राकेश टिकैत 4 दिन में दूसरी बार बसताड़ा टोल पर: बोले- CM मनोहर लाल चाहते हैं प्रमोशन, इसीलिए किसान आंदोलन को हिंसक बनाकर दिल्ली से करनाल शिफ्ट करने की प्लानिंग

राकेश टिकैत 4 दिन में दूसरी बार बसताड़ा टोल पर: बोले- CM मनोहर लाल चाहते हैं प्रमोशन, इसीलिए किसान आंदोलन को हिंसक बनाकर दिल्ली से करनाल शिफ्ट करने की प्लानिंग

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करनालएक घंटा पहले

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राकेश टिकैत 4 दिन में दूसरी बार बसताड़ा टोल पर: बोले- CM मनोहर लाल चाहते हैं प्रमोशन, इसीलिए किसान आंदोलन को हिंसक बनाकर दिल्ली से करनाल शिफ्ट करने की प्लानिंग

बसताडा पहुंचे राकेश टिकैत।

किसान नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को हरियाणा में करनाल जिले के बसताडा टोल पर पहुंचकर वहां बैठे किसानों को 5 सितंबर को यूपी में होने वाली महापंचायत का न्यौता दिया। टिकैत 4 दिन में दूसरी बार बसताड़ा टोल पर पहुंचे। इससे पहले, करनाल में पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों का हालचाल जानने के लिए टिकैत 29 अगस्त को बसताड़ा टोल पर आए थे।

बुधवार को बसताड़ा टोल पर पहुंचे टिकैत ने हरियाणा की मनोहर लाल सरकार पर जमकर निशाना साधा। टिकैत ने कहा कि मनोहर सरकार दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन को करनाल में लाना चाहती है। यहां का CM प्रमोशन चाहता है। मनोहर लाल चाहते हैं कि पूरे देश के किसान दिल्ली से हटकर हरियाणा में शिफ्ट हो जाएं, लेकिन किसान ऐसा नहीं करेंगे। वह हरियाणा को केंद्र नहीं बनने देंगे। आंदोलन शांतिपूर्वक तरीके से चलेगा। जब तक सरकार लाठी चलाने की हिम्मत रखती है, किसान तब तक लाठी खाने को तैयार है।
चढ़ूनी की मांगों से जताई असहमति

राकेश टिकैत ने दो दिन पहले घरौंडा अनाज मंडी में भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम चढ़ूनी की अगुवाई में हुई महापंचायत में सरकार से की गई मांगों से भी असहमति जताई। टिकैत ने कहा कि डिमांड तो तब होती है जब समझौते होते हैं। जब कृषि कानूनों को लेकर भारत सरकार से समझौता होगा, तभी डिमांड रखी जाएंगी। जिस सरकार के साथ लड़ाई चल रही हो, उससे डिमांड कैसे की जा सकती है? जब हरियाणा सरकार किसी तरह के समझौते में शामिल ही नहीं है तो उससे क्या मांग करें। जब भारत सरकार और प्रदेश सरकारों से समझौते होंगे, तभी डिमांड रखी जाएंगी।

गौरतलब है कि घरौंडा अनाज मंडी में हुई महापंचायत के बाद भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम चढ़ूनी ने हरियाणा की मनोहर लाल सरकार से तीन मांगें की थीं। इन मांगों में करनाल में हुए लाठीचार्ज के लिए दोषी अधिकारी पर मुकदमा दर्ज करना, लाठीचार्ज में शहीद हुए किसान के परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा व उसके बेटे को नौकरी देना और लाठीचार्ज में घायल हुए कसिानों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देना शामिल था। चढूनी ने कहा था कि 6 सितंबर तक सरकार ने तीनों मांगें पूरी न की तो 7 सितंबर को करनाल अनाज मंडी में दोबारा महापंचायत की जाएगी और मिनी सचिवालय का घेराव किया जाएगा।

दुष्यंत चौटाला भारत सरकार को ढूंढकर लाएं

राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में शामिल सभी लोग किसान हैं। वे न तो हरियाणा के हैं और न पंजाब के। वे पूरे देश के हैं। किसानों का मसला भारत सरकार से है। जब तक भारत सरकार नए कृषि कानून रद्द नहीं करती, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के मध्यस्थता करवाने संबंधी प्रस्ताव पर टिकैत ने कहा कि उन्हें बिल्कुल मध्यस्थता करते हुए सरकार को ढूंढकर लाना चाहिए। दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (JJP) और उसके नेताओं का विरोध किए जाने से जुड़े सवाल पर टिकैत ने कहा कि किसान सिर्फ सरकार का विरोध कर रहे हैं।

आंदोलन किसानों को
हरियाणा के CM मनोहर लाल के उस बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस किसान आंदोलन को हवा दे रही है, पर टिकैत ने कहा, ‘हमें न तो कोई कांग्रेसी मिला और न भाजपाई। ये आंदोलन पिछले 9 महीने से किसान चला रहे हैं। वे अपने घर से दाल-रोटी लाकर आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं। राजनीतिक आदमी एक दिन की मीटिंग नहीं कर पाता।’

SDM आयुष सिन्हा का छतीसगढ़ तबादला करो किसानों के सिर फोड़ने के आदेश देकर विवादों में आए करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा के बारे में टिकैत ने कहा कि उसने RSS की ट्रेनिंग ले रखी है। उसके चाचा वहीं पर है। आयुष सिन्हा अधिकारी नहीं, सरकारी तालिबान का कमांडर है। सरकार उसे बर्खास्त नहीं कर सकती तो उसकी ड्यूटी छतीसगढ़ के नक्सल प्रभावित एरिया में लगानी चाहिए।

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