अयोध्या में 500 साल चांदी के पालने में झूलेंगे रामलला: 11 अगस्त से शुरू हो रहे सावन मेले को खास बनाने की तैयारी, राम मंदिर ट्रस्ट ने लिया झूले का माप, गर्भगृह भी साेने की बनाने की मांग उठी
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- After Five Hundred Years In Ayodhya, Ramlala Will Now Swing In A Silver Cradle, The Trust Has Taken The Measurement Of The Swing, The Sanctum Sanctorum Is Also Demanded To Be Made Of Gold.
अयोध्या13 मिनट पहलेलेखक: रमेश मिश्र
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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला।
अयोध्या में 11 अगस्त से सावन झूला मेला शुरू होने जा रहा है। मान्यता के अनुसार यह मेला सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि से 12 दिन चलता है। खास बात यह है कि 500 साल बाद इस बार रामलला चांदी के पालने में झूलेंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक गोपालजी ने सोमवार को झूले का माप लिया है। वहीं गर्भगृह को सोने से बनवाने की मांग भी उठने लगी है।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू हुए एक साल पूरे हो रहे हैं। 1528 से राम मंदिर आंदोलन चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट से निर्माण का रास्ता निकलने के बाद बीते साल 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचकर शिला पूजन किया था। इसके बाद अब राम मंदिर के नींव निर्माण तेजी के साथ चल रहा है। नींव 44 लेयर में बनाई जानी है। जिसमें से 25 लेयर तैयार हो चुकी है। मंदिर निर्माण के साथ अब रामलला को उनके गरिमा के अनुरूप सुविधाएं देने की तैयारी है।
नींव निर्माण का काम 50 फीसदी पूरा हो चुका है।
मणिपर्वत झूला से शुरू होगा सावन मेला
शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कनक भवन मणिराम दास जी की छावनी, श्रीरामवल्लभाकुंज, दशरथ महल, कोशलेस कुंज आदि सौ से ज्यादा मंदिरों से भगवान की मूर्तियां मणिपर्वत पर झूलन के लिए समारोह पूर्वक ले जाई जाती हैं। मणिपर्वत झूला के बाद मंदिरों की मूर्तियां मंदिरों में वापस आने पर पूरे सावन माह यह उत्सव चलता है।
कुछ संतों ने मांग की थी कि रामलला जब विवादों से मुक्त हो चुके हैं तो उन्हें भी मणिपर्वत झूला के लिए ले जाया जाना चाहिए। इस पर श्रीराम वल्लभाकुंज के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला बालरूप में हैं। इस अवस्था में वे अत्यन्त कोमल हैं और मां की गोद ही बच्चे के लिए सबसे बढ़िया झूला है। इसलिए सुरक्षा व रामलला की अवस्था को देखते हुए यह मांग कतई उचित नहीं है।
राममंदिर का गर्भगृह सोने का बनाने की मांग
शिवसेना ने अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर का गर्भगृह सोने का बनाए जाने की मांग की है। शिवसेना पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख और विवादित ढांचा ढहाने के आरोपी रहे संतोष दूबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा है।
उन्होंने पत्र में प्रधानमंत्री से मांग की है कि भगवान रामलला के मंदिर का गर्भगृह सोने का बनाया जाए। 500 वर्ष के कड़े संघर्ष के बाद यह मंगल समय आया है। हिंदू समाज की जन भावना है कि हमारे आराध्य के मंदिर का गर्भगृह सोने का हो।
5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री ने अयोध्या में शिला पूजन किया था।
राम मंदिर के भूमि पूजन को एक वर्ष पूरा, पीएम करें घोषणा
उन्होंने कहा कि सोने से निर्मित भगवान श्रीराम का गर्भगृह बनने से हम सभी हिंदुओं को बड़ा सुकून मिलेगा। राम मंदिर के भूमि पूजन को 5 अगस्त को एक वर्ष पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि उसी दिन मंदिर के गर्भगृह को सोने का बनाने की घोषणा कर दें। इससे आम जनमानस में खुशी की लहर दौड़ जाएगी।
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