किसान मुद्दे पर सुखबीर VS कैप्टन: शिअद अध्यक्ष बोले- मेरी पूरी लीडरशिप किसानों को जवाब देने को तैयार, CM का पलटवार- कानून बनवाने से पहले क्यों नहीं पूछा?
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- Sukhbir Badal Said: My Entire Leadership Is Ready To Answer The Farmers, CM Amarinder Singh’s Counterattack: Why Not Ask Before Enacting A Law?
जालंधर14 घंटे पहले
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विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर पंजाब की राजनीति गर्माने लगी है। पंजाब में इस समय का सबसे बड़ा मुद्दा केंद्र के खेती सुधार कानून और उसका विरोध कर रहे किसान हैं। इसका बड़ा कारण पंजाब की 70% आबादी का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर खेतीबाड़ी से जुड़ा होना है। वहीं अब किसानों को लेकर शिरोमणि अकाली दल (SAD) बादल के प्रधान व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल व कांग्रेस सरकार के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह आमने-सामने हो गए हैं। सुखबीर ने कहा है कि मेरी पूरी लीडरशिप किसानों को जवाब देने को तैयार है। वहीं, कैप्टन ने पलटवार करते हुए कहा कि BJP के साथ मिलकर खेती कानून जबरन लागू कराने से पहले अकाली दल ने किसानों को क्यों नहीं पूछा?।
सुखबीर बोले- 200 लोगों को एक साथ जवाब नहीं दे सकते
सुखबीर बादल ने कहा कि एक साथ 200 लोगों को जवाब नहीं दिया जा सकता। इसलिए वे कह रहे हैं कि किसान संगठन एक दिन तय कर लें। जहां वे कहेंगे, हमारी लीडरशिप वहां आकर जवाब देगी। हमारी खेती कानून को लेकर क्या राय है? सरकार बनने पर हम क्या करेंगे? हम सब जवाब देने को तैयार हैं। एक साथ बहुत सारे लोग बोलेंगे तो बात नहीं हो पाएगी। पहले भी जब किसानों की मांग के मुताबिक कानून में सुधार नहीं हुआ तो हमने एनडीए छोड़ दिया।
कैप्टन ने कहा: दूध के धुले साबित नहीं हो जाओगे
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अकाली दल पहले केंद्र सरकार के किसान विरोधी एजेंडे में शामिल रहा। BJP के साथ मिलकर खेती कानून बनवाया। अब किसानों से बातचीत करके अकाली दल खुद को दूध का धुला साबित नहीं कर सकता। अकाली दल का किसानों से बातचीत के लिए 3 मेंबरी कमेटी बनाना दिखावा है। किसानों पर कांग्रेस के साथ मिलीभगत का आरोप लगाने वाला अकाली दल अब उनका भरोसा कैसे हासिल करेगा।
किसानों के गुस्से का असर, सुखबीर को टालनी पड़ी यात्रा
सुखबीर बादल की गल्ल पंजाब दी यात्रा के दौरान मोगा में किसानों पर लाठीचार्ज हो गया। इसके बाद किसान संगठन भड़क गए। उन्होंने कहा कि अभी चुनाव घोषित नहीं हुए हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने कार्यक्रम न करें। इससे आंदोलन कमजोर हो रहा है। इसी दौरान सुखबीर की साहनेवाल रैली में की वह वीडियो सामने आई, जिसमें वे विरोध करने वालों को धमका रहे हैं कि मैंने एक इशारा किया तो ढूंढने से भी नहीं मिलोगे। सुखबीर ने सफाई दी कि यह बात विरोधी पार्टियों के लिए कही थी। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा ने भी चैलेंज किया कि अगर एक ऐलान कर दिया तो पंजाब में खड़े नहीं हो सकोगे। इसके बाद सुखबीर ने अपनी यात्रा 6 दिन के लिए टाल दी।
मंत्री पद से इस्तीफा व गठबंधन छोड़ने का दांव भी बेअसर
केंद्र सरकार के खेती कानूनों का किसानों ने विरोध किया तो अकाली दल से मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सुखबीर बादल ने NDA से गठबंधन तोड़ लिया। पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण अवार्ड भी लौटा दिया। इसके बावजूद किसान पंजाब में उनका विरोध कर रहे हैं। इसे देखते हुए अकाली दल के आगे मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।
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