खेती कानूनों के खिलाफ चंडीगढ़ रैली में दिखा अजीब आक्रोश: गले में बेड़ियां डालकर पहुंचा 11 साल का अंगद सिंह बोला-जाग जाओ वरना जैसे मैं जकड़ा हूं, एक दिन सबको जकड़ लेगी मोदी सरकार
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2 मिनट पहले
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चंडीगढ़ में किसानों की हल्ला बोल रैली के मंच पर 11 साल का एक बच्चा संदेश देता हुआ, जिसने अपने शरीर को बेड़ियों से जकउ़ रखा था।
चंडीगढ़ में शुक्रवार को खेती कानूनों के विरोध का एक अजीब तरीका देखने को मिला। आज यहां संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से आयोजित हल्ला बोल रैली में राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं के बीच महज 11 साल का बच्चा भी इस वर्ग को संबोधित करते दिखा। इस लड़के ने अपने तन को बेड़ियों से जकड़ रखा था, जिन्हें दिखाते हुए कहने लगा-यह वक्त है जागने का, जागो, वरना जिस तरह से जंजीरों में मैं जकड़ा हूं, एक दिन मोदी सरकार सबको जकड़ देगी।
घटना महानगर के सेक्टर-25 स्थित रैली ग्राउंड की है। यहां सेक्टर-11 के रहने वाले एक परिवार का सातवीं क्लास में पढ़ रहा 11 साल का अंगद सिंह अनोखे अंदाज में टिकैत की रैली में शामिल हुआ। उसने जो संदेश दिया वह सचमुच भावुक कर देने वाला था। लोहे की जंजीरों से खुद को जकड़कर अंगद सिंह ने एक मजबूर सिटीजन का संदेश दिया। उसने कहा कि जिस तरह मैं इस लोहे ही जंजीर में जकड़ा हूं, ठीक उसी तरह केंद्र की मोदी सरकार एक दिन पूरे देश को जकड़ लेगी। कहने का मतलब ये था कि आज तरक्की के नाम पर केंद्र सरकार सारी महत्वपूर्ण इंडस्ट्री, स्कूल,कॉलेज और एयरपोर्ट को बेच रही है। ऐसे में वो दिन दूर नहीं जब हम सब खुद को भी बिका हुआ महसूस करेंगे। हम गुलाम हो जाएंगे। भले ही हमें 1947 में अंग्रेजों से आजादी मिली थी, लेकिन आज हम काले लोगों की गुलामी कर रहे हैं। लोकतंत्र में अपनी बात रखने का हक होता है, लेकिन हमें बोलने भी नहीं दिया जाता। ये बात मुझे हर रोज परेशान करती है।
राकेश टिकैत के मंच पर मौजूद अंगद सिंह
अंगद ने बताया कि उसका पूरा परिवार खेती करता है और इसलिए वह यह सब महसूस कर पा रहा है कि आने वाला समय हम सबके लिए कैसा होने वाला है। वहीं अंगद सिंह की मां कुलविंदर कौर ने कहा कि उनका बेटा अभी सातवीं क्लास में पढ़ाई करता है। जो पूरी तरह से संवेदनशील रहता है। वह उनसे हर समय यही पूछता रहता है कि मां इस काले कानून से कैसे लोगों को छुटकारा मिलेगा। वहीं कभी-कभी इतना ज्यादा परेशान हो जाता है कि वह खुद को कमरे में अकेला बंद करके इन सभी बातों को सोचता रहता है। वह खाना तक खाना भी भूल जाता है। उसे खाने के लिए लगातार बुलाना पड़ता है।
मंच पर अंगद सिंह
वहीं इस बच्चे के विषय में टिकैत ने भी अपने 16 मिनट के संबोधन में कहा कि जिस तरह से 11 साल के बच्चों में भी सरकार के प्रति इतना गुस्सा है, इससे साफ होता है कि मोदी सरकार का बुरा दिन शुरू होने वाला है।
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