संपादक की जासूसी किए जाने पर CM ने लिया संज्ञान: इजरायली नेटवर्क से निगरानी में लिए गए 40 पत्रकारों की सूची में शामिल है संपादक का नाम, कैप्टन ने अपील की-सुप्रीम कोर्ट ले कॉल

संपादक की जासूसी किए जाने पर CM ने लिया संज्ञान: इजरायली नेटवर्क से निगरानी में लिए गए 40 पत्रकारों की सूची में शामिल है संपादक का नाम, कैप्टन ने अपील की-सुप्रीम कोर्ट ले कॉल

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लुधियाना/दिलबाग दानिश11 मिनट पहले

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संपादक की जासूसी किए जाने पर CM ने लिया संज्ञान: इजरायली नेटवर्क से निगरानी में लिए गए 40 पत्रकारों की सूची में शामिल है संपादक का नाम, कैप्टन ने अपील की-सुप्रीम कोर्ट ले कॉल

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह। उन्होंने जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेने की अपील की है।

पैगासस जासूसी का मामला उजागर होने पर लुधियाना से प्रकाशित होने वाले एक पंजाबी अखबार के संपादक का नाम आया है। इससे पुलिस बेखबर है तो सांसद तक में बवाल मचा हुआ है। मुख्यमंत्री कैपटन अमरिंदर सिंह की ओर से सप्रीम कोर्ट से इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की गई है। खुलासा हुआ है कि इजरायली जासूसी नेटवर्क के तहत इजरायली कंपनी एनएसओ के स्पाईवेयर पेगासस के जरिए दुनियाभर में पत्रकारों, व्यवसाइयों और नेताओं की जासूसी करवाई गई है। इसमें देश के 40 नामी पत्रकारों और संस्थान के नाम हैं और इनमें से एक लुधियाना से प्रकाशित होने वाले पहरेदार अखबार के संपादक जसपाल सिंह हेरां का भी नाम है।

बताया जा रहा है कि जो सूची लीक हुई है उसमें इनका पाया गया है। इस संबंधी जसपाल सिंह हेरां बताते हैं कि उन्हें भी रविवार की रात को ही एक मीडिया हाउस के जरिए इस संबंधी पता चला है। वह कहते हैं कि हो सकता है-आरएसएस की ओर से चलाए जा रहे हिंदू राष्ट्र के एजेंडे के खिलाफ और सिख समुदाय के पक्ष में लिखने के कारण उनकी जासूसी करवाई जा रही हो। वह कहते हैं कि अभी तक सरकारी तौर पर किसी ने भी उनके साथ कोई संपर्क नहीं किया है। वह इंडियन जर्नालिस्ट एसोसिएशन से इस संबंधी बात कर रहे हैं और इसके बाद ही फैसला लेंगे।

सूत्र बताते हैं कि पंजाब सरकार का खुफिया तंत्र इस पर काम करने लगा है और अंदर ही अंदर इस पर तमाम जानकारियां जुटाई जा रही हैं। दूसरी तरफ सरकार की तरफ से जारी प्रेस नोट में मुख्यमंत्री कैपटन अमरिंदर सिंह कहा है कि एनडीए सरकार ने पैगासस जासूसी के द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट अपने स्तर पर संज्ञान लेने और भारत की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकर पर कार्रवाई करने कि की अपील की है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने चोटी के राजसी नेताओं, पत्रकारों, कारोबारियों, वैज्ञानिकों, संवैधानिक अधिकारियों और दूसरे व्यक्तियों के निजी फोनों की हैकिंग की सोमवार को निंदा करते हुए कहा कि यह न सिर्फ़ व्यक्तिगत निजता पर शर्मनाक हमला है बल्कि केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे संसद के अंदर और बाहर पैगासस जासूसी का मामला उजागर हुआ है, यह केंद्र सरकार की तरफ से भारत की लोकतांत्रिक शासन प्रणाली पर हैरान कर देने वाला हमला है जिसने इस घिनौनी कार्यवाही के द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एसी मुखबरी जो इजराइली कंपनी द्वारा केंद्र सरकार की हरी झंडी के बिना नहीं की जा सकती, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों, सरकारों और संगठनों के हाथ में संवेदनशील जानकारी दे दी है जिसका भारत के खि़लाफ़ दुरुपयोग हो सकता है।

उन्होंने कहा,’’यह सिर्फ़ व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला ही नहीं बल्कि हमारे मुल्क की सुरक्षा पर भी हमला है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने और एन.डी.ए. सरकार के खि़लाफ़ कार्यवाही करने की अपील की है।’’ कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार इससे बच नहीं सकती। उन्होंने एक जघन्य पाप किया है और इनको इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि किसी को अपने लोगों के जीवन में दख़ल देने का अधिकार नहीं है, जैसे कि इस सरकार ने किया है, लोगों को अपना जीवन आज़ादी के साथ जीने दो।

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