पेगासस पर संसद में सरकार का जवाब: डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा- स्पायवेयर बनाने वाली इजराइली फर्म से कोई लेनदेन नहीं हुआ; डील पर विपक्ष पूछ रहा था सवाल

पेगासस पर संसद में सरकार का जवाब: डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा- स्पायवेयर बनाने वाली इजराइली फर्म से कोई लेनदेन नहीं हुआ; डील पर विपक्ष पूछ रहा था सवाल

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • Defense Ministry Said There Was No Transaction With The Israeli Firm Making Spyware, The Opposition Was Questioning The Deal

नई दिल्ली7 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
पेगासस पर संसद में सरकार का जवाब: डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा- स्पायवेयर बनाने वाली इजराइली फर्म से कोई लेनदेन नहीं हुआ; डील पर विपक्ष पूछ रहा था सवाल

पेगासस जासूसी विवाद के बीच रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को संसद में कहा कि स्पायवेयर बेचने वाले इजराइली ग्रुप NSO के साथ उसका कोई लेनदेन नहीं है। भारत सहित कई देशों में लोगों के फोन की निगरानी के लिए इस ग्रुप के पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होने के आरोप लग रहे थे।

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मंत्रालय का NSO ग्रुप टेक्नोलॉजीज के साथ कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार ने इस ग्रुप के साथ कोई लेनदेन किया है। 19 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्षी दल लगातार इस मसले पर सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे थे।

इससे पहले IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया था, जिनमें कहा गया था कि पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भारतीयों की जासूसी करने में किया गया है। उनका कहना था कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाए गए आरोपों का मकसद भारतीय लोकतंत्र की छवि को नुकसान पहुंचाना है।

विपक्ष के अलावा पार्टी से भी उठी जांच की मांग
विपक्ष ने इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा कर रखा है। भाजपा के ही राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि यह बिल्कुल साफ है कि पेगासस स्पायवेयर एक कॉमर्शियल कंपनी है, जो पेड कॉन्ट्रैक्ट्स पर काम करती है। इसलिए यह सवाल लाजमी है कि ऑपरेशन के लिए उसे पैसे किसने दिए? भारत सरकार नहीं तो कौन? भारत की जनता को सच्चाई से वाकिफ कराना मोदी सरकार का फर्ज है।

इसके बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि पेगासस एक प्रोडक्ट है, NSO इजराइल की कॉमर्शियल कंपनी है। आपके पसंदीदा देशों में से एक। आप इकलौते व्यक्ति हैं, जो मोदी-शाह और NSO से वो फैक्ट निकाल सकते हैं, जो आप जानना चाहते हैं। उन्हें किसने भुगतान किया? यह सवाल लाजमी है।

एक लाइसेंस की कीमत 70 लाख रुपए
पेगासस स्पायवेयर लाइसेंस के साथ बेचा जाता है। इसकी कीमत क्या होगी, ये कंपनी और खरीदने वाले के बीच होने वाली डील पर तय होता है। इसके एक लाइसेंस की कीमत 70 लाख रुपए तक हो सकती है। एक लाइसेंस से कई स्मार्टफोन को ट्रैक किया जा सकता है।

पेगासस को सार्वजनिक रूप से मैक्सिको और पनामा की सरकार की ओर से उपयोग के लिए जाना जाता है। 40 देशों में इसके 60 ग्राहक हैं। कंपनी ने कहा कि उसके 51% यूजर इंटेलिजेंस एजेंसियों, 38% कानून प्रवर्तन एजेंसियों और 11% सेना से संबंधित हैं।

2016 के अनुमानों के अनुसार पेगासस का उपयोग करने वाले केवल 10 लोगों की जासूसी करने के लिए, NSO ग्रुप ने करीब 9 करोड़ रुपए की फीस ली थी। 2016 की प्राइस लिस्ट के अनुसार NSO ग्रुप ने 10 डिवाइस को हैक करने के लिए अपने ग्राहक से 6,50,000 डॉलर (करीब 4.84 करोड़ रुपए) की फीस ली थी। इसके अलावा इंस्टॉलेशन के लिए 5,00,000 डॉलर (करीब 3.75 करोड़ रुपए) अलग से लिए थे।

अपने ग्राहकों के बारे में कंपनी का दावा
कंपनी की वेबसाइट पर लिखा है कि NSO ग्रुप सरकारी एजेंसियों को लोकल और ग्लोबल खतरों की एक वाइड रेंज का पता लगाने और उसे रोकने के लिए बेस्ट-इन-क्लास टेक्नोलॉजी को डेवलप करता है। हमारे प्रोडक्ट सरकारी खुफिया और कानून-प्रवर्तन एजेंसियों को आतंक और अपराध को रोकने और जांच करने के लिए एन्क्रिप्शन की चुनौतियों का सामना करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने में मदद करते हैं।

क्या है पूरा विवाद?
द गार्जियन और वॉशिंगटन पोस्ट समेत 16 मीडिया ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने 2017 से 2019 के दौरान करीब 300 भारतीय मोबाइल नंबरों की जासूसी की है। रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने पेगासस स्पायवेयर की मदद से पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्ष के नेता और बिजनेसमैन के फोन हैक किए थे।

पेगासस क्या है?
पेगासस एक स्पायवेयर है। स्पायवेयर यानी जासूसी या निगरानी के लिए इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टवेयर। इसके जरिए किसी फोन को हैक किया जा सकता है। हैक करने के बाद उस फोन का कैमरा, माइक, मैसेजेस और कॉल्स समेत तमाम जानकारी हैकर के पास चली जाती है। इस स्पायवेयर को इजराइली कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है।

पेगासस को किसी भी फोन या किसी अन्य डिवाइस में रिमोटली इंस्टॉल किया जा सकता है। सिर्फ एक मिस्ड कॉल करके भी आपके फोन में पेगासस को इंस्टॉल किया जा सकता है। इतना ही नहीं, वॉट्सऐप मैसेज, टेक्स्ट मैसेज, SMS और सोशल मीडिया के जरिए भी यह आपके फोन में इंस्टॉल किया जा सकता है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *