आज का इतिहास: पाकिस्तान की हरकत से नाराज हुए सरदार पटेल ने तय किया था- कश्मीर भारत का हिस्सा बनेगा
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7 घंटे पहले
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1947 में भारत को आजादी के साथ-साथ कई समस्याएं भी मिली थीं। इनमें से एक बड़ी समस्या रियासतों के विलय की थी। ज्यादातर रियासतें भारत में आसानी से शामिल हो गई थीं, लेकिन कुछ रियासतें ऐसी थीं जो आजादी की घोषणा कर चुकी थीं। इनमें से एक रियासत थी कश्मीर, जो आज भी भारत-पाकिस्तान के टकराव का मुद्दा बना हुआ है।
इन रियासतों को भारत में शामिल कराने की जिम्मेदारी मिली थी सरदार पटेल को। कश्मीर के राजा हरीसिंह ने अपनी रियासत जम्मू-कश्मीर को स्वतंत्र रखने का फैसला लिया। हरीसिंह का मानना था कि कश्मीर यदि पाकिस्तान में मिलता है तो जम्मू की हिन्दू जनता के साथ अन्याय होगा और अगर भारत में मिलता है तो मुस्लिम जनता के साथ अन्याय होगा।
भारत की आजादी से दो महीने पहले तक लॉर्ड माउंटबेटन ने कश्मीर के राजा महाराजा हरीसिंह से कहा था कि यदि वे पाकिस्तान के साथ जाने का फैसला करते हैं, तो भारत कोई दखल नहीं देगा। ये बात लॉर्ड माउंटबेटन के राजनीतिक सलाहकार रहे वीपी मेनन की किताब ‘इंटिग्रेशन ऑफ द इंडिया स्टेट्स’ में लिखी है।
सरदार पटेल के साथ कश्मीर के राजा हरी सिंह।
सरदार पटेल भी हैदराबाद के बदले पाकिस्तान को कश्मीर देने के लिए राजी थे। 13 सितंबर 1947 की सुबह पटेल ने रक्षा मंत्री बलदेव सिंह को चिट्ठी लिखी कि कश्मीर चाहे तो पाकिस्तान में शामिल हो सकता है। इसी दिन पटेल को जब पता चला कि पाकिस्तान ने जूनागढ़ के विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है, तो वे भड़क गए।
उनका कहना था कि यदि पाकिस्तान, हिंदू बहुल आबादी वाले मुस्लिम शासक के जूनागढ़ को अपना हिस्सा बना सकता है तो भारत, मुस्लिम बहुल आबादी वाले हिंदू शासक के कश्मीर को क्यों नहीं ले सकता? उस दिन से कश्मीर पटेल की प्राथमिकता बन गया था।
1948: सरदार पटेल के आदेश पर हैदराबाद में सेना घुसी थी
आजादी के बाद हैदराबाद के नवाब मीर उस्मान अली ने अपनी रियासत को आजाद रखने का फैसला लिया था। वो चाहता था कि हैदराबाद का संबंध सिर्फ ब्रिटिश सम्राट से ही रहे।
हैदराबाद कांग्रेस चाह रही थी कि हैदराबाद का विलय भारत में हो, लेकिन दूसरी तरफ इत्तेहादुल मुस्लिमीन नाम का संगठन निजाम का समर्थन कर रहा था।
हैदराबाद में रजाकारों ने अपनी अलग सेना तैयार कर ली थी।
पटेल ने 13 सितंबर 1948 को भारतीय सेना को हैदराबाद पर चढ़ाई करने का आदेश दे दिया। इसे ऑपरेशन पोलो कहा गया। 3 दिनों के भीतर ही भारतीय सेना ने हैदराबाद पर कब्जा कर लिया। इस ऑपरेशन में 42 भारतीय सैनिक शहीद हुए और 2 हजार रजाकार मारे गए। हालांकि, अलग-अलग लोग इस आंकड़े को काफी ज्यादा बताते हैं। 17 सितंबर 1948 को निजाम ने हैदराबाद के भारत में विलय की घोषणा की।
1929: जतिंद्र नाथ दास की शहादत
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को हम शहीद दिवस के तौर पर याद करते हैं, लेकिन उनके ही साथी थे- जतिंद्र नाथ दास, जिन्हें जतिन दा भी कहा जाता था। 27 अक्टूबर 1904 को जन्मे जतिंद्र नाथ 16 साल की उम्र में ही आजादी के आंदोलन से जुड़ गए थे। दक्षिणेश्वर बम कांड और काकोरी कांड के सिलसिले में 1925 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
जतिंद्र नाथ दास की शहादत के 50 साल पूरे होने पर भारत सरकार ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया था।
सबूत नहीं थे, इस वजह से मुकदमा नहीं चला, पर उन्हें नजरबंद रखा गया। लाहौर असेंबली में बम फेंकने के मामले में भगत सिंह के साथियों के साथ ही जतिन दा भी पकड़े गए थे। जेल में अव्यवस्था के खिलाफ क्रांतिकारियों ने जतिन दा के नेतृत्व में 13 जुलाई 1929 को अनशन शुरू किया। उनका अनशन खत्म करने की हर कोशिश की गई, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए।
हड़ताल के 63वें दिन जतिन दास के कहने पर एक साथी ने ‘एकला चलो रे’ और फिर ‘वन्दे मातरम्’ गाया। यह गीत पूरा होते ही जतिन दा ने 13 सितंबर 1929 को सिर्फ 24 साल की उम्र में दुनिया से विदाई ले ली।
13 सितंबर के दिन को इतिहास में किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है…
2013: तालिबान आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के हेरात में अमेरिका के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया।
2009: चन्द्रमा पर बर्फ खोजने का इसरो-नासा का अभियान असफल हुआ।
2008: दिल्ली में तीन स्थानों पर 30 मिनट के अंतराल में चार बम विस्फोट हुए। इनमें 19 लोगों की मौत हुई और 90 से अधिक घायल हुए।
2007: नासा के वैज्ञानिकों ने बृहस्पति से तीन गुना बड़े ग्रह का पता लगाया।
2002: इजराइल ने फिलिस्तीन अधिकृत गाजा पट्टी पर हमला किया।
2000: भारत के विश्वनाथन आनंद ने शेनयांन में पहला फ़िडे शतरंज विश्व कप जीता।
1947: भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 40 लाख हिंदुओं और मुसलमानों के पारस्परिक स्थानांतरण का सुझाव दिया।
1933: एलिजाबेथ मेकॉम्ब्स न्यूजीलैंड की संसद में पहुंचने वाली पहली महिला बनीं। उन्होंने लिटिलटन से चुनाव जीता। इससे पहले ये सीट उनके पति के पास थी।
1923: स्पेन में सैन्य तख्ता पलट हुआ। मिगेल डे प्रिमो रिवेरा ने सत्ता संभाली और तानाशाह सरकार की स्थापना की। ट्रेड यूनियनों को 10 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।
1922: लीबिया के एल अजिजिया में धरती पर उच्चतम तापमान दर्ज किया गया। उस समय छाया में नापा गया तापमान 58 डिग्री सेल्सियस था।
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