूनों को लेकर संघर्ष कर रहे किसान संगठन सुखबीर सिंह बादल द्वारा की जा रहीं जनसभाई को जल्दबाजी बता रहे हैं। बीकेयू राजेवाल के अध्यक्ष बलवीर सिंह राजेवाल कहते हैं कि सुखबीर बादल बड़ी तेजी में हैं। सुखबीर कहते हैं कि वह किसान हितैषी हैं, मगर चुनावी रैलियां कर वह किसान संघर्ष को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनकी ही पार्टी छोड़कर गए सुखदेव सिंह ढींडसा कहते हैं कि सुखबीर को जल्दबाजी का कोई फायदा नहीं होने वाला।
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