अफगानिस्तान पर भारत का कड़ा रुख, तालिबान को दिया जवाब- नरसंहार और क्रूरता से नहीं मिलेगी मान्यता

अफगानिस्तान पर भारत का कड़ा रुख, तालिबान को दिया जवाब- नरसंहार और क्रूरता से नहीं मिलेगी मान्यता

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अफगानिस्तान में तालिबान के कहर के बीच भारत ने उसे कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान कहा कि नरसंहार और क्रूरता से मान्यता नहीं मिलेगी। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद को लेकर स्पष्ट रुख अख्तियार करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने संघर्षशील इलाकों को आतंकवाद की नर्सरी बताते हुए कहा कि विभिन्न देशों के बेहतर को-ऑर्डिनेशन से आतंकवाद की कमर तोड़ने में मदद मिलेगी। 

अफगानिस्तान की हालत का असर सब पर पड़ेगा
विदेश मंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों के बीच अलग-अलग मुद्दों पर एक निश्चित दरार है। इस दरार का फायदा उठाकर ही आतंकवादी शक्तियां पनपती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे इलाके जहां पर आपसी संघर्ष ज्यादा है, वहां आतंकवाद को पैदा होने की पर्याप्त खुराक मिलती है। उन्होंने कहा कि आज अफगानिस्तान की जो हालत है उसने सभी के लिए चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। आतंकवाद के चलते अफगानिस्तान की जो हालत हुई है, उसका असर सिर्फ इस देश पर नहीं, बल्कि आसपास के देशों पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे पैदा होने वाली चुनौतियों का सभी को मिलकर सामना करना होगा। 

हम अफगानिस्तान में शांति के पक्षधर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह 21वीं सदी है। इस दौर में नरसंहार और क्रूरता के दम पर मान्यता हासिल नहीं की जा सकती। उन्होंने प्रतिनिधित्व के लिए शांति की महत्ता पर भी जोर दिया। गौरतलब है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैन्य बलों के हटने के बाद से तालितान अफगानिस्तान के कई हिस्सों पर कब्जा जमा चुका है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता का बड़ा पैरोकार है। उसने यहां पर मदद और पुननिर्माण गतिविधियों में करीब तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए हैं। भारत यहां पर ऐसी शांति व्यवस्था कायम करना चाहता है जो अफगान द्वारा, अफगान के लिए और अफगान द्वारा ही तय किया गया हो। 

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