मानसून का तीसरा ब्रेक: बारिश में 9% कमी की भरपाई संभव नहीं, 27 अगस्त तक बेहद कम बारिश के आसार, यह कमी और बढ़ेगी
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- It Is Not Possible To Compensate For 9% Shortfall In Rain, Very Little Rain Expected Till August 27, This Deficiency Will Increase Further
नई दिल्ली5 मिनट पहलेलेखक: अनिरुद्ध शर्मा
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मौसम विभाग के पूर्वानुमान के उलट अब मानसून के सामान्य रहने के आसार घट गए हैं।
देश के कुछेक क्षेत्रों को छोड़कर बाकी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो रही है। मानसून में अब तक 9% कम बारिश हुई है। 24 अगस्त तक सामान्य रूप से 660.2 मिमी बारिश होनी चाहिए लेकिन 598.5 मिमी बारिश ही हुई है। अब मानसून ने इस सीजन का तीसरी बार ब्रेक भी ले लिया है, ऐसे में अब अगले चार दिन औसत से बेहद कम बारिश होगी, इसलिए बारिश में लगातार हो रही कमी की भरपाई होने की संभावना घटती जा रही हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के उलट अब मानसून के सामान्य रहने के आसार घट गए हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) 31 अगस्त को संशोधित पूर्वानुमान जारी करेगा जबकि निजी एजेंसी स्काईमेट ने अपने पूर्वानुमान में बदलाव करते हुए कहा है कि 30 सितंबर तक समाप्त होने वाले मानसून के दौरान इस बार 6 फीसदी कम बारिश होने की संभावना है।
लंबे और बार-बार आ रहे ब्रेक से कम हुई बारिश: स्काईमेट
स्काईमेट के विज्ञानी महेश पलावत ने कहा कि अगस्त में अभी तक 91% बारिश हुई है। जून के दूसरे पखवाड़े से जुलाई के पहले दिन तक ब्रेक मानसून रहा, फिर अगस्त में भी ब्रेक मानसून रहा और अब तीसरी बार चार-पांच दिन का ब्रेक शुरू हो गया है, इसलिए अब मानसून की रिकवरी की संभावना कम दिख रही है। हालांकि सितंबर में सामान्य शत-प्रतिशत बारिश के आसार हैं लेकिन कुल मिलाकर 6% की कमी रहने के आसार हैं।
इसमें 4% कम या ज्यादा रहने की गुंजाइश भी है। गुजरात, राजस्थान, पंजाब, ओडिशा व केरल में भारी कमी के साथ ही मानसून पूरा होगा। बिहार, पूर्वी यूपी, मध्य प्रदेश में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश सितंबर तक जारी रहेगी।
लो प्रेशर एरिया 50% से भी कम बने, इससे कम हुई बारिश : आईएमडी
आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि मानसून में सबसे अधिक पांच कम दबाव के क्षेत्र (लो-प्रेशर एरिया) अगस्त में बनते हैं। इस बार केवल दो बने। एक ओडिशा से दाखिल हुआ और दूसरा बांग्लादेश से। इसके चलते अच्छी बारिश नहीं हो सकी। केवल 5-6 दिन ही बारिश हुई। अगला लो प्रेशर एरिया 6 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में बन सकता है।
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