रोहतक के IMT फेज-3 में ब्लास्ट का मामला: घायल के बाएं हाथ की अंगुलियों के बाद बाईं आंख की रोशनी भी गई, PGI रोहतक ने दिया जवाब, अब दिल्ली कराएगा इलाज

रोहतक के IMT फेज-3 में ब्लास्ट का मामला: घायल के बाएं हाथ की अंगुलियों के बाद बाईं आंख की रोशनी भी गई, PGI रोहतक ने दिया जवाब, अब दिल्ली कराएगा इलाज

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रोहतक11 घंटे पहले

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रोहतक के IMT फेज-3 में ब्लास्ट का मामला: घायल के बाएं हाथ की अंगुलियों के बाद बाईं आंख की रोशनी भी गई, PGI रोहतक ने दिया जवाब, अब दिल्ली कराएगा इलाज

धमाके में घायल राजकुमार अपनी व्यथा सुनाते हुए।

हरियाणा में रोहतक-दिल्ली हाईवे पर खरावड़ गांव के पास IMT फेज-3 में हुए ब्लास्ट में घायल शख्स की बाएं हाथ की अंगुलियां तो खत्म हो गई थी, लेकिन अब बाईं आंख की रोशनी भी चली गई है। PGI रोहतक से जवाब मिलने के बाद पीड़ित ने दिल्ली के डॉक्टर्स से संपर्क किया है। घायल राजकुमार ने बताया कि चेहरा और हाथ तो ठीक हो गया है, लेकिन बाईं आंख की रोशनी चली गई है।

31 जुलाई 2021 की सुबह हुए ब्लास्ट में घायल राजकुमार (54) के परिजनों ने उसे दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में दिखाया था। वहां के डॉक्टर्स ने आंख की रोशनी लौट आने की बहुत ही कम उम्मीद जताई है। वहीं, विस्फोट के 20 दिन बाद भी NIA जांच के बाद भी रोहतक पुलिस के हाथ खाली हैं। आलम यह है कि अभी तक FSL रिपोर्ट भी नहीं आई है। पुलिस की पूछताछ भी ठंडे बस्ते में चल रही है।

धमाका ऐसा था जैसे ट्रक का टायर फटा हो
PGI रोहतक से छुट्टी मिलने के बाद घर पहुंचे राजकुमार ने बताया कि वे हर रोज सुबह साइकिल पर IMT फेज-3 में घूमने जाते थे। 31 जुलाई की सुबह नलके के पास पहुंचा, जहां शौच के लिए शीशी में पानी भरा। इसके बाद सोचा कि किसी ने शराब पीकर कचरा रख दिया है। जैसे ही उसने कचरे की पॉलिथीन को उठाया, जोरदार धमाका हुआ। इस दौरान उसकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया। चेहरे और हाथ से खून निकलने लगा। उन्हें नहीं पता कि विस्फोट के बाद कैसा धुआं निकला था। इतना जरूर याद है कि धमाका ऐसा था, जैसे ट्रक का टायर फटा हो।

1997 में भी हुआ था धमाका
बता दें कि 1997 में शहर की पुरानी सब्जी मंडी और किला रोड बाजार में भी सिलसिलेवार धमाके हुए थे। धमाकों में तीन-चार लोग घायल हो गए थे। दो साल बाद दिल्ली पुलिस ने ही मामले की गुत्थी सुलझाई थी। इसमें दिल्ली के एक युवक को पकड़ा गया था। जिसने खुलासा किया था कि अब्दुल करीम टुंडा के कहने पर उसने बम रखे थे। फिलहाल अदालत में मामला विचाराधीन है।

एक सबूत मिलने के बाद भी पुलिस ने संदिग्ध को नहीं पकड़ा
ब्लास्ट के तीसरे दिन हादसे की चश्मदीद गीता दत्त को फोन पर किसी शख्स ने धमकी दी थी। आरोपी ने कहा था कि इस बार तो वो बच गया, लेकिन आगे नहीं बचेगा। इसलिए वह 40 लाख का इंतजाम कर ले। धमकी के बाद पीड़ित ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। पीड़ित ने बताया था कि 2 अगस्त को वह घर से खरावड़ चौकी की तरफ आ रहा था। उसके मोबाइल फोन पर 9518637076 नंबर से मैसेज आया कि अब की बार तो बच गया। अगली बार नही बचेगा। 40 लाख का इंतजाम कर ले। उसने पुलिस को आरोपी का मोबाइल नंबर दे दिया। पुलिस ने उस नंबर से जुड़ी सभी जानकारी भी जुटा ली मगर वह एक संदिग्ध को भी हिरासत में नहीं ले पाई।

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