चीफ जस्टिस एन वी रमना का निराला अंदाज: CJI ने कहा- लॉ मिनिस्टर किरेन रिजिजू को पहली बार देखा तो ऐसा लगा, जैसे किसी कॉलेज स्टूडेंट से मिल रहा हूं

चीफ जस्टिस एन वी रमना का निराला अंदाज: CJI ने कहा- लॉ मिनिस्टर किरेन रिजिजू को पहली बार देखा तो ऐसा लगा, जैसे किसी कॉलेज स्टूडेंट से मिल रहा हूं

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नई दिल्ली3 घंटे पहले

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चीफ जस्टिस एन वी रमना का निराला अंदाज: CJI ने कहा- लॉ मिनिस्टर किरेन रिजिजू को पहली बार देखा तो ऐसा लगा, जैसे किसी कॉलेज स्टूडेंट से मिल रहा हूं

राजधानी दिल्ली में शनिवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के अभिनंदन समारोह में चीफ जस्टिस (CJI) एन वी रमना ने लॉ मिनिस्टर किरेन रिजिजू से पहली मुलाकात का खुलासा किया। CJI ने हल्के अंदाज में कहा- ‘मैं जब पहली बार लॉ मिनिस्टर से मिला तो ऐसा लगा जैसे किसी कॉलेज स्टूडेंट से मिल रहा हूं। मैं उनकी उम्र नहीं पूछना चाहता था।’

CJI ने आगे कहा, ‘कानून मंत्री ने बताया कि मैंने लॉ की डिग्री ली है लेकिन प्रैक्टिस का अनुभव नहीं है। मैंने कहा कि यह तो और भी अच्छा है, तब तो आप जजों के प्रति पूर्वाग्रह भी नहीं रखेंगे।’

CJI ने रिजिजू के लिए कहा कि एक युवा और गतिशील केंद्रीय कानून मंत्री से हम उम्मीद कर सकते हैं कि चीजें तेज गति से आगे बढ़ेंगी। CJI ने रिजिजू की तारीफ में कहा कि उनके पास बहुत ज्ञान है।

कॉलेजियम ने 12 हाईकोर्ट के लिए 68 नामों की सिफारिश की
जस्टिस रमना ने बताया कि कॉलेजियम ने 12 हाईकोर्टों में न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के रिकॉर्ड 68 नामों की सिफारिश की है। उन्होंने कहा- उम्मीद है कि सरकार इन नामों की जल्द मंजूरी देगी। रमना जब इसकी चर्चा कर रहे थे तो केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू मंच पर मौजूद थे।

जस्टिस रमना ने कहा- केंद्रीय कानून मंत्री यहां हैं। मुझे उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द नामों को मंजूरी देगी, जैसे उसने सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए नौ नामों को मंजूरी दे दी थी। रिजिजू ने बाद में मीडिया से बातचीत में बताया कि, ‘मैं प्रस्तावित न्यायाधीशों के नामों के बारे में नहीं बोल सकता। लेकिन हम इस पर बेहतर फैसला लेंगे।’

बड़े वकीलों का वर्चुअली पेश होना एक खतरनाक पैटर्न
CJI ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में, डिजिटल संसाधनों तक पहुंचने में कठिनाइयों के कारण वकीलों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। हर जगह बड़े वकील वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो रहे हैं। यह एक खतरनाक पैटर्न है, इससे असमानता पैदा होती है।’

चीफ जस्टिस ने कहा कि एक सप्ताह के बाद वह अदालतों में बुनियादी ढांचे के मुद्दों के बारे में कानून मंत्री को एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगे ताकि सरकार इस पर ध्यान दे सके। CJI ने कहा, ‘एक युवा और गतिशील केंद्रीय कानून मंत्री से हम उम्मीद कर सकते हैं कि चीजें तेज गति से आगे बढ़ेंगी।’

मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत इन 12 राज्यों के लिए सिफारिश
जिन 12 हाईकोर्ट के लिए नामों की सिफारिशें की गई हैं उनमें इलाहाबाद, राजस्थान, कलकत्ता, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, मद्रास, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा, केरल, छत्तीसगढ़ और असम शामिल हैं। 12 उच्च न्यायालयों के लिए स्वीकृत नामों में से 44 बार से हैं और 24 ज्युडिशियल सर्विस से हैं। इनमें 10 महिलाएं भी शामिल हैं, जिनके नामों की सिफारिश की गई है।

जस्टिस बीआर गवई ने CJI को सचिन तेंडुलकर की तरह बताया
कार्यक्रम में मौजूद सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई ने CJI को सचिन तेंडुलकर की तरह बताया। उन्होंने कहा कि जस्टिस रमना सचिन तेंडुलकर की तरह हैं जो एक के बाद एक रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। जस्टिस गवई ने CJI के कामों की तारीफ की और उन्हें आम आदमी और दलितों के लिए वास्तविक चिंता है।

हालांकि, चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं सचिन तेंडुलकर नहीं हूं। हर काम एक गेम है, जिसके लिए एक पूरी टीम प्रयास करती है।

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