रेवाड़ी में डेढ़ करोड़ की ठगी के आरोपी को दबोचा: चिटफंड कंपनी बनाकर 6 लोगों से धोखाधड़ी के केस में 19 महीने बाद पहली गिरफ्तारी; CMD और MD अब भी फरार

रेवाड़ी में डेढ़ करोड़ की ठगी के आरोपी को दबोचा: चिटफंड कंपनी बनाकर 6 लोगों से धोखाधड़ी के केस में 19 महीने बाद पहली गिरफ्तारी; CMD और MD अब भी फरार

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रेवाड़ी9 घंटे पहले

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रेवाड़ी में डेढ़ करोड़ की ठगी के आरोपी को दबोचा: चिटफंड कंपनी बनाकर 6 लोगों से धोखाधड़ी के केस में 19 महीने बाद पहली गिरफ्तारी; CMD और MD अब भी फरार

पुलिस गिरफ्त में आरोपी मनोज।

हरियाणा के रेवाड़ी जिले में करीब डेढ़ करोड़ की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी एक चिटफंड कंपनी का सहायक है। जबकि कंपनी का CMD और MD अभी भी फरार है। आरोपियों ने एक व्यक्ति के जरिए 6 से ज्यादा लोगों के साथ ढाई साल पहले ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। तभी से आरोपी फरार चल रहे थे। शुक्रवार को पुलिस को एक आरोपी के बारे में सूचना मिली। उसके बाद दबिश देकर उसे पकड़ लिया गया। आरोपी की पहचान सूरजगढ़ के रहने वाले मनोज कुमार के रूप में हुई हैं।

जानकारी के अनुसार, घीसा की ढाणी में रहने वाले संदीप की मोबाइल और सैलून की दुकान है। 20 सितंबर 2018 को उसकी मुलाकात दुकान पर आने वाले मंगतराम से हुई थी। मंगतराम ने खुद को श्योरगेन सोल्यूशन कंपनी का CMD बताया। उसने संदीप को जानकारी दी थी कि उनकी कंपनी सुअर पालन का काम करती है। कंपनी में इनवेस्ट करने के बाद वे कई तरह के फायदे देते हैं। शुरू में तो संदीप उसकी बातों में नहीं आया, लेकिन महंगी गाड़ी देखकर वह लालच में आ गया। मंगतराम के सहायक मनोज कुमार ने संदीप को कंपनी में इनवेस्ट करने कई प्लान बताए।

उसे बताया गया कि अगर वह अपने नीचे कुछ और साथियों को कंपनी से जोड़ेगा तो फिर उसे और ज्यादा फायदा होगा। इसी तरह वह इन शातिर ठगों के जाल में डेढ़ करोड़ रुपए वाले प्लान में फंस गया। इस प्लान में उसे एक क्रेटा गाड़ी और कई लोक-लुभावने ऑफर दिए गए। संदीप ने पहले खुद के 50 लाख रुपए कंपनी में जमा किए। उसके बाद पिता रमेश कुमार के नाम से नई ID बनाकर 16 लाख जमा कर दिए।

इतना ही नहीं अपने दोस्त मनोज के 6 लाख रुपए के अलावा अपनी दुकान पर काम करने वाले नौकरों के नाम से ही कंपनी में पैसे जमा करता चला गया। आधी से ज्यादा रकम उसने ऑनलाइन बैंक के जरिए जमा की। संदीप ने खुद और अपने साथियों के जरिए 1 करोड़ 45 लाख से ज्यादा की रकम कंपनी में जमा कर दी। शुरुआत में उसे 10 लाख और फिर 5 लाख रुपए वापस भी किए गए, लेकिन उसके बाद उसे एक कुछ नहीं मिला। कुछ दिन बाद शातिर ठगों ने उससे बात करना बंद कर दिया। किसी तरह वह कंपनी के CMD मंगतराम के पास पहुंच गया।

उसने मंगतराम से अपनी राशि वापस मांगी तो उसने साफ मना कर दिया। उसके बाद संदीप ने शिकायत दर्ज कराई। शहर थाना पुलिस ने 4 आरोपियों के खिलाफ इस मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद से ही आरोपी फरार चल रहे थे। शुक्रवार को केस में पहली गिरफ्तारी मनोज के रूप में हुई है। उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।

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