रोहतक का पहलवान परिवार हत्याकांड: मंजू से मनन बने शख्स का तर्क- समलैंगिक होना दोष नहीं, प्राकृतिक रचना है, घरवालों को मारना ठीक नहीं, समलैंगिकता को टारगेट करना भी सही नहीं

रोहतक का पहलवान परिवार हत्याकांड: मंजू से मनन बने शख्स का तर्क- समलैंगिक होना दोष नहीं, प्राकृतिक रचना है, घरवालों को मारना ठीक नहीं, समलैंगिकता को टारगेट करना भी सही नहीं

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रोहतक4 मिनट पहले

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रोहतक का पहलवान परिवार हत्याकांड: मंजू से मनन बने शख्स का तर्क- समलैंगिक होना दोष नहीं, प्राकृतिक रचना है, घरवालों को मारना ठीक नहीं, समलैंगिकता को टारगेट करना भी सही नहीं

मनन

हरियाणा के रोहतक जिले की झज्जर चुंगी स्थित विजय नगर कालोनी में प्रॉपटी डीलर बबलू पहलवान परिवार हत्याकांड की वजह और कुछ नहीं बल्कि उनके बेटे अभिषेक उर्फ मोनू का समलैंगिग होना बना है। अभिषेक के इस रहस्य से पर्दा उठने के बाद से समाज के लोग उससे घृणा करने लगे हैं। ऐसे में लड़की मंजू से जेंडर सर्जरी कराकर लड़का मनन बनने वाले रामगोपाल कालोनी के 27 वर्षीय निवासी ने भी अपना तर्क दिया है। मनन कहते हैं कि समलैंगिक होना दोष नहीं है, यह प्राकृतिक रचना है। घरवालों की हत्या करना उचित नहीं है, मगर समलैंगिता को टारगेट करना भी सही नहीं है। मनन का कहना है कि अगर घरवालों ने अभिषेक को समझाने की वजह उसे समझने पर ज्यादा जोर दिया होता तो शायद आज कहानी कुछ और ही होती।

लड़कियों जैसा पहनावा शुरू हो ही पसंद नहीं, घरवालों की झेली खूब नाराजगी

पांच वर्ष की उम्र रही होगी जब चाचा की शादी में मां के पहनाए नए फ्राक को फाड़ दिया। लड़कियों जैसा पहनावा शुरू से ही पसंद नहीं था। लड़कों की तरह पेंट-शर्ट पहनने पर कंफर्टेबल हो जाता था। ऐसा महसूस होता था कि गलत शरीर में जन्म हुआ है। लड़कों जैसा व्यवहार करने पर डांट भी पड़ जाती थी। स्वजनों की नाराजगी भी झेली। भाई-बहनों से अच्छी बोंडिंग नहीं बना पाया। मुझसे कहा जाता – होश में नहीं हूं। घर और बाहर बार-बार लड़की होने का अहसास दिलाया जाता। मन मार कर जी रहा था। कभी समझ ही नहीं आया किस गलती से सब नाराज हो गए हैं।

मनन, जेंडर चेंज सर्जरी से पहले बतौर मंजू अपने परिजनों के साथ।

मनन, जेंडर चेंज सर्जरी से पहले बतौर मंजू अपने परिजनों के साथ।

लड़कों जैसी थी सारी आदतें

मनन कहते हैं कि उनकी शुरूआत से ही सारी आदतें लड़कों जैसी रही। परिवार वाले सोचते थे कि गलत संगत में पड़ गया हूं। लेकिन, यह सब संगत नहीं मेरे अंदर का पुरुष मुझ से कराता था। मेरी परेशानी मेरा शरीर रहा है। मानसिक तौर पर पूरी तरह से स्वस्थ हूं। मेरा लालन-पोषण एक लड़की की तरह हुआ। माता-पिता ने बेटी का नाम मंजू रखा। लेकिन, बहुत जल्द मनन को पता चल गया था कि उसके शरीर में लड़की नहीं लड़का बसता है। इसके बाद वह जेंडर सर्जरी कराकर मंजू से मनन बन गए हैं।

सर्जरी ने मेरे लिए संजीवनी का काम किया, मंजू से मनन बनकर बहुत खुश हूंः

मनन कहते हैं कि जीवन ढाई दशक घुटन में बिताए हैं, जेंडर चेंज सर्जरी के बाद खुद के पूर्ण होने का अहसास हुआ। सर्जरी हुए बामुश्किल दो वर्ष हुए हैं, लेकिन अपने अंदर बसी महिला से सालों से आजाद होना चाहता था। सर्जरी ने मेरे लिए संजीवनी का काम किया है। मंजू से मनन बनकर बहुत खुश हूं। मनन यह सब बताते-बताते कभी गंभीर हो जाते तो कभी मध्यम सा मुस्कुरा देते। अब वह अक्सर बार-बार अपने चेहरे पर बढ़ी हुई दाढ़ी को छूते रहते हैं।

यूट्यूब के जरिए पहली बार जेंडर चेंज सर्जरी का पता चलाः

मनन ने बताया कि बहुत छोटे से ही अपनी शारीरिक रचना की समझ विकसित कर चुके थे। यूट्यूब के जरिए पहली बार जेंडर चेंज सर्जरी का पता चला। महसूस हुआ कि यही मेरी परेशानी का हल है। इस विषय पर इंटरनेट के जरिए जानकारी बटोरी व सर्जरी कराने इरादा बनाया। हालांकि, सर्जरी का निर्णय भी आसान नहीं रहा। समाज में इस तरह के पहलुओं पर पर खुलकर बातें नहीं होती। खुद भी अपने जज्बात दूसरों के आगे जाहिर नहीं कर पाता हूं। घरवालों व दोस्तों से जब यह सलाह लेनी चाही तो उन्होंने भी उदासीनता दिखाई। मेरी सेहत को लेकर चिंता जाहिर की गई। पहले-पहल तो मना ही कर दिया गया। डाक्टरों ने जब मेरे स्वास्थ्य पर भरोसा दिलाया तो घरवाले सर्जरी के लिए माने। हारमोनल सर्जरी के बाद मेरे शरीर में कई परिवर्तन आए हैं। आवाज, पुरुषों जैसी हो गई है, चेहरे पर दाढ़ी-मूछ आती है।

चार हत्याओं के आरोपी समलैंगिक अभिषेक का पालन पोषण लड़कों की तरह हुआ, मगर लड़कों जैसी नहीं थी कोई आदत

मनन कहते हैं कि शहर की विजय नगर कालोनी में हाल ही में हुए चौहरे हत्याकांड में एक तथ्य यह सामने आया कि माता-पिता, छोटी बहन और नानी की हत्या करने वाला आरोपी 20 वर्षीय अभिषेक समलैंगिक है। उसका लड़के के तौर पर पालन-पोषण हुआ है। लेकिन, लड़कों जैसी कोई आदत नहीं थी। इकलौते बेटे का समलैंगिक होना माता-पिता को रास नहीं आया। यह तथ्य भी सामने आ रहा है कि आरोपी युवा जेंडर सर्जरी कराना चाहता था। कुंठा में घर के चार सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी।

पुल्लिंग, स्त्रीलिंग की तरह ही टांसजेंडर भी है वर्ग

मनन का कहना है कि किसी का समलैंगिक होना किसी प्रकार से लिंग दोष नहीं है। यह प्राकृतिक है। वह खुद इस दौर से गुजर चुके हैं। जिस तरह पुल्लिंग, स्त्रीलिंग है उसी तरह ट्रांसजेंडर का भी वर्ग है। समलैंगिक व्यक्ति को भी स्त्री-पुरुष की तरह ही समाजिक आजादी होनी चाहिए। घरवालों की हत्या करने को उचित करार नहीं दिया जा सकता। लेकिन, समलैंगिता को टारगेट करना भी सही नहीं है।

जून 2020 में शहर की एक लड़की ने अपनी सहेली से रचाई थी शादी, दोनों को परिजन रख रहे खुशी-खुशी

मामला जून 2020 का है। रोहतक शहर के एक मोहल्ले की रहने वाली युवती एक जून को घर से चली गई थी। परिजनों की तरफ से पुरानी सब्जी मंडी थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया गया था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी कि पांच जून को वह वापस आ गई। जिसके साथ में दिल्ली की भी एक लड़की थी। पुलिस के पास पहुंचकर बताया कि उन्होंने शादी कर ली है। इसके साथ ही कोर्ट में अपील दायर कर सुरक्षा की मांग की गई। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दोनों को सेफ हाउस में भेज दिया था। कोर्ट ने दोबारा से 18 जून को उन्हें पेश करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। दोबारा पेश होने पर दोनों युवतियों ने अपनी अपील वापस ले ली थी। कहा था कि उन्हें अब कोई खतरा नहीं है, जिसके बाद पुलिस ने रोहतक की रहने वाली लड़की के परिजनों से भी बातचीत की। जिन्होंने कहा था कि उन्हें लड़कियों को साथ रखने में कोई आपत्ति नहीं है। तब जाकर पुलिस ने दोनों को उनके साथ भेज दिया था। अब दोनों लड़कियों को परिजन एक साथ खुशी खुशी रख रहे हैं। उस दौरान भी यह रोहतक ही नहीं, बल्कि अनेकों जगहों पर सुर्खियों में बना था।

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