महाकाल मंदिर में हंगामा: कैलाश विजयवर्गीय की वजह से पुजारियों को गेट पर रोका, CCTV बंद किए; भस्म आरती में आधे घंटे की देर हुई
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उज्जैन16 घंटे पहले
महाकाल मंदिर में दर्शन के बाद बाहर निकलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय।
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय, उनके बेटे आकाश और बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला की वजह से शुक्रवार को उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में हंगामा हो गया। इसके चलते भस्म आरती में आधे घंटे की देरी हो गई। तीनों नेता शुक्रवार सुबह महाकाल के दर्शन करने पहुंचे थे और उनके आते ही मंदिर प्रशासन ने सभी गेट बंद कर दिए। बताया जा रहा है कि CCTV कैमरे भी बंद कर दिए गए थे।
सुबह 4 बजे भस्म आरती करने जब मुख्य पुजारी अजय और दूसरे पुजारी गेट नंबर चार पर पहुंचे तो उन्हें वहीं रोक दिया गया। इसके कुछ देर बाद आगे जाने दिया गया तो सूर्यमुखी द्वार पर फिर से रोक दिया गया। पुजारी अजय ने यहां तैनात वाणिज्यिक कर अधिकारी दिनेश जायसवाल से रोकने की वजह पूछी तो वे बहस करने लगे। इसी बीच पुजारियों ने सभा मंडप में कैलाश विजयवर्गीय के साथ आकाश और रमेश मेंदोला को देखा तो वे भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे। इस मामले में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि नियम तोड़ कर मंदिर में प्रवेश करने वाले रावण के अवतारी लोग हैं।
भस्म आरती के लिए पहुंचे मुख्य पुजारी को गेट नंबर 4 पर रोक दिया गया।
भस्म आरती में एक साल से श्रद्धालुओं को एंट्री नहीं
पुजारियों में हंगामे को लेकर मंदिर प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। वहीं पुजारियों का कहना है कि फिलहाल उनके अलावा किसी और को गर्भगृह में जाने की इजाजत नहीं है। ऐसे में नेताओं को किसके आदेश से गर्भगृह तक जाने दिया गया, इसकी जांच कराई जाए। बता दें कोरोना प्रोटोकॉल के चलते भस्म आरती में श्रद्धालुओं की एंट्री एक साल से बंद है।
गेट पर रोके जाने के विरोध में पुजारियों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने मांग की है कि विजयवर्गीय को गर्भगृह में जाने की इजाजत देने की जांच करवाई जाए।
कैलाश विजयवर्गीय और दूसरे नेता दर्शन करने के बाद मंदिर के धर्मशाला गेट से निकल रहे थे। इस दौरान पत्रकारों ने भस्म आरती में देरी को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
सज्जन बोले- रावण के अवतारी लोग हैं
इस मामले में पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, नियम तोड़ कर मंदिर में प्रवेश करने वाले रावण के अवतारी लोग हैं। रावण लोग ही ऐसा करते हैं। धर्म का पालन नहीं करना। धर्म के अनुयायियों को परेशान करना, बरसों पुरानी परंपरा को खंडित करना ठीक नहीं है। मैं इसकी भर्त्सना करता हूं। मैंने उज्जैन का प्रभारी मंत्री रहते हुए नियमों को नहीं तोड़ा। कभी गर्भगृह में जाकर पूजा नहीं की। राजनेताओं को घमंड नहीं करना चाहिए। दरअसल, पूर्व मंत्री वर्मा कांग्रेस की ओर से आयोजित पत्रकारवार्ता में शामिल हुए थे।
जांच कराई जाएगी: कलेक्टर
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि नागपंचमी पर भस्मारती तय समय पर सुबह 4 बजे शुरू हो गई थी। उसमें किसी तरह की देरी नहीं हुई। यदि मंदिर में कोई मूवमेंट हुआ है तो उसकी जांच कराई जाएगी।
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