जलियांवाला बाग में शहीद उधम सिंह का अपमान: केंद्र सरकार ने बाग की नुहार बदलने पर खर्चे 20 करोड़ मगर शहीद की प्रतिमा को पेंट तक नहीं कराया, कंबोह सभा ने खुद करवाया पेंट
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अमृतसर8 घंटे पहले
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धूल मिट्टी से भरी शहीद उधम सिंह की प्रतिमा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेढ़ साल से बंद पड़े जलियांवाला बाग का शनिवार को अनावरण करेंगे। केंद्र सरकार ने जलियांवाला नरसंहार के 100 साल पूरे होने के मौके पर इस स्मारक की नुहार बदलने पर 20 करोड़ रुपए खर्च किए मगर जलियांवाला बाग के मुख्य द्वार के साथ लगी शहीद उधम सिंह की प्रतिमा को वह भूल गई। इस प्रतिमा को पेंट तक नहीं करवाया गया। ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा बाग का अनावरण किए जाने से एक दिन पहले, शुक्रवार को कंबोह सभा और सिख स्टूडेंट फेडरेशन के सदस्य आगे आए हैं और खुद इस प्रतिमा को पेंट करवाया।
शहीद उधम सिंह की प्रतिमा को पेंट करवाते हुए कंबोह सभा।
कंबोह सभा के सदस्यों ने बताया कि डेढ़ साल पहले, वर्ष 2020 की शुरुआत में जलियांवाला बाग की रेनोवेशन की शुरुआत की गई। कंबोह सभा ने उसी समय अमृतसर जिला प्रशासन से आग्रह किया था कि बाग के मुख्य द्वार पर लगी शहीद उधम सिंह की प्रतिमा को कवर करवा दिया जाए ताकि धूल-मिट्टी से उसे किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। मगर न जिला प्रशासन ने उनकी बात पर ध्यान दिया और न ही जलियांवाला बाग मेमोरियल ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इस प्रतिमा की परवाह की। रेनोवेशन के दौरान इस प्रतिमा पर धूल-मिट्टी की मोटी परत जम गई। रेनोवेशन पूरी होने के बाद भी जिला प्रशासन और जलियांवाला बाग मेमोरियल ट्रस्ट ने, जिसके ट्रस्टी भाजपा के राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक हैं, इस प्रतिमा की सुध नहीं ली। यह शहीदों का अपमान है।
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बाग का अनावरण करने की तारीख भी आ गई मगर किसी ने भी गंदी हो चुकी शहीद उधम सिंह की इस प्रतिमा की सुध नहीं ली। और तो और, अनावरण में 24 घंटे से भी कम समय रह जाने के बावजूद जिला प्रशासन ने प्रतिमा पर जमी धूल-मिट्टी को हटाना भी उचित नहीं समझा। ऐसे में कंबोह सभा ने अपने स्तर पर शहीद उधम सिंह की प्रतिमा की साफ-सफाई करवाकर इसे पेंट करवाने का फैसला लिया। इसी के तहत शुक्रवार को कंबोह सभा और सिख स्टूडेंट फेडरेशन के सदस्य जलियांवाला बाग पहुंचे और प्रतिमा पर जमी मिट्टी हटाकर इसे पेंट करवाया।
कंबोह सभा ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार आने वाली पीढ़ियों को शहीदों की कुर्बानियों की जानकारी देने के दावे कर रही है और दूसरी तरफ खुद ही शहीदों का अपमान कर रही है।
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