प्राइमरी स्कूल खोलने की सलाह: तीसरी लहर से बच्चे सुरक्षित, 6 से 17 साल के बच्चे संक्रमण से खुद लड़ सकते हैं, ICMR के सर्वे में आधे से ज्यादा बच्चों में मिली एंटीबॉडी

प्राइमरी स्कूल खोलने की सलाह: तीसरी लहर से बच्चे सुरक्षित, 6 से 17 साल के बच्चे संक्रमण से खुद लड़ सकते हैं, ICMR के सर्वे में आधे से ज्यादा बच्चों में मिली एंटीबॉडी

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • Coronavirus Third Wave; ICMR Sero Survey Conducted In India’s 70 Districts In June july And Included Children

नई दिल्ली10 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
प्राइमरी स्कूल खोलने की सलाह: तीसरी लहर से बच्चे सुरक्षित, 6 से 17 साल के बच्चे संक्रमण से खुद लड़ सकते हैं, ICMR के सर्वे में आधे से ज्यादा बच्चों में मिली एंटीबॉडी

चौथे सीरो सर्वे में 6 से 17 साल के 28,975 लोगों को शामिल किया गया।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मंगलवार को 21 राज्यों के 70 जिलों में जून-जुलाई महीने में किए गए चौथे सीरो-सर्वे की रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक देश की 67% आबादी में एंटीबॉडी डेवलप हुई है। यानी ये आबादी संक्रमित हो चुकी है और वायरस को बेअसर करने के लिए इन लोगों के शरीर में जरूरी एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी है।

अच्छी बात ये है कि इनमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं। इसके साथ ही स्कूल खोले जाने के सवाल पर ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि स्कूल खोले जा सकते हैं, क्योंकि छोटे बच्चों में एडल्ट की तुलना में संक्रमण का खतरा कम है। उन्होंने बताया कि यूरोप के कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद भी स्कूल खोले गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि शुरुआती दौर में प्राइमरी स्कूल खोलने चाहिए, इसके बाद सेकेंड्री स्कूल खोले जा सकते हैं।

दूसरी लहर में बच्चे भी हुए प्रभावित
डॉ. बलराम भार्गव ने सर्वे के नतीजे जारी करते हुए बताया कि देश की दो-तिहाई आबादी में कोविड एंटीबॉडी मिली है और अभी भी 40 करोड़ आबादी पर कोरोना का खतरा है। सर्वे में शामिल 6 से 17 साल के आधे से ज्यादा बच्चों में भी एंटीबॉडी पाई गई है। इसका मतलब हुआ कि दूसरी लहर में संक्रमण ने बच्चों को भी प्रभावित किया है।

डॉ. भार्गव ने कहा, ‘चौथे सीरो सर्वे में 6 से 17 साल के 28,975 लोगों को शामिल किया गया था। इनमें 6 से 9 साल के 2,892 बच्चे, 10 से 17 साल के 5,799 बच्चे और 18 साल से ऊपर के 20,284 लोग शामिल हैं। 18 साल से ऊपर वालों में से 62% लोगों ने वैक्सीन नहीं ली थी, जबकि 24% लोगों ने एक डोज और 14% लोगों ने दोनों डोज ली थी।’

85% हेल्थ केयर वर्कर हुए संक्रमित
भार्गव ने बताया कि 85% हेल्थ केयर वर्कर कोविड के शिकार हो चुके हैं। देश में कोरोना के मामले घटने और वैक्सीनेशन के बावजूद उन्होंने अब भी लोगों को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को अपनाने को कहा है। गैर-जरूरी यात्रा करने से बचने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि वही लोग यात्रा करें, जो वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं।

एंटीबॉडी को लेकर रिपोर्ट अच्छी
सर्वे में शामिल 12,607 लोग ऐसे थे जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी। 5,038 ऐसे थे, जिन्हें एक डोज लगी थी और 2,631 को दोनों डोज लग चुकी थी। सर्वे में दोनों डोज लेने वाले 89.8% में एंटीबॉडी पाई गई। वहीं, एक डोज लेने वाले 81% में एंटीबॉडी मिली। जबकि जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी, ऐसे 62.3% लोगों में ही एंटीबॉडी मिली।

सर्वे की 4 बड़ी बातें

1. 6 से 9 साल के 57.2% और 10 से 17 साल के 61.6% बच्चों में एंटीबॉडी मिली।

2. 18 से 44 साल के 66.7%, 45 से 60 साल के 77.6%, 60 साल से ऊपर के 76.7% में एंटीबॉडी मिली।

3. 69.2% महिलाओं और 65.8% पुरुषों में कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी मिली।

4. शहरी इलाकों में रहने वाले 69.6% और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 66.7% में एंटीबॉडी मौजूद।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *