कानपुर में बुखार का कहर, अब तक 18 मौतें: कुरसौली गांव में सबसे ज्यादा हालत खराब, यहां मरने वालों का आंकड़ा 6 हुआ; डर के कारण घर छोड़ने लगे ग्रामीण
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कानपुर41 मिनट पहले
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कानपुर शहर में बुखार का कहर हावी होता जा रहा है। इससे अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। कल्याणपुर के कुरसौली गांव में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां रविवार तक 6 मौतें हो चुकी हैं। इनमें से 4 मौतें बीते 48 घंटे में ही हुई हैं। डीएम के आदेश के बाद अब चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) खुद अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे और मच्छर के लार्वा खत्म करने के लिए दवा का छिड़काव करवाया।
कुरसौली गांव में लोग डेंगू के कहर से भयभीत हैं। यहां 4 लोगों की मौत तो बीते 48 घंटों में ही हो गई है।
कुरसौली गांव में कर्फ्यू जैसा माहौल
लगातार हो रहीं मौतों से कुरसौली में कर्फ्यू जैसा माहौल हो गया है। बहुत से लोग अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए हैं, तो कुछ लोग घर छोड़कर दूसरी जगह जाने लगे हैं। जिन घरों में लोग हैं भी तो वहां किसी ने किसी को बुखार है। गांव वालों का कहना है कि इतना सन्नाटा तो इस गांव में कोरोना के समय भी नहीं हुआ था।
गांव में कई लोग अपने घरों पर ताला लगाकर रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं, ताकि इस जानलेवा बुखार से बच सकें।
CHC में सुविधाएं नहीं, ब्लड टेस्ट भी नहीं होते
कुरसौली गांव में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में स्वास्थ्य सुविधाएं भी अच्छी नहीं हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यहां अच्छी सुविधाएं होती तो शायद उन 6 लोगों की जान बचाई जा सकती थी। यहां बने सरकारी हेल्थ सेंटर में खून की जांच की सुविधा भी नहीं है। यहां से ब्लड सैंपल मेडिकल कॉलेज भेजे जाते हैं। ऐसे में रिपोर्ट आने में 3-4 दिन लग जाते हैं। तब तक मरीज की हालत बिगड़ जाती है।
बुखार बेकाबू होते देख प्रशासन अलर्ट हुआ है। गांव में ही मेडिकल कैम्प लगाया गया है। मच्छर का लार्वा मारने के लिए दवा का छिड़काव भी किया जा रहा है।
गांव वालों में हुई डेंगू की पुष्टि
कुरसौली गांव में अभी कम से कम 200 लोग बुखार की चपेट में हैं। इनमें से 28 से ज्यादा लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। हालात बिगड़ती देख डीएम के आदेश पर गांव में मेडिकल कैंप लगाया गया है।
गांव में हर घर में बुखार से पीड़ित लोग हैं। ब्लड रिपोर्ट आने में हो रही देरी की वजह से इनकी हालत और ज्यादा बिगड़ रही है।
निजी डॉक्टरों ने रविवार को भी क्लीनिक खोले
निजी डॉक्टरों के यहां भी बुखार के मरीजों की भरमार है। यहां रविवार को भी क्लीनिक खुले रहे। इंदिरानगर में अपना क्लिनिक चलाने वाले जनरल फिजिशियन डॉ एसके अवस्थी का कहना है कि एकदम से इतने मरीजों का आना किसी बड़ी समस्या की तरफ इशारा करता है।
बीते शुक्रवार को गांव में 12 साल की तन्नू की महज 5 घंटे के भीतर मौत हो गई थी। उसकी फोटो दिखाते परिवार के लोग।
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