NDA में लड़कियों की एंट्री पर ऐतिहासिक निर्णय: नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में अब लड़कियां भी हो सकेंगी शामिल, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को फैसले की जानकारी दी

NDA में लड़कियों की एंट्री पर ऐतिहासिक निर्णय: नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में अब लड़कियां भी हो सकेंगी शामिल, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को फैसले की जानकारी दी

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नई दिल्ली14 मिनट पहले

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NDA में लड़कियों की एंट्री पर ऐतिहासिक निर्णय: नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में अब लड़कियां भी हो सकेंगी शामिल, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को फैसले की जानकारी दी

नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) और नेवल एकेडमी में लड़कियों की एंट्री का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी दी है।

सरकार की तरफ से कोर्ट में उपस्थित एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एश्वर्या भाटी ने बताया कि दोनों संस्थानों में महिला कैडेट्स को दाखिला देने का फैसला ले लिया गया है। इसे अंतिम रूप देने का काम जारी है।

सरकार के जानकारी देने के बाद जस्टिस एसके कौल ने कहा, ‘हमें जानकर बेहद खुशी हुई कि सशस्त्र बलों ने खुद महिलाओं को NDA में शामिल करने का फैसला किया है। बेंच ने केंद्र को हलफनामा दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया। इस मामले में अब 22 सितंबर को सुनवाई होगी।

इस साल NDA की 370 सीटों के लिए 4.5 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा देने वाले हैं। पहले NDA की परीक्षा 5 सितंबर 2021 को होनी थी, लेकिन UPSC ने उसे 24 नवंबर तक आगे बढ़ा दिया।

इस साल नियम न बदलने की अपील
सरकार की तरफ से पेश हुईं ASG ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से निवेदन किया कि इस साल NDA परीक्षा के नियमों में कोई बदलाव न किया जाए। यह नियम लागू करने से पहले नई पॉलिसी, प्रक्रिया और ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना होगा। इसके लिए सरकार को समय चाहिए।

सेना में लड़कियों की भूमिका बढ़ेगी
महिलाओं के लिए सेना में स्थायी कमीशन का रास्ता पहले ही साफ हो चुका है। NDA के जरिए सेना में शामिल होने पर लड़कियों को कई फायदे मिलेंगे। उनका सर्विसकाल लंबा होगा और सैन्य सेवाओं में भूमिका का दायरा भी बढ़ेगा। लड़कियों के पास अब पदोन्नत होकर सेनाध्यक्ष तक बनने का मौका होगा।

केंद्र ने कहा था- हस्तक्षेप से बचना चाहिए
केंद्र ने इससे पहले कोर्ट से कहा था कि नीतिगत मामले में कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस पर जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा था कि आपने महिलाओं को सेना में 5-5 साल रखा, स्थायी कमीशन नहीं दिया। इसे ज्यादा तो वायुसेना और नौसेना ज्यादा उदार हैं। आपको लैंगिक आधार पर बराबरी का सिद्धांत समझना होगा।

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