गुरदास मान केस में सामने आया कोर्ट का फैसला: बेल रिजेक्ट करते हुए जज बोले- किसी की जाति एक समान तो उसे वारिस नहीं कह सकते, जमानत दी तो पंजाब का माहौल खराब हो सकता है
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- Court’s Decision Came Out In Gurdas Mann Case, While Rejecting The Bail, The Judge Said: If One’s Caste Is The Same, He Cannot Be Called Heir, If Given Bail, The Atmosphere Of Punjab Can Be Spoiled
जालंधरएक घंटा पहले
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पंजाबी गायक गुरदास मान की विवादित टिप्पणी के मामले में जालंधर सेशन कोर्ट का फैसला सामने आ गया है। सेशन कोर्ट ने गुरदास मान की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। इसमें कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी की जाति एक समान है तो उसे किसी का वारिस नहीं कहा जा सकता। गुरदास मान ने डेरा बाबा मुराद शाह नकोदर मेले में डेरे के गद्दीनशीन रहे साईं लाडी शाह को सिख गुरु अमरदास जी का वंश बता दिया था। जिसके बाद सिख संगठनों ने इसका विरोध करते हुए नेशनल हाइवे जाम कर दिया। फिर पुलिस ने मान के खिलाफ थाना नकोदर में धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज कर दिया।
इस मामले में सेशन कोर्ट ने यह भी कहा है कि गुरदास मान ने अपने कहे पर माफी मांगी है। इससे साफ है कि उन्होंने ऐसी टिप्पणी की है। मान ने अपनी टिप्पणी का विरोध होने के बाद वीडियो जारी कर माफी मांग ली थी। जो भी अदालत में अग्रिम जमानत की सुनवाई के दौरान उनके खिलाफ गया।
कोर्ट ने वीडियो देख कहा- मान ने जानबूझकर नहीं कहा, इस स्टेज पर नहीं कह सकते
फैसला देते हुए सेशन कोर्ट ने गुरदास मान की तरफ से की गई विवादित टिप्पणी को बहुत गंभीर बताया। कोर्ट ने गुरदास मान का वीडियो भी देखा, जिसमें साईं लाडी शाह को गुरु अमरदास जी का वंश बताया गया। मान ने कहा था कि साईं लाडी शाह व सिखों के तीसरे गुरु श्री गुरु अमरदास जी भल्ला गोत्र से हैं, इसलिए वो उनके वंश हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई भल्ला जाति से है तो यह नहीं कहा जा सकता कि वो श्री गुरु अमरदास जी महाराज का वारिस है। सबकी अपनी अलग पहचान है। मान के वकीलों ने कहा था कि उन्होंने जानबूझकर किसी मंशा से ऐसा नहीं कहा, लेकिन कोर्ट ने कहा कि केस की इस स्टेज पर इसके बारे में फैसला नहीं किया जा सकता।
मान को अग्रिम जमनत दी तो नाराज लोगों का रोष बढ़ सकता है
मान के वकीलों ने कहा था कि गुरदास मान ने पहले ही अज्ञानतावश की गई इस टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है। इस दलील पर भी कोर्ट ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि माफी मांगने से गुरदास मान से इस बात को कबूला है कि उन्होंने ऐसी टिप्पणी की है। धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप के केस में लगी धारा 295A कंपाउंडेबल नहीं है। कोर्ट ने कहा कि मान की टिप्पणी से देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सिख संगत में भारी रोष है। अगर मान को अग्रिम जमानत दी जाती है तो इससे नाराज लोगों का रोष बढ़ सकता है। इससे पंजाब का शांतिपूर्ण माहौल खराब हो सकता है।
बड़ी संख्या में लोगों की भावनाएं आहत हुई, समाज में गलत संदेश गया
सेशन कोर्ट ने कहा कि जब भी कोर्ट को जमानत पर फैसला लेना होता है तो यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इससे आम जनता का न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा बना रहे। गुरदास मान के मामले में साईं लाडी शाह को श्री गुरु अमरदास जी का वंश बताने से बड़ी संख्या में लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। अगर मान को अग्रिम जमानत दी जाती है तो इससे समाज व टिप्पणी से नाराज सिख कम्युनिटी में गलत संदेश जाएगा।
मान के वकीलों ने यह दी थी दलीलें…..
- मान ने पंजाबी भाषा में बड़ा योगदान दिया : अग्रिम जमानत के लिए मान के वकीलों ने दलील दी थी कि गुरदास मान मशहूर पंजाबी गायक हैं। उन्होंने सिख गुरुओं के समान में बड़ी संख्या में गीत गाए हैं। उनके गीतों ने पंजाबी भाषा को पूरे देश में पहचान दी है। मान खुद सिख धर्म से हैं। उन्होंने अकाल तख्त पटना साहिब में लेजर शो में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का इतिहास गाया व बताया है। अकाल तख्त हजूर साहिब में लेजर शो में उन्होंने श्री गुरु साहिब का इतिहास गाया है। उन्हें पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला ने पंजाबी भाषा में दिए योगदान के लिए डॉक्टरेट की डिग्री भी दी है।
- श्री मुराद शाह व साईं लाडी शाह के भल्ला गोत्र के बारे में भी बताया: उन्होंने कहा कि अविभाजित पंजाब में श्री भगत राम भल्ला व उनके बेटे छज्जूराम भल्ला बड़े जागीरदार थे। जिनके पास लायलपुर जिले (अब पाकिस्तान में) में हजारों मुरब्बा जमीन थी। विभाजन के बाद छज्जूराम भल्ला अपने बेटे जगीरी लाल भल्ला, विद्या सागर भल्ला व दूसरे फैमिली मेंबरों के साथ नकोदर आकर रहने लगे। विद्या सागर भल्ला ब्रह्मज्ञानी बने, जिन्हें श्री मुराद शाह जी के नाम से जाना जाता है। उनके भतीजे विजय कुमार भल्ला भी ब्रह्मज्ञानी बने और उन्हें साईं गुलाम शाह जी या साईं लाडी शाह जी के नाम से जाना जाता है। साईं लाडी शाह के श्रद्धालू मानते हैं कि साईं लाडी शाह व श्री गुरु अमरदास जी भल्ला गोत्र से हैं।
- मेले के दौरान कोई विरोध नहीं, बाद में सोशल मीडिया कैंपेन चलाया: नकोदर मेले में परफार्मेंस के दौरान खुशी व भक्तिपूर्ण माहौल में उन्होंने यह बात कह दी। हालांकि वहां किसी ने इसको लेकर कोई आपत्ति नहीं की। उन्होंने कहा कि कुछ दिन बाद मान के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू कर दिया गया। इसके बाद मान ने वीडियो भी जारी किया कि गुरुओं की किसी से तुलना नहीं की जा सकती। सिख संगठनों के वकील ने वही तर्क दिए थे, जिन पर कोर्ट ने सहमति जताते हुए मान की अग्रिम जमानत खारिज कर दी।
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