असम में 1 हजार विद्रोहियों ने हथियार डाले: 30 साल से हिंसक घटनाओं में शामिल हथियारबंद समूह मुख्यधारा में लौटें, अमित शाह की मौजूदगी में समझौता

असम में 1 हजार विद्रोहियों ने हथियार डाले: 30 साल से हिंसक घटनाओं में शामिल हथियारबंद समूह मुख्यधारा में लौटें, अमित शाह की मौजूदगी में समझौता

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • Karbi Peace Accord Agreement; Amit Shah | Assam Chief Minister Hiamnta Biswa Sarma

नई दिल्ली25 मिनट पहले

असम सरकार ने 6 विद्रोही संगठनों के साथ शनिवार को कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर किया। ये हथियारबंद समूह 30 साल से हिंसक घटनाओं में शामिल रहा है। अब मुख्यधारा में लौटे गए हैं। इस ऐतिहासिक समझौते के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल मौजूद थे।

कार्बी असम का एक प्रमुख जातीय समुदाय है जो कई साल से कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC) की मांग करता आ रहा है। इस विद्रोही समूह का असम में हिंसा का एक लंबा इतिहास है। यह समूह 1980 के दशक से जातीय हिंसा, हत्याओं, अपहरण, और लोगों से टैक्स वसूलने के लिए जाना जाता है।

कार्बी रीजन के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपए खर्च करेगी सरकार
गृह मंत्री ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताया है। शाह ने कहा- असम के इतिहास में आज का दिन सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा। आज 5 से ज्यादा संगठनों के लगभग 1000 कार्यकर्ता हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। केंद्र और असम सरकारें उनके पुनर्वास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि असम सरकार अगले 5 साल में कार्बी रीजन के विकास के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। नरेंद्र मोदी सरकार की पॉलिसी है कि हम अपने कार्यकाल के दौरान ही समझौते में किए गए सभी वादों को पूरा करते हैं। गृह सचिव एके भल्ला ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इससे कार्बी आंगलोंग रीजन के विकास में और मदद मिलेगी।

6 गुटों ने गृह मंत्री की मौजूदगी में किया समझौता
कार्बी समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले सशस्त्र समूहों में कार्बी लोंगरी नॉर्थ कछार हिल्स लिबरेशन फ्रंट (KLNLF), पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी लोंगरी(PDCK), यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(UPLA) , कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स (KPLT), कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स (R) और कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स (M) शामिल हैं।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *