UP के बिजली मंत्री का इंटरव्यू: श्रीकांत शर्मा बोले- 90 हजार करोड़ के घाटे में बिजली विभाग, फिर भी शहरों में 24 और गांवों में 18 घंटे बिजली दे रहे; केजरीवाल को भी दिया जवाब

UP के बिजली मंत्री का इंटरव्यू: श्रीकांत शर्मा बोले- 90 हजार करोड़ के घाटे में बिजली विभाग, फिर भी शहरों में 24 और गांवों में 18 घंटे बिजली दे रहे; केजरीवाल को भी दिया जवाब

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  • Shrikant Sharma Said – Electricity Department In Loss Of 90 Thousand Crores, Yet It Is Giving 24 Hours Electricity In Urban Areas And 18 Hours In Villages; Kejriwal Also Replied

मथुरा3 घंटे पहलेलेखक: पवन गौतम

उत्तर प्रदेश का बिजली विभाग 90 हजार करोड़ के घाटे में है। ये खुलासा खुद प्रदेश के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में बिजली आती नहीं थी और अब जाती नहीं हैं। हमारी कोशिश है कि शहरी इलाकों में 24 घंटे और गांवों में 18 घंटे की बिजली सप्लाई हो। ‘दैनिक भास्कर’ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा का विशेष इंटरव्यू किया। इसमें उन्होंने प्रदेश में बिजली व्यवस्था के सुधार और योजनाओं को लेकर कई जानकारी दी। पेश है बातचीत के महत्वपूर्ण अंश…

सवाल : साढ़े चार साल में यूपी की बिजली व्यवस्था कितनी बदली?
जवाब : BJP सरकार आने से पहले उत्तर प्रदेश में बिजली की व्यवस्था जर्जर थी। मैं कहूं की मरणासन्न स्थिति में थी, तो ये गलत नहीं होगा। हमने उसे पटरी पर लाने का काम किया है। उत्तर प्रदेश अब सरप्लस पावर स्टेट बना है। हमने आते ही रोस्टर तय किया। गांवों को 18 घंटे, जिला मुख्यालयों और शहरी इलाकों में 24 घंटे बिजली दी। तहसील को 20 से 22 घंटे बिजली की सप्लाई करने लगे। बुंदेलखंड में लगातार 22 घंटे की सप्लाई होती है। ये नए उत्तर प्रदेश का आधार थी, जो हमारी सरकार ने ही रखा।

श्रीकांत शर्मा ने कहा कि पहले की सरकारों में बिजली की व्यवस्था बहुत जर्जर थी।

श्रीकांत शर्मा ने कहा कि पहले की सरकारों में बिजली की व्यवस्था बहुत जर्जर थी।

सवाल : आपने साढ़े चार साल में कई काम करने का दावा किया। आगे कितना काम बाकी है ?
जवाब : 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में पावर ग्रिड की क्षमता 16500 मेगावाट थी। आज हम 25 हजार मेगावाट की पीक डिमांड को मीट कर रहे हैं। यानी कि 26 हजार मेगावार ग्रिड की क्षमता हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के हर घर बिजली के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ये बड़ा काम था। आगे फरवरी 2022 तक हमारे ग्रिड की क्षमता 30,000 मेगावाट की हो जाएगी।

सवाल : आपकी सरकार का दावा है कि गांव-गांव तक बिजली पहुंचा दी गई? ये कहां तक सही है?
जवाब : मेरी सरकार ने 1.40 करोड़ लोगों के घरों तक नए कनेक्शन दिए। इसमें 60 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्हें मुफ्त कनेक्शन दिया गया। ये लोग गरीब थे और पिछली सरकारों ने इनकी कोई मदद नहीं की। ये आजादी के बाद से अब तक अंधेरे में ही रहने को विवश थे।

आज इनके घरों में बिजली है। लाइट जलती है। ये सभी लोग अपनी मेहनत से बिजली का बिल भी भरते हैं। ज्यादा दिक्कत न हो इसके लिए बिल को किश्तों में चुकाने का ऑप्शन है। अब गांव के अंदर जो छोटे-छोटे गांव बसे हैं उन तक बिजली पहुंचाने का काम चल रहा है। सर्वे करा लिया गया है। कई जगह थोड़ा काम अधूरा रह गया है उसको पूरा कर रहे हैं।

सवाल : गांवों से शिकायतें आती है कि फाल्ट होने पर 3-4 दिन कोई ठीक नहीं करता। लोग चंदा जुटाकर सही करवाते हैं।
जवाब : ये बात सही नहीं है। बिजली फाल्ट को अधिकतम 24 घंटे में सही कर दिया जाता है। हमारी सरकार आने से पहले लोगों को पैसा देकर ट्रांसफॉर्मर बदलवाना पड़ता था। अब सब बदल चुका है। हमारे टोल फ्री नंबर 1912 पर अभी तक साढ़े 4 लाख शिकायत मिली हैं। इनमें से 99.99% निस्तारित हो चुकी हैं।

सवाल : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि हम दिल्ली की तरह यूपी में भी गरीबों को मुफ्त बिजली देंगे। आप क्या कहेंगे?
जवाब : यूपी कि तुलना किसी अन्य राज्य से नहीं की जा सकती। मेरी प्राथमिकता है कि जिन घरों में अंधेरा है, उन घरों में रोशनी पहुंचा सकूं।

अभी तक टोल फ्री नंबर 1912 पर साढ़े 4 लाख शिकायत मिली हैं। उनमें से 99.99% निस्तारित हो चुकी हैं।

अभी तक टोल फ्री नंबर 1912 पर साढ़े 4 लाख शिकायत मिली हैं। उनमें से 99.99% निस्तारित हो चुकी हैं।

सवाल : शहरों में बिजली के तार अंडरग्राउंड करने की प्लानिंग थी। कहां तक ये काम हुआ?
जवाब : बड़ी संख्या में अंडर ग्राउंड केबलिंग का काम किया गया है और अभी भी जारी है। अंडर ग्राउंड केबलिंग के साथ-साथ फीडर को भी अलग-अलग करने का काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में शहरी इलाकों का फीडर अलग है और ग्रामीण का अलग। अब ट्यूबवेल का फीडर भी अलग कर रहे हैं। इंडस्ट्री का फीडर पहले से ही अलग है।
सवाल : किसानों, मध्यमवर्गीय और गरीब परिवार के लिए क्या योजना है?
जवाब : जिन घरों में 100 यूनिट तक बिजली खर्च होती है उन्हें प्रति यूनिट 3 रुपए देने पड़ते हैं। बाकी 5 रुपए की सब्सिडी सरकार दे रही है। ये गरीबों, किसानों और मध्यमवर्गीय परिवार के लिए बड़ी राहत की योजना है।

सवाल : इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने के लिए क्या कर रहे ?
जवाब : इंडस्ट्रीज को ट्रिपिंग फ्री बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जो नई इंडस्ट्री आ रही हैं उन्हें 10 साल तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी का कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा ।

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