इतिहास रचने वाली भारतीय हॉकी टीम के पीछे सुरजीत एकेडमी: टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वाली टीम के 9 प्लेयर निकले जालंधर की इसी एकेडमी से; कप्तान मनप्रीत समेत 3 खिलाड़ी मिट्ठापुर गांव के

इतिहास रचने वाली भारतीय हॉकी टीम के पीछे सुरजीत एकेडमी: टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वाली टीम के 9 प्लेयर निकले जालंधर की इसी एकेडमी से; कप्तान मनप्रीत समेत 3 खिलाड़ी मिट्ठापुर गांव के

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जालंधर10 घंटे पहलेलेखक: मनीष शर्मा

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इतिहास रचने वाली भारतीय हॉकी टीम के पीछे सुरजीत एकेडमी: टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वाली टीम के 9 प्लेयर निकले जालंधर की इसी एकेडमी से; कप्तान मनप्रीत समेत 3 खिलाड़ी मिट्ठापुर गांव के

जीत के बाद भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी।

1980 में गोल्ड मेडल के 41 साल बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक में मेडल के सूखे को खत्म कर दिया। जर्मनी की टीम को 5-4 से हरा भारत ने ब्रान्ज मेडल जीत इतिहास रच दिया। टोक्यो ओलंपिक में धमाल मचाने वाली टीम में 9 खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने जालंधर की ओलंपियन सुरजीत हॉकी एकेडमी में ट्रेनिंग ली। सेमीफाइनल में 2 गोल दागने वाले दागने वाले सिमरनजीत सिंह हों, एक गोल वाले हार्दिक सिंह या फिर ओलंपिक में जी-जान से खेली टीम की अगुवाई करने वाले कप्तान मनप्रीत सिंह, सभी इसी एकेडमी से निकले हैं। सीनियर लेवल तक पहुंचने से पहले यह खिलाड़ी इसी एकेडमी में ट्रेनिंग लेते रहे। खास बात यह भी है कि हॉकी टीम कप्तान समेत 3 खिलाड़ी जालंधर के एक ही गांव के हैं।

जालंधर में हॉकी की प्रैक्टिस करते खिलाड़ी।

जालंधर में हॉकी की प्रैक्टिस करते खिलाड़ी।

ओलंपिक टीम में यह खिलाड़ी थे सुरजीत एकेडमी के, महिला खिलाड़ी गुरजीत भी ले चुकी ट्रेनिंग

ओलंपियन सुरजीत एकेडमी से हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह के अलावा सिमरनजीत सिंह, हार्दिक सिंह, शमशेर सिंह, दिलप्रीत सिंह, वरुण कुमार, हरमनप्रीत सिंह, शमशेर सिंह, मनदीप सिंह व एक्स्ट्रा गोलकीपर के तौर पर गए कृष्ण पाठक शामिल हैं। ओलंपिक में खेल रही महिला हॉकी टीम में शामिल अमृतसर की गुरजीत कौर भी कुछ साल इस एकेडमी में ट्रेनिंग कर चुकी है।

जालंधर में सुरजीत हॉकी स्टेडियम

जालंधर में सुरजीत हॉकी स्टेडियम

ओलंपियन के नाम पर बनी सोसायटी, स्टेडियम में हो चुके इंटरनेशनल टूर्नामेंट

जालंधर के रहने वाले ओलंपियन सुरजीत सिंह रंधावा के निधन के बाद उनके नाम पर पहले 1984 में सुरजीत हॉकी सोसायटी बनी थी। जालंधर के बल्टर्न पार्क स्थित हॉकी स्टेडियम को उनके नाम पर कर दिया गया। इसके बाद 1991-92 में सुरजीत हॉकी एकेडमी बनाई गई। जिसमें 12 से 19 साल के बच्चों को हॉकी की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा हॉकी इंडिया का ए-ग्रेड टूर्नामेंट करवाया जाता है। जिसमें देश के अलग-अलग बड़े क्लबों की टीमें हिस्सा लेती रही हैं। वहीं, इंटरनेशनल लेवल के सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट में पाकिस्तान, रूस, बांग्लादेश, कनाडा, इंग्लैंड, मलेशिया आदि टीमें हिस्सा लेती हैं।

सुरजीत हॉकी एकेडमी के कोच अवतार सिंह।

सुरजीत हॉकी एकेडमी के कोच अवतार सिंह।

हॉकी की बेसिक ट्रेनिंग के लिए 13-14 साल की उम्र सबसे बेहतर

एकेडमी के कोच अवतार सिंह कहते हैं कि सभी खिलाड़ी शुरुआती दिनों में ही एकेडमी में आ गए थे। उन्होंने करीब 6 साल की ट्रेनिंग यहां की है। जिसके बाद वो नेशनल लेवल तक पहुंच गए तो फिर कैंपों में चले गए। यह खिलाड़ी भी जूनियर के बाद सीनियर, एशियन, वर्ल्ड व कॉमनवेल्थ के बाद ओलंपिक टीम का हिस्सा बने। वह बताते हैं कि एकेडमी में हर साल फरवरी व अप्रैल के पहले सप्ताह में ट्रेनिंग के लिए अंडर 14, 17 व 19 के लिए बच्चों का चयन किया जाता है। फिर सीनियर लेवल तक पहुंचने के लिए उनकी ट्रेनिंग चलती रहती है। हमारा मानना है कि हॉकी की बेसिक ट्रेनिंग से शुरुआत के लिए 13-14 साल की उम्र में ही बच्चे का एकेडमी में आना ज्यादा बेहतर रहता है।

मिट्‌ठापुर के रहने वाले मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह व वरुण कुमार।

मिट्‌ठापुर के रहने वाले मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह व वरुण कुमार।

जालंधर के एक ही गांव के यह 3 खिलाड़ी, अब बनी एकेडमी

ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम को लेकर एक संयोग यह भी है कि इसमें 3 खिलाड़ी जालंधर के एक ही गांव मिट्‌ठापुर के हैं। जिनमें कप्तान मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह व वरुण कुमार शामिल हैं। मिट्ठापुर में भी अब हॉकी एकेडमी बन चुकी है और यहां शहीद दर्शन सिंह केपी स्टेडियम में बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है। हॉकी कप्तान मनप्रीत सिंह भी बच्चों का हौसला बढ़ाने अक्सर यहां जाते हैं।

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