कोरोना काल में सोने की तस्करी बढ़ी: 4 साल में पकड़ा गया 1.43 अरब का 286 किलो सोना, इस साल 6 महीने में 129 किलो बरामद; स्मगलिंग बढ़ने का कारण जानकर हैरान रह जाएंगे

कोरोना काल में सोने की तस्करी बढ़ी: 4 साल में पकड़ा गया 1.43 अरब का 286 किलो सोना, इस साल 6 महीने में 129 किलो बरामद; स्मगलिंग बढ़ने का कारण जानकर हैरान रह जाएंगे

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Uttar pradesh
  • Lucknow
  • 286 Kg Of Smuggled Gold Worth 1.43 Billion Was Caught In Four Years, 129 Kg Recovered In 6 Months This Year, Big Businessmen Associated With Smuggling In Corona

लखनऊ11 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
कोरोना काल में सोने की तस्करी बढ़ी: 4 साल में पकड़ा गया 1.43 अरब का 286 किलो सोना, इस साल 6 महीने में 129 किलो बरामद; स्मगलिंग बढ़ने का कारण जानकर हैरान रह जाएंगे

इस साल जनवरी से लेकर 3 जुलाई के बीच सबसे ज्यादा सोने की तस्करी पकड़ी गई है। (सिंबोलिक फोटो)

कोरोनाकाल में जब पूरी दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही थी तब देश में सबसे ज्यादा गोल्ड स्मगलिंग यानी सोने की तस्करी हुई। ये हम नहीं केंद्रीय खुफिया एजेंसी डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) कह रही है। DRI की उत्तर प्रदेश यूनिट ने पिछले चार साल में 286 किलो सोना पकड़ा है। हैरानी की बात है कि इसमें 129 किलो सोना इस साल जनवरी से लेकर 3 जुलाई के बीच पकड़ा गया है। बाजार में 286 किलो सोने की कीमत करीब 1.43 अरब रुपए बताई जा रही है।

म्यांमार के रास्ते हो रहा सोने का काला व्यापार
DRI के मुताबिक भारत में ज्यादातर सोना सऊदी, मस्कट, दुबई, बैंकाक से आ रहा है। हाल ही में कुछ सोना पकड़ा गया जो ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की रिफाइनरी का था। तस्कर ज्यादातर सोना म्यांमार के रास्ते बांग्लादेश होते हुए सड़क मार्ग से लेकर आ रहे हैं। यह सोना यूपी से होकर दूसरे राज्यों तक जाता है। इसलिए DRI की यूपी टीम हर रास्ते पर मुस्तैद रहती है। अधिकारियों का कहना है कि इतनी कड़ी चौकसी के बावजूद महज 20 से 30% सोना ही पकड़ में आता है। यानी अंदाजन हर साल अरबों रुपए के सोने की तस्करी हो रही है।

इसलिए स्मगलिंग बढ़ी
DRI के अधिकारियों के मुताबिक, कोरोना महामारी में कम समय में निवेश को दो से तीन गुना करने वाले करीब सभी कारोबार में मंदी आ गयी है। खासतौर से रियल एस्टेट सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। लोगों के आय के रास्ते बंद हो गए और अब लोग जमा पूंजी प्रॉपर्टी में लगाने से बच रहे हैं। इसकी वजह से ऐसे धंधों में इन्वेस्टमेंट करने वाले ब्लैक मनी होल्डर्स को सोने में निवेश सबसे मुफीद लग रहा है। पिछले साल जून से अचानक सोने की तस्करी के मामलों तेजी आई है।

इस तरह होता है सोने की तस्करी में मुनाफा
अनुमानित 50 लाख रुपए प्रति किलो के रेट से सोना आता है। इस पर 7.5 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी और 2.5 प्रतिशत एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड डैवलपमेंट सेस जोड़ें तो यह रकम 5 लाख रुपए हुई। 3% GST और जोड़ दें तो कुल टैक्स 6.50 लाख रुपए तक पहुंचता है। इसमें सोना लाने वाले का खर्च डेढ़ लाख रुपए घटा दें तो मोटे तौर पर 5 लाख रुपए प्रति किलो की बचत होती है। खाड़ी देशों से तस्करी ज्यादा इसलिए होती है क्योंकि वहां सोना कस्टम फ्री है।

इस तरह बढ़ रही सोने की स्मगलिंग
वर्ष 2018- 37 किलो 877 ग्राम

वर्ष 2019- 66 किलो 732 ग्राम

वर्ष 2020- 52 किलो 016 ग्राम

वर्ष 2021- 129 किलो 706 ग्राम (3 जुलाई तक)

21 जनवरी को पकड़ी गई थी तस्करी के सोने की बड़ी खेप
DRI ने 21 जनवरी को म्यांमार से तस्करी कर लाए जा रहे 18.266 किलो सोना को बरामद किया था। DRI ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से सोने की 110 बिस्किट बरामद की थी। बरामद सोने की सप्लाई दिल्ली में की जानी थी। DRI के अधिकारियों के मुताबिक इसी गिरोह के पांच सदस्यों को दिल्ली में करीब 37 किलो सोने के साथ गिरफ्तार किया गया था।

कस्टम विभाग ने 7 करोड़ से अधिक का सोना पकड़ा
पिछले साल सितंबर से लेकर इस साल जून तक अकेले लखनऊ एयरपोर्ट पर 7 करोड़ रुपये से अधिक का सोना कस्टम विभाग ने पकड़ा है। लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़ा जाने वाला ज्यादातर सोना दुबई या फिर खाड़ी देशों से आने वाले यात्रियों के पास से पकड़ा गया है। इसके अलावा वाराणसी एयरपोर्ट पर भी पिछले एक साल में करोड़ों रुपये का सोना पकड़ा गया, जो खाड़ी देशों और बैंकॉक से लाया जा रहा था।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *