वर्ल्ड चैंपियनशिप के जूनियर के मेडल विनर दीपक का वेलकम: पहले महम चौबीसी के चबूतरे पर और फिर निंदाना में होगा सम्मान, 97 किलो वजन में हंगरी के पहलवान को दी थी पटखनी

वर्ल्ड चैंपियनशिप के जूनियर के मेडल विनर दीपक का वेलकम: पहले महम चौबीसी के चबूतरे पर और फिर निंदाना में होगा सम्मान, 97 किलो वजन में हंगरी के पहलवान को दी थी पटखनी

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रोहतकएक घंटा पहले

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वर्ल्ड चैंपियनशिप के जूनियर के मेडल विनर दीपक का वेलकम: पहले महम चौबीसी के चबूतरे पर और फिर निंदाना में होगा सम्मान, 97 किलो वजन में हंगरी के पहलवान को दी थी पटखनी

रूस से मेडल जीतकर आने के बाद अपने पिता को पहनाता पहलवान दीपक नेहरा। -7ऊाइल फोटो

जूनियर वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप के म्हारे चैंपियन दीपक नेहरा का मंगलवार को भव्य स्वागत कार्यक्रम होगा। दीपक हिसार के गांव मिर्चपुर स्थित अपनी ट्रेनिंग अकादमी शहीद भगत सिंह एकादमी से लौटेंगे। दीपक, कोच अजय ढांडा सहित अन्य लोग हिसार से महम चबूतरे पर आयोजित कार्यक्रम में दोपहर 12 बजे पहुंचेंगे। इस कार्यक्रम के बाद गांव निंदाना के कार्यक्रम के लिए शिरकत करेंगे। दीपक की मां ने कहा कि अपने बेटे का पहले चूरमा खिलाकर मुंह मीठा करुंगी, इसके बाद आगे का कार्यक्रम शुरू होगा। चबूतरे पर होने वाले कार्यक्रम में कांग्रेसी सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, आईजी अरुण नेहरा सहित गांव के प्रतिष्ठ लोग भी शिरकत करेंगे।

बता दें कि महम के गांव निंदाना का रहने वाला 19 साल का म्हारा छोरा दीपक नेहरा रूस में हुई जूनियर वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में (97किलोग्राम) में हेंगरी के पहलवान को पटकी देकर कांस्य पदक जीता था।

पिता ने ओलिंपिक के पदक की तैयारी करने की दी सीख
किसान पिता सुरेंद्र नेहरा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके बेटे को उसकी मेहनत का पहला फल मिल गया है। मगर अभी और पसीना बहाना है। दीपक व पिता सुरेंद्र सहित परिवार के तमाम लोग उसे ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करते व पदक जीतते हुए देखना है। पिता ने सीख देते हुए ओलिंपिक के पदक जीतने की तैयारी करने के गुर दिए थे। पिता ने बताया कि दीपक को 6 साल की उम्र में ही हिसार स्थित मिर्चपुर की शहीद भगत सिंह अकादमी में पहलवानी के लिए छोड़ दिया था। दीपक की इस उपलब्धि पर अकादमी संचालक एवं कोच अजय लाठर व जयभगवान लाठर ने उसे 51 हजार रुपए का नकद पुरुस्कार देकर अकादमी में सम्मानित भी किया।

ये हैं दीपक की उपलब्धियां

  • 5 से अधिक बार नेशनल स्तर पर गोल्ड
  • 2 बार खेलो इंडिया में गोल्ड
  • दो बार अंडर 17 में गोल्ड
  • एक बार जूनियर में गोल्ड

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