बाइडेन को बचाने वाले इंटरप्रेटर को तालिबानियों के चंगुल से बाहर निकालेगा अमेरिका, किया यह वादा

बाइडेन को बचाने वाले इंटरप्रेटर को तालिबानियों के चंगुल से बाहर निकालेगा अमेरिका, किया यह वादा

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अमेरिकी प्रशासन ने एक अफगान इंटरप्रेटर को बचाने का वादा किया है जिसने साल 2008 में अफगानिस्तान में जो बाइडेन और अन्य अमेरिकी सीनेटरों के हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मदद की थी। इंटरप्रेटर मोहम्‍मद अपने परिवार के साथ अफगानिस्तान में फंसे हैं। मोहम्म ने अफगानिस्तान से बाहर निकलने के लिए मदद की गुहार लगाई थी। जिसके बाद अब अमेरिकी ने कहा कि वो उन्हें रेस्क्यू करेंगे।

वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए एक इंटरव्यू में मोहम्मद ने अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन से मदद की अपील करते हुए उन्हें अफगानिस्तान से निकालने की गुहार लगाई। मोहम्मद अमेरिकी सेना और नाटो सहयोगियों के साथ काम कर चुके हैं। जिन्हें अब तालिबानी लड़ाके निशाना बना रहे हैं। मोहम्मद अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ तालिबान में छिपे हुए हैं। इंटरव्यू में मोहम्मद ने अमेरिका राष्ट्रपति से गुहार लगाते हुए कहा था कि मुझे और मेरे परिवार को बचा लीजिए। मुझे यहां मत छोड़िए।

अमेरिका बोला-आपकी सेवा रखेंगे मान

मंगलवार को व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान वहां की प्रेस सचिव जेन पास्की के सामने मोहम्मद को बचाने का सवाल रखा गया। साकी ने जवाब दिया ‘पिछले 20 सालों से हमारी तरफ से लड़ाने के लिए धन्यवाद। बर्फीले तूफान में मेरे कई करीबी लोगों की मदद करने में आपकी भूमिका के लिए और आपके द्वारा किए सभी कार्यों के लिए धन्यवाद।’ पास्की ने कहा कि बाइडेन प्रशासन न केवल अमेरिकी नागरिकों के लिए बल्कि अपने अफगान भागीदारों के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है जो हमारी तरफ से लड़े हैं। पास्की ने आगे कहा कि हम आपको बाहर निकालेंगे, हम आपकी सेवा का सम्मान करेंगे और ऐसा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

बर्फिले तूफान में की थी बाइडेन और साथियों की मदद

दरअसल, साल 2008 में बाइडेन तब डेलावेयर के सीनेटर हुआ करते थे। उस समय उनके साथ सीनेटर रहे जॉन केरी और चक हेगल भी अफगानिस्तान गए थे। ये सभी ब्‍लैक हॉक हेलिकॉप्टर्स में सवार थे। बगराम एरबेस से कुछ मील दूर एक भयंकर बर्फीला तूफान आ गया जिसमें हेलिकॉप्टर्स फंस गए। दूरस्थ इलाके में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। जैसे ही हेलिकॉप्टरों के फंसने की सूचना मिली मदद के लिए मौके पर टीम भेजी गई। मोहम्मद इसी टीम का हिस्सा थे। हेलिकॉप्टर तक पहुंचने के लिए टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। मोहम्मद तब अमेरिका सेना के लिए काम करते थे। 

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