राम रहीम को स्पेशल गेस्ट से मिलवाने वाला डीएसपी सस्पेंड: रोहतकराम रहीम को स्पेशल गेस्ट से मिलवाने वाला डीएसपी सस्पेंड, हेल्थ बिगड़ने पर AIIMS दिल्ली ले जाते वक्त सुरक्षा में तैनात था शमशेर सिंह

राम रहीम को स्पेशल गेस्ट से मिलवाने वाला डीएसपी सस्पेंड: रोहतकराम रहीम को स्पेशल गेस्ट से मिलवाने वाला डीएसपी सस्पेंड, हेल्थ बिगड़ने पर AIIMS दिल्ली ले जाते वक्त सुरक्षा में तैनात था शमशेर सिंह

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रोहतक15 मिनट पहले

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राम रहीम को स्पेशल गेस्ट से मिलवाने वाला डीएसपी सस्पेंड: रोहतकराम रहीम को स्पेशल गेस्ट से मिलवाने वाला डीएसपी सस्पेंड, हेल्थ बिगड़ने पर AIIMS दिल्ली ले जाते वक्त सुरक्षा में तैनात था शमशेर सिंह

महम का डीएसपी शमशेर सिंह और रोहतक जिला जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह।

  • आरोप-डेरा प्रमुख को AIIMS में कुछ लोगों से मिलवाया गया, जिनमें महिलाएं भी शामिल थी, वापसी में रास्ते में बार-बार वाहन रोके गए और दो महिलाओं को वाहन में चढ़ाया भी गया
  • डीएसपी रैंक के एक अधिकारी ने अपने दो उच्चाधिकारियों को एक पत्र लिखकर डेरा प्रमुख पर बरती गई कृपा की जानकारी दी

साध्वियों के यौनशोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस में रोहतक की जिला जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी बाबा राम रहीम की मदद करने के आरोप में एक पुलिस अधिकारी को सस्पेंड कर दियाया गया है। आरोप है कि बीते दिनों सेहत बिगड़ने पर डेरा प्रमुख को दिल्ली स्थित AIIMS लेकर गए सुरक्षा अमले में तैनात हरियाणा पुलिस के एक DSP ने वापसी में बाबा को एक स्पेशल गेस्ट से मिलवाया था। अब इस राज से पर्दा उठने के बाद पुलिस अफसीर को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करते हुए विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।

दरअसल, रोहतक के जिले के कस्बा महम एरिया के डीएसपी शमशेर सिंह जेल में बंद डेरा प्रमुख की सिक्योरिटी में थे। आरोप है कि शमशेर सिंह ने अपनी ड्यूटी में कोताही बरती है। इस मामले में लापरवाही सामने आने के बाद डीजीपी हरियाणा ने बड़ी कार्रवाई की है। सस्पेंड करते विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए हैं। डीएसपी पर इस कार्रवाई के हो जाने से उसकी सिक्योरिटी में रहे अन्य पुलिसकर्मियों में हंडकंप मच गया है। अब बाकी सिक्योरिटी ऑफिसर व कर्मचारी अपनी अपनी बचाने के लिए अफसरों के यहां हाजिरी मार रहे हैं।

17 जुलाई को दिल्ली से आते वक्त की थी यह लापरवाही
मामला 17 जुलाई 2021 का है। इससे कुछ दिन पहले राम रहीम पेट में दर्द की शिकायत के बाद रातभर पेट पकड़कर बैठा रहा था। जेल के डॉक्टर्स के काबू में बात नहीं आई तो फिर सुबह 6 बजे दुनिया के सोकर उठने के वक्त जेल प्रशासन की तरफ से उसे PGIMS में ले जाकर चेकअप कराया गया था। यहां से कुछ टेस्ट के लिए दिल्ली AIIMS का सुझाव दिया गया तो 17 जुलाई को कड़ी सु़रक्षा में बाबा को दिल्ली ले जाया गया था। सिक्योरिटी महम के डीएसपी शमशेर सिंह के हवाले थी। डीएसपी रैंक के ही एक अधिकारी ने अपने दो उच्चाधिकारियों को एक पत्र लिखकर डेरा प्रमुख पर बरती गई कृपा की जानकारी दी गई। डीएसपी ने अपने उच्चाधिकारियों को बताया कि डेरा प्रमुख को एम्स में कुछ लोगों व महिलाओं से मिलवाया गया। इसके अलावा जब वह टेस्ट कराकर लौट रहा था, तब रास्ते में बार-बार वाहन रोके गए और दो महिलाओं को वाहन में चढ़ाया भी गया।

26 अगस्त को आ सकता है डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह हत्या में फैसला
यह विवाद ऐसे समय पर खड़ा हुआ है, जब डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा 26 अगस्त को फैसला दिया जाना है। हत्या के इस केस में डेरा प्रमुख को मुख्य आरोपी माना गया है। सीबीआई कोर्ट हालांकि 26 अगस्त से पहले फैसला देने पर विचार कर रही थी और फैसले के दिन डेरा प्रमुख को भी कड़ी सिक्योरिटी में अदालत में पेश किए जाने का विचार बनाया गया था, लेकिन हरियाणा सरकार के वकीलों ने कोर्ट से अनुरोध किया कि डेरा प्रमुख की व्यक्तिगत पेशी से कानून व्यवस्था की स्थिति बगड़ सकती है, इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही उसकी पेशी कराई जाए। अदालत ने सरकार के वकीलों के इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया था।

आरोपी डीएसपी ने दी थी सफाईः चंडीगढ़ से किसी वीआईपी का आया था फोन
डीएसपी की रिपोर्ट के अनुसार इस बारे में जब सुरक्षा का प्रभार संभाल रहे डीएसपी शमशेर सिंह से पूछा गया तो उसने कहा कि चंडीगढ़ से किसी वीआइपी का फोन आया था। साथ ही शिकायतकर्ता डीएसपी ने यह आशंका भी जताई कि हो सकता है कि सभी को गुमराह करने के लिए चंडीगढ़ से किसी वीआइपी का फोन आने की कहानी बनाई गई हो। पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल के संज्ञान में जब यह मामला आया तो आरोपी डीएसपी व पुलिस अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई करनी शुरू कर दी।

जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने बयान जारी कर कड़ी कार्रवाई होने के बारे में कहा था
मामले में जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने बयान जारी किया था कि डेरा प्रमुख की सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं बरती जा रही है। जेल मैन्युअल में जिस तरह बाकी कैदी होते हैं, उसी तरह से डेरा प्रमुख भी एक कैदी है। जिस तरह बाकी कैदियों को पैरोल लेने, बीमार होने पर इलाज कराने का अधिकार है, उसी तरह से डेरा प्रमुख को भी है। ऐसे गंभीर कैदियों का भारी सुरक्षा के बीच आवागमन जेल अधिकारियों व पुलिस विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है। इलाज के दौरान उन्हीं लोगों को मिलने की अनुमति कैदी से दी जाती है, जिनकी अनुमति मांगी गई है। इसके अलावा यदि कोई मिलता है तो यह गलत है। हम किसी की स्वतंत्रता और अधिकारों का हनन तो नहीं कर सकते, लेकिन यदि कहीं सिक्योरिटी में चूक हुई है और अनाधिकृत रूप से किसी को लाभान्वित करने की कोशिश हुई है तो आरोपियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई बनती है

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