सरकारों ने कराई जासूसी: दुनियाभर में 100 से ज्यादा जर्नलिस्ट और मनवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी हुई, इजराइली फर्म ने की मदद

सरकारों ने कराई जासूसी: दुनियाभर में 100 से ज्यादा जर्नलिस्ट और मनवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी हुई, इजराइली फर्म ने की मदद

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नई दिल्ली/वॉशिंगटन11 मिनट पहले

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सरकारों ने कराई जासूसी: दुनियाभर में 100 से ज्यादा जर्नलिस्ट और मनवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी हुई, इजराइली फर्म ने की मदद

इजराइल की एक हैकिंग फर्म ने दुनियाभर में सरकारों को जासूसी में मदद की है। दुनियाभर में 100 से ज्यादा लीडर्स, मानवाधिकार कार्यकर्ता, दूतावासों में काम करने वाले, पत्रकार और असहमति जताने वाले लोगों की जासूसी की गई है। सूत्रों के मुताबिक, इन देशों में भारत भी शामिल है।

वॉशिंगटन पोस्ट ने माइक्रोसॉफ्ट की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि कैंडिरू नाम की फर्म ने ये जासूसी की है। यह फर्म उस इंडस्ट्री का हिस्सा है, जो सरकारों, इंटेलिजेंस और ऐसी ही दूसरी एजेंसियों को जासूसी की तकनीक और उपकरण बेचती है।

मिडिल ईस्ट और एशिया के देशों में फैला नेटवर्क
साइबर सिक्युरिटी रिसर्च ग्रुप सिटिजन लैब की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी संभावना है कि कैंडिरू ने मिडिल ईस्ट और एशिया के देशों को जासूसी के उपकरण बेचे हैं। सिटिजन लैब ने ऐसे लोगों की पहचान की है, जो कैंडिरू के सॉफ्टवेयर का शिकार हुए और इसी आधार पर माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी रिपोर्ट भी बनाई है। सरकारों ने इन जासूसी उपकरणों का इस्तेमाल स्वतंत्र रूप से जासूसी के लिए किया।

क्रिमिनल हैकिंग का खतरा बढ़ा
ये रिपोर्ट उस वक्त सामने आई है, जब उन साइबर हथियारों को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है जो कि पहले कुछ देशों तक ही सीमित थे। अब ये तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। असहमति जाहिर करने वालों और विरोधियों की इस तरह की जासूसी से क्रिमिनल हैकिंग का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इनमें वसूली के लिए की जाने वाले कैंपेन भी शामिल हैं, जिसने हाल ही में अमेरिका में ऑयल सप्लाई और मीट प्रोडक्शन को बाधित कर दिया था।

रैनसमवेयर पर बाइडेन ने पुतिन को दी थी चेतावनी
इस तरह के रैनसमवेयर को लेकर हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को चेतावनी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि वो अपने देश में बैठेक क्रिमिनल ग्रुपों की पहचान करें, वरना नतीजे भुगतने होंगे। हालांकि, जासूसी उपकरणों की इंडस्ट्री को लेकर अमेरिका उतना ज्यादा आक्रामक नहीं दिखाई देता।

कंपनियां साइबर वेपन बना रहीं

  • माइक्रोसॉफ्ट की डिजिटल सिक्युरिटी यूनिट के जनरल मैनेजर क्रिश्चियन गुडविन ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां साइबर वेपन बना रही हैं और उन्हें बेच रही हैं, ये उपभोक्ताओं, व्यापार और हर तरह की सरकार के लिए खतरनाक है।
  • रिसर्च में कहा गया है कि कैंडिरू ने सरकारों को अपने टूल्स इस्तेमाल करने के लिए दिए और सरकारें इनका इस्तेमाल नागरिकों और देश की सीमाओं से बाहर रह रहे आलोचकों को चुप करने के लिए कर रही हैं। इन टूल्स का इस्तेमाल फिलिस्तीन, ईरान, लेबनान, यमन, स्पेन, ब्रिटेन, तुर्की, अरमेनिया और सिंगापुर में किया गया।

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