अफगानिस्तान छोड़ने के बाद पहली बार दुनिया के सामने आए अशरफ गनी, कहा- काबुल में रहता तो कत्लेआम शुरू हो जाता

अफगानिस्तान छोड़ने के बाद पहली बार दुनिया के सामने आए अशरफ गनी, कहा- काबुल में रहता तो कत्लेआम शुरू हो जाता

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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को यूएई से ही अपने देश को संबोधित किया। अफगानिस्तान को छोड़ने के बाद गनी पहली बार दुनिया के सामने आए हैं। अशरफ गनी ने कहा कि मुझे भाग गया कहने वालों के पूरी बात जाननी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मैं काबुल में रहता तो वहां कत्लेआम शुरू हो जाता। देश को छोड़कर मैंने काबुल की जनता को खूनी जंग से बचाया है। गनी ने आगे कहा कि वे शांति से तालिबान को सत्ता सौंपना चाहते थे। 

अफगानिस्तान को संबोधित करते हुए अशरफ गनी ने कहा कि उन्हें उनकी ईच्छा के खिलाफ देश से बेदखल किया गया। भगौड़ा कहने वालों को उनके बारे में जानकारी नहीं है। गनी ने दावा किया कि तालिबान के साथ उनकी बातचीत बेनतीज रही थी। वहीं, पैसा लेकर भागने के आरोपों का भी गनी ने जवाब दिया है। गनी ने कहा कि जहां तक पैसा लेकर भागने की बात है तो यह पूरी तरह से बेबुनिया है। 

अशरफ गनी ने कहा कि सुरक्षा वजहों से मैं अफगानिस्तान से दूर हूं। अगर मैं वहां रहता तो काबुल में कत्लेआम मच जाता। किसी अनहोनी से बचने के लिए मैंने देश छोड़ा है। इसलिए जो मुझे नहीं जानते हैं वो फैसला ना सुनाएं। उन्होंने कहा कि मैं अपने सुरक्षाबलों और सेना का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। बता दें कि यूएई पहुंचने से पहले खबर आई थी कि अशरफ खनी को ओमान में जगह नहीं मिलने के बाद युगांडा में शरण लेंगे लेकिन आज वो यूएई पहुंच गए।

यूएई ने मानवीय आधार पर किया स्वीकार

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कहा कि उसने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार को मानवीय आधार पर स्वीकार कर लिया है। तालिबान के काबुल के नजदीक पहुंचने से पहले ही गनी देश छोड़ कर चले गए थे। यूएई की सरकारी समाचार समिति ‘डब्ल्यूएएम ने बुधवार को अपनी एक खबर में यह जानकारी दी। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि गनी देश में कहां हैं।

तालिबान का कहना है कि वह बदल गया है

देश पर तालिबान के कब्जे के बाद उसके हर कदम पर करीबी निगाह रखी जा रही है। तालिबान का कहना है कि वह बदल गया है और उस तरह की पाबंदिया दोबारा नहीं लगाएगा जो उसने अपने पहले के शासनकाल के दौरान लगाई थीं, लेकिन इन्हें लेकर लोग आश्वस्त नहीं हैं। बुधवार को हुए प्रदर्शन को जिस तरीके से समाप्त कराया गया है,उससे लोगों की आशंकाओं को बल मिल सकता है।

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