लापता पूर्व IPS ऑफिसर के खिलाफ कुर्की का नोटिस जारी: गाजियाबाद में फेक एनकाउंटर में फंसी थी ज्योति एस बेलुर, 16 साल से CBI को है तलाश, पांच साल बाद फिर खुली फाइल

लापता पूर्व IPS ऑफिसर के खिलाफ कुर्की का नोटिस जारी: गाजियाबाद में फेक एनकाउंटर में फंसी थी ज्योति एस बेलुर, 16 साल से CBI को है तलाश, पांच साल बाद फिर खुली फाइल

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Uttar pradesh
  • Jyoti S Belur Was Trapped In A Fake Encounter In Ghaziabad, CBI Has Been Searching For 16 Years, This File Opened Again After Five Years

गाजियाबाद21 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
लापता पूर्व IPS ऑफिसर के खिलाफ कुर्की का नोटिस जारी: गाजियाबाद में फेक एनकाउंटर में फंसी थी ज्योति एस बेलुर, 16 साल से CBI को है तलाश, पांच साल बाद फिर खुली फाइल

सीबीआई कोर्ट ने फरवरी-2016 में चार युवकों की हत्या के जुर्म में यूपी के चार पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई  थी।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 25 साल पहले हुई फर्जी मुठभेड़ में बर्खास्त पूर्व आईपीएस ऑफिसर ज्योति एस बेलुर के खिलाफ सीबीआई कोर्ट ने कुर्की का नोटिस जारी किया है। पिछले दो दशक से सीबीआई की वांटेड ज्योति फिलहाल लंदन की एक यूनिवर्सिटी में पुलिसिंग का पाठ पढ़ा रही हैं। इंटरपोल के जरिये रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए सीबीआई कोर्ट एक बार फिर विदेश मंत्रालय से पत्राचार करने जा रही है।

मोदीनगर में धनतेरस के दिन हुई थी 4 लोगों की हत्या
वर्ष 1993 बैच की आईपीएस अधिकारी ज्योति एस बेलुर को वर्ष 1996 में गाजियाबाद जिले के मोदीनगर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया था। आठ नवंबर 1996 को धनतेरस था। इस दिन मोदीनगर इलाके में चार युवकों जलालुद्दीन, जसबीर, अशोक और प्रवेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोप लगे कि पुलिस ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के चक्कर में चारों की हत्या की है। इस फर्जी मुठभेड़ पर खूब सवाल उठे। CBI ने 7 अप्रैल 1997 को इस केस की जांच शुरू की।

ज्योति की रिवॉल्वर से चली थी एक गोली
सीबीआई ने 10 सितंबर 2001 को अपने आरोप पत्र में दावा किया था कि एक युवक जसबीर सिंह को लगी गोलियों में से एक गोली तत्कालीन आईपीएस ऑफिसर ज्योति एस बेलुर की पिस्तौल से चली थी। हालांकि आरोप पत्र में ज्योति का नाम नहीं लिया गया और कहा गया कि घटना वाले दिन वह गाजियाबाद में मौजूद नहीं थीं। चूंकि पिस्तौल ज्योति के नाम पर आवंटित थी और फोरेंसिक जांच में इसी पिस्तौल से गोली चलने की पुष्टि हुई। इसलिए गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने उन्हें आरोपी बनाते हुए 14 सितंबर 2007 को वारंट जारी किए।

स्टडी लीव पर गई और लौटकर नहीं आई ज्योति
ज्योति का मूल आईपीएस कैडर उत्तराखंड था। साल-2001 में उन्हें अपने मूल कैडर में वापस भेज दिया गया, लेकिन वह अपनी ड्यूटी पर एक भी बार मौजूद नहीं हुई। इस बीच वह स्टडी लीव पर विदेश चली गई और फिर लौटकर नहीं आई। स्टडी लीव समाप्त होने के बाद 1 अक्टूबर 2005 से वह लापता हैं। गृह मंत्रालय 23 फरवरी 2017 में ज्योति को भारतीय पुलिस सेवाओं से बर्खास्त कर चुका है। इधर, सीबीआई कोर्ट ने फरवरी-2016 में चारों युवकों की हत्या के जुर्म में यूपी के चार पुलिसकर्मियों तत्कालीन भोजपुर एचएसओ लाल सिंह, एसआई जोगेंद्र सिंह, कांस्टेबल सुभास व सूर्यभान को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

सीबीआई कोर्ट ने फरवरी-2016 में चार युवकों की हत्या के जुर्म में यूपी के चार पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई थी।

सीबीआई कोर्ट ने फरवरी-2016 में चार युवकों की हत्या के जुर्म में यूपी के चार पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई थी।

सीबीआई कोर्ट में पांच साल बाद खुली फाइल
गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ज्योति एस बेलुर को अब तक 16 बार नोटिस जारी कर चुकी है, लेकिन वह एक भी बार पेश नहीं हुई। दो दिन पहले यानि सोमवार को सीबीआई कोर्ट ने ज्योति का कुर्की नोटिस जारी कर दिया। कोर्ट से जुड़े अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले पांच साल से इस केस की फाइल बंद पड़ी थी। अब नए जस्टिस आए तो उन्होंने यह फाइल फिर से निकलवाई। उसे देखने के बाद कुर्की आ नोटिस जारी किया गया है।

लंदन में स्टूडेंट्स को पढ़ा रही ज्योति
लंदन की यूनिवर्सिटी में लेक्चरर ज्योति बेलुर के नाम पर डिपार्टमेंट ऑफ सिक्योरिटी एंड क्राइम साइंस ऑफ फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग साइंसेज में कुल 34 प्रकाशन हैं। इसमें चार प्रकाशन मुठभेड़ और लोकतंत्र में पुलिस बल के इस्तेमाल पर आधारित हैं। मुठभेड़ पर उन्होंने एक किताब भी लिखी है, जो लोकतंत्र में घातक बल के उपयोग के विषय से संबंधित है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *