किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में चढ़ा टावर पर: पानीपत में 40 फीट ऊंचे टावर पर चढ़ा किसान, दिनभर अटकी रही प्रशासन की सांसें, टिकैत और चढूनी से फोन पर बात कर 6 घंटे 20 मिनट बाद उतरा
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पानीपत6 घंटे पहले
हाइड्रा के माध्यम से किसान को नीचे उतारते हुए।
देश की राजधानी दिल्ली में कृषि कानूनों और हरियाणा की CM सिटी करनाल में बसताड़ा टोल पर लाठीचार्ज के विरोध में पानीपत के समालखा में 40 फीट ऊंचे बिजली के टावर पर चढ़े किसान को 6 घंटे 20 मिनट बाद नीचे उतारा गया। BKU जिला प्रधान सोनू मालपुरिया और पूर्व सरपंच अनिल छोक्कर ने किसान की किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी से फोन पर बात कराई, जिसके बाद वह नीचे उतरने को राजी हुआ। किसान के मेडिकल के लिए पुलिस उसके अपने साथ ले गई है।
करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में समालखा क्षेत्र के गांव वजीरपुर टिटाना निवासी 45 वर्षीय किसान जोगेंद्र शुक्रवार सुबह 10:30 बजे समालखा मंडी स्थित 40 फीट ऊंचे बिजली टावर पर चढ़ गया था। किसान के टावर पर चढ़ने की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। समालखा SDM विजेंद्र हुड्डा ने किसान से हाथ जोड़कर नीचे आने की विनती की, लेकिन किसान नहीं माना। किसान की मां और DSP संदीप सिंह ने भी उसे समझाने का प्रयास किया।
भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान सोनू मालपुरिया और पूर्व सरपंच अनिल छोक्कर ने फोन के माध्यम से किसान की बात भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैता और हरियाण प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी से कराई। जिसके बाद हाइड्रा के माध्यम से किसान को नीचे उतारा गया।
नीचे उतरने के बाद अपनी बात रखता किसान जोगेंद्र।
भगत सिंह और चंद्रशेखर संयासी बन जाते तो देश आजाद नहीं होता
नीचे उतरने के बाद किसान जोगेंद्र ने कहा कि अगर शहीद भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद उस समय आजादी के लिए लड़ने के स्थान पर संयासी बन जाते तो आज देश आजाद न होता। अपना हक लेने के लिए किसान सड़कों पर है। यह उसका काम है। इसके बाद समालखा थाना पुलिस किसान को मेडिकल के लिए अस्पताल ले गई।
किसान के हाथ जोड़ते समालखा SDM जोगेंद्र।
टावर पर ही दिया पानी, खाना और दवाई
घंटों तक टावर पर चढ़ा किसान नीचे उतरने को राजी नहीं हुआ तो भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान सोनू मालपुरिया ने टावर पर चढ़कर उसको पानी दिया। इसके बाद दोपहर 3:11 बजे पूर्व सरपंच अनिल छोक्कर ने किसान को पानी, खाना और दवाई दी।
एंबुलेंस, दमकल विभाग के साथ जाल भी मंगवाया
किसी अनहोनी को टालने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ एंबुलेंस, दमकल विभाग और जाल की व्यवस्था की है। टावर की बिजली की लाइन काटी गई है। दोपहर साढ़े 3 बजे तक अधिकारी किसान को समझाने का प्रयास करते रहे।
भाई विजिलेंस और बेटी पुलिस में कॉन्स्टेबल
किसान जोगेंद्र का भाई संदीप सोनीपत विजिलेंस में कार्यरत है। जबकि बेटी हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबल है। फिलहाल बेटी की ड्यूटी करनाल में चल रहे किसान आंदोलन में लगी है। भाई संदीप ने बताया कि जोगेंद्र दिमागी रूप से बीमार है। उसका इलाज भी चल रहा है।
मौके पर परेशान बैठी जोगेंद्र की मां।
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