आतंकी के पिता का मजहब तिरंगा: 5 साल पहले मुठभेड़ में मारे गए बुरहान वानी के प्रिंसिपल पिता ने स्कूल में तिरंगा फहराया, आतंकवाद का पोस्टर बॉय था बेटा

आतंकी के पिता का मजहब तिरंगा: 5 साल पहले मुठभेड़ में मारे गए बुरहान वानी के प्रिंसिपल पिता ने स्कूल में तिरंगा फहराया, आतंकवाद का पोस्टर बॉय था बेटा

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श्रीनगर3 मिनट पहले

बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर अहमद ने रविवार को त्राल के स्कूल में तिरंगा फहराया।

आजादी के जश्न के दौरान कश्मीर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने साबित कर दिया है कि आतंकवादी का कोई मजहब नहीं होता। और, देशभक्त का एक ही मजहब होता है.. तिरंगा। जो बुरहान वानी कभी आतंकवाद का पोस्टर बॉय बन गया था, आज उसी के पिता मुजफ्फर अहमद वानी ने स्कूल में तिरंगा फहराया, राष्ट्रगान गाया। आतंकी संगठन हिज्बुल के कमांडर बुरहान वानी को 8 जुलाई 2016 में सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था।

मुजफ्फर अहमद त्राल के एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं। रविवार को उन्होंने यहां फ्लैग होस्टिंग की। वीडियो भी सामने आया है, जिसमें राष्ट्रगान की धुन पर मुजफ्फर अहमद समेत पूरा स्कूल तिरंगे को सलामी दे रहा है।

कौन था बुरहान वानी ?

  • 22 साल का बुरहान वानी 15 साल की उम्र में आतंकी बना था। पिछले कुछ महीनों से बुरहान साउथ कश्मीर में बहुत एक्टिव था। उसने यहां के कई पढ़े-लिखे यूथ्स को बरगला कर आतंकी बनाया था।
  • कश्मीरी यूथ को रिक्रूट करने के लिए वह फेसबुक-वॉट्सऐप पर वीडियो और फोटो पोस्ट करता था। इनमें वो हथियारों के साथ सिक्युरिटी फोर्सेस का मजाक उड़ाते हुए नजर आता था।
  • वानी को भड़काऊ स्पीच देने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में एक्सपर्ट माना जाता था। सिक्योरिटी फोर्सेस ने इसे पिछले साल 8 जुलाई 2016 को एक एनकाउंटर में मार गिराया था। वानी की मौत के बाद कश्मीर में करीब 90 दिन तक विरोध-प्रदर्शन होते रहे थे।
तस्वीर 2016 की है, जब बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद कश्मीरी यूथ ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे।

तस्वीर 2016 की है, जब बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद कश्मीरी यूथ ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे।

वानी को उसकी गर्लफ्रेंड के जरिए घेरा गया था
आर्मी कैंप में 8 जुलाई की शाम सूचाना आई कि बुरहान वानी कोकरनाग के पास बमडूरा गांव के एक मकान में पहुंच चुका है। उसके पास ज्यादा हथियार नहीं हैं। इन्फॉर्मेशन पक्की थी, क्योंकि खुद इंटेलिजेंस और आर्मी ने वानी को उस गांव में लाने का प्लान बनाया था। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) को पहले ही उस गांव के पास बुलवा लिया गया था। वानी को उसकी एक गर्लफ्रेंड के जरिए बुलाया गया था। वानी अपने साथी सरताज के साथ ही चलता था। सरताज का फोन खुफिया एजेंसियों की रडार पर था। उस दिन भी वानी अपने दोस्त सरताज और परवेज के साथ ही था।

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