अब और ज्यादा आयुष्मान: पीएम-जय योजना को राशनकार्ड से जोड़ने की तैयारी, 5 लाख के स्वास्थ्य बीमा कवर के लाभार्थियों की संख्या 80 करोड़ हो जाएगी
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नई दिल्लीएक घंटा पहलेलेखक: पवन कुमार
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अब तक 2011 की जनगणना के आंकड़ों से तय हो रहे थे लाभार्थी।
- पुराने आंकड़ों की वजह से पूरे देश में कई जगह सामने आई थीं गड़बड़ियां
पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर देने वाली प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना (पीएम-जय) के लाभार्थियों का दायरा अब और भी बड़ा करने की तैयारी चल रही है। फिलहाल इस योजना के तहत 55 करोड़ लोगों को लाभ मिल रहा है, अब यह संख्या बढ़ाकर 80 करोड़ तक पहुंच सकती है।
लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए इस योजना को राशन कार्ड से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। इस कदम से लाभार्थियों की ट्रैकिंग भी संभव होगी। इस पर राज्यों व नेशनल हेल्थ अथॉरिटी की कई दौर की बैठक भी हो चुकी है। संभव है कि योजना की तीसरी वर्षगांठ यानी 23 सितंबर,2021 को इसकी घोषणा की जाए।
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी व राज्यों की कई दौर की बैठक पूरी
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) ने राज्यों से यह सुझाव मांगे थे कि कि पीएम-जय का दायरा बढ़ाने के लिए बेहतर विकल्प क्या-क्या हो सकते हैं। अभी योजना के लाभार्थी सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना 2011 (एसईसीसी) के आंकड़ों के आधार पर तय किए गए हैं। केंद्र का मानना है कि ये आंकड़े पुराने हैं और बड़ी संख्या में जरूरतमंद योजना से बाहर हैं।। ऐसे में राज्यों से पूछा गया था कि इससे बेहतर विकल्प क्या हो सकते हैं।
हालांकि योजना के तहत अभी तक दो करोड़ 58 लाख से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल चुका है। सूत्रों का कहना है कि एनएचए के पास आए सुझावों में सबसे ज्यादा राज्यों ने योजना को राशनकार्ड से जोड़ने का प्रस्ताव दिया था। इस संबंध में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, ग्रामीण विकास, पेट्रोलियम और ऊर्जा मंत्रालय के साथ भी बैठक की गई है। एनएचए की ओर से इसके आर्थिक पहलुओं की समीक्षा की जा रही है।
अभी: आंकड़ों व हकीकत में अंतर
- जनगणना 2011 के अनुसार 10.74 करोड़ परिवार (करीब 55 करोड़ लोग) लाभार्थी हैं।
- लाखों लोगों का स्थान बदल चुका है तो कुछ लोग बताए पते पर नहीं मिल पा रहे हैं।
- राज्यों से ऐसी शिकायतें मिली कि बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो वास्तव में गरीब हैं लेकिन उनका नाम एसईसीसी में नहीं है।
आगे: राशन कार्ड से ट्रैकिंग भी होगी
- देश में 23.43 करोड़ राशन कार्ड धारक परिवार यानी 80 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हैं।
- 90% परिवारों में 1 सदस्य का आधार राशन कार्ड से लिंक्ड है। फर्जीवाड़ा मुश्किल है।
- करीब 69 करोड़ लाभार्थी ‘एक देश एक राशन कार्ड’ से जुड़े हैं। ये आंकड़े हर साल अपडेट होते हैं। लाभार्थियों की ट्रैकिंग भी होगी।
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