पंजाब विधानसभा का स्पेशल सत्र आज: बगावत की शिकार कैप्टन सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव का खतरा, कांग्रेस व AAP ने विधायकों को जारी किया व्हिप, बागी मंत्री स्पीकर से मिले
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जालंधर31 मिनट पहले
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कैप्टन अमरिंदर सिंह।
श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाशोत्सव को समर्पित पंजाब विधानसभा का शुक्रवार को एक दिन का विशेष सत्र होगा। जिसमें पंजाब के नए गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित खास मेहमान होंगे। इस सत्र की खास बात ये है कि यह ऐसे वक्त में बुलाया जा रहा है, जब पंजाब में सरकार चला रही कांग्रेस के बीच घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर व पार्टी के प्रदेश प्रधान नवजोत सिद्धू के दो ग्रुपों में बंट चुकी है। पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश रावत भी 3 दिन बाद पार्टी के भीतर ‘ऑल इज नॉट वेल’ कहकर दिल्ली लौट चुके हैं।
सबसे अहम यह है कि इस सत्र में बगावत की शिकार कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव का खतरा मंडरा रहा है। यह प्रस्ताव आएगा या नहीं, यह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) व कांग्रेस ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर पूरा दिन सदन में मौजूद रहने को कहकर ऐसी चर्चाओं को जन्म दे दिया है। आम आदमी पार्टी पहले भी गवर्नर से मिलकर कैप्टन से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुकी है। अकाली दल भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को बहुमत साबित करने की चुनौती दे चुके हैं। वहीं, खास बात यह भी है कि कैप्टन से बागी हुए मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा व सुख सरकारिया विस स्पीकर राणा केपी से मिले हैं। जिसकी वजह से सबकी नजर इस एक दिन के सेशन पर बनी हुई है।
हाईकमान से तरजीह न मिलने के बाद सिद्धू पर भी रहेगी नजर
नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर से विधायक हैं। सिद्धू लगातार सरकार से विधानसभा सत्र एक हफ्ते की मांग उठाते रहे हैं। जिसमें बिजली समझौते, नशा तस्करों पर कार्रवाई जैसे कई मुद्दे उठाने की बात करते रहे हैं। हालांकि शुक्रवार को हो रहे एक दिन के सेशन में वो आते हैं या नहीं और कौन से मुद्दे उठाते हैं, इस पर भी नजर रहेगी। यह बात इसलिए अहम है क्योंकि सिद्धू बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मिलने पहुंचे थे लेकिन उन्हें समय नहीं मिला। तरजीह न मिलने के बाद सिद्धू को बैरंग वापस लौटना पड़ा। हालांकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि यह श्री गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित सत्र है, इसलिए एक दिन का ही रखा गया है।
बागियों के 30 तो कैप्टन ग्रुप के 58 विधायकों के समर्थन का दावा
पंजाब में कांग्रेस के भीतर मची कलह के बीच शक्ति प्रदर्शन भी हो चुका है। पहले बागी मंत्रियों ने बैठक की और दावा किया कि 4 मंत्रियों समेत उनके साथ 30 विधायक हैं। जिन्होंने कैप्टन को कुर्सी से हटाने की मांग की थी। हालांकि इनमें से 6 विधायक मुकर गए। देहरादून में हरीश रावत से मुलाकात के बाद चरनजीत चन्नी भी कैप्टन के विरोध से पीछे हट गए हैं। इसके बाद खेल मंत्री राणा सोढ़ी के घर कैप्टन ग्रुप ने डिनर किया। जिसमें 58 विधायकों के साथ होने का दावा किया। कांग्रेस के पास कुल 77 विधायकों के साथ हाल ही में आम आदमी पार्टी छोड़ शामिल हुए 3 और विधायक हैं। यह तीनों सुखपाल खैहरा, जगदीप कमालू व पिरमल खालसा भी कैप्टन के समर्थक हैं।
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