पेगासस जासूसी मामले में SC में PIL: याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से PM और CBI को पक्षकार बनाने की मांग की, कहा- इजराइली स्पायवेयर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

पेगासस जासूसी मामले में SC में PIL: याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से PM और CBI को पक्षकार बनाने की मांग की, कहा- इजराइली स्पायवेयर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • Pegasus Snooping Controversy | Supreme Court, SIT Investigation, CBI And PM Narendra Modi

नई दिल्ली14 घंटे पहले

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि पेगासस खरीदने के लिए उपयोग किए गए पैसे के सोर्स की भी जांच की जाए। -फाइल फोटो

पेगागसस जासूसी केस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले पर एक जनहित याचिका SC में दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि इजराइली स्पायवेयर के जरिए भारतीय नागरिकों की निगरानी की जा रही थी। ये अपराध है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कोर्ट की निगरानी में एक समिति बनाकर इसकी जांच कराई जाए। याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और CBI को पक्षकार (पार्टी) बनाने की मांग की गई है।

याचिका मनोहर लाल शर्मा नामक वकील ने दायर की है। शर्मा ने याचिका में कहा है कि इस तरह किसी नागरिक की जासूसी करना मौलिक अधिकारों का हनन है। जासूसी के लिए विदेश स्पायवेयर का उपयोग करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है।

जासूसी लोगों के मौलिक अधिकारों से खिलवाड़
याचिकाकर्ता ने कहा है कि प्राइवेसी का मतलब ये नहीं है कि हम कुछ छुपाना चाहते हैं। प्राइवेसी का मतलब है कि एक व्यक्ति कुछ पल ऐसे माहौल में रहना चाहता है, जहां उसके विचारों पर कोई बाधा न डाले। पेगासस का इस्तेमाल सिर्फ किसी की बातों को सुनने के लिए नहीं किया जाता है। बल्कि, इसके जरिए किसी के निजी जीवन से जुड़ी डिजिटल चीजों को भी हासिल किया जा सकता है। ये सिर्फ फोन का उपयोग करने वाले किसी व्यक्ति के अधिकारों का हनन नहीं है, बल्कि उससे जुड़े उन सभी लोगों के मौलिक अधिकार से भी खिलवाड़ करता है, जो उससे फोन पर बात कर रहे हैं।

याचिका में सवाल, क्या राजनीतिक लाभ के लिए जासूसी जायज?
शर्मा ने कहा कि पेगासस के जरिए किसी की जासूसी करना संविधान की कई धाराओं का उल्लंघन है। उनके मुताबिक बिना किसी कानूनी मंजूरी के ऐसे सॉफ्टवेयर खरीदना सरकारी पैसे की बर्बादी है।

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से सॉफ्टवेयर खरीदने के लिए उपयोग किए गए पैसे के सोर्स की जांच कराने की भी मांग की है। याचिका में पूछा गया है कि क्या संविधान एक प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को उनके राजनीतिक हितों के लिए भारतीय नागरिकों की जासूसी करने की अनुमति देता है।

राहुल गांधी ने भी की न्यायिक जांच की मांग
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी जासूसी केस की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करवाने की मांग की है। शुक्रवार को राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला करते हुए इस मामले को लेकर गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा।

राहुल ने कहा कि मेरा फोन टैप किया गया। ये मेरी प्राइवेसी का मामला नहीं है। मैं जनता की आवाज उठाता हूं। नरेंद्र मोदी ने इस हथियार को हमारे देश के खिलाफ इस्तेमाल किया है। गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। PM और गृह मंत्रालय के अलावा इसका ऑथराइजेशन कोई कर नहीं सकता है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि पेगासस को इजराइली सरकार ने हथियार के तौर पर क्लासीफाई किया है। हमारे PM और गृह मंत्री ने लोकतंत्र के खिलाफ इसे इस्तेमाल किया। यह जनता की आवाज पर आक्रमण है। राहुल ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि अनिल अंबानी का फोन टैप हुआ। सवाल यह है कि जब CBI FIR दर्ज करने वाली थी, उसके ठीक पहले CBI निदेशक का फोन टैप करके उन्हें ब्लैकमेल किया गया।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *