भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर मिला टिफिन बम और हथियार: NIA को सौंपा जा सकता है केस; जांच का विषय किसको भेजी गई थी हथियारों की खेप और किसके पास पहुंचनी थी

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर मिला टिफिन बम और हथियार: NIA को सौंपा जा सकता है केस; जांच का विषय किसको भेजी गई थी हथियारों की खेप और किसके पास पहुंचनी थी

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अमृतसर23 मिनट पहले

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भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर मिला टिफिन बम और हथियार: NIA को सौंपा जा सकता है केस; जांच का विषय किसको भेजी गई थी हथियारों की खेप और किसके पास पहुंचनी थी

तीन पैकेट्स में 100 गोलियां 9 एमए की बरामद हुईं।

ड्रोन के जरिए एक टिफिन बम और हथियार अमृतसर में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास उतारे गए। पुलिस ने उन्हें रिकवर करके एक साजिश को नाकाम कर दिया। लेकिन यह गंभीर जांच का विषय है कि यह हथियार किसने पाकिस्तान से भेजे थे। किसे भेजे गए और किसके लिए भेजे गए। पिछले कुछ मामलों पर ध्यान दें तो यह मामला भी नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) अपने हाथ में ले सकते है।

ड्रोन का इस तरह देश की सीमा में घुसना और हथियारों की खेप फेंककर नजरों से बचकर लौट जाना, गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने स्पष्ट कहा है कि यह हथियार पाकिस्तान से लाए गए थे और स्वतंत्रता दिवस पर इनका प्रयोग हो सकता था। यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी पंजाब में ड्रोन के जरिए हथियार भारत आने की घटनाएं सामने आती रही हैं।

दो साल पहले तरनतारन के चोहला साहिब से खालिस्तान समर्थक 4 आतंकियों बलवंत सिंह उर्फ बाबा उर्फ निहंग, अर्शदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से 5 एके-47 और 16 मैगज़ीन, 4 पिस्टल, 8 मैगज़ीन, 9 हैंड ग्रनेड, 5 सैटेलाइट फ़ोन और 10 लाख रुपए की जाली भारतीय करंसी मिली थी।

जांच में सामने आया कि हथियार ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से भेजे गए थे और इन्हें कश्मीरी आतंकवादियों तक पहुंचाया जाना था। यह मामला एनआईए ने अपने हाथों में ले लिया था। ताजा मामला भी ड्रोन के जरिए हथियार भेजे जाने का है। इसके अलावा इस खेप में भेजा गया टिफिन बम इतना अधिक पेचीदा था कि उसे डिफ्यूज करने के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स के कमांडो की जरूरत पड़ी।

गंभीर जांच की आवश्यकता है

पंजाब पुलिस ने खेप को जब्त करके एक बड़े आतंकी हमले काे नाकामयाब किया है। लेकिन इसमें कुछ जांच के विषय हैं। जिनकी NIA अगर गंभीरता से जांच करेगी तो कई परतें खुल सकती हैं और सच्चाई भी सामने आ सकती है। सबसे बड़ा विषय है कि यह हथियार किस घटना को अंजाम देने के लिए यहां भेजे गए थे। हथियार किसने यहां भेजे और लोपोके के बच्चीविंड गांव के खेतों से इन्हें किसने उठाना था। इसके बाद यह हथियारों की खेप किसके पास पहुंचनी थी। इन सभी सवालों के जवाब मिलना बेहद जरूरी है।

100 गोलियां 9 एमएम की मिली हैं

एक अधिकारी ने जानकारी दी कि इस खेप में टिफिन बॉक्स बम के साथ 5 हैंड ग्रेनेड और 100 गोलियां 9 एमएम की भेजी गई हैं। इससे स्पष्ट होता है कि जिसके पास भी यह खेप जानी थी, उसके पास पिस्टल या राइफल की खेप भी पहले पहुंच चुकी है। जिसे प्रयोग करने के लिए अब 100 गोलियां भी भेजी गईं।

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