समीर वानखेड़े की जाति का विवाद: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मुंबई के पुलिस कमिश्नर को 31 जनवरी को पेश होने का समन दिया
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मुंबई2 घंटे पहले
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एनसीबी के जोनल डायरेक्टर रहे समीर वानखेड़े का ट्रांसफर DRI (Directorate of Revenue Intelligence) में हो गया है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से जुड़े उत्पीड़न मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने मुंबई के पुलिस कमिश्नर को 31 जनवरी को आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है। NCSC समीर वानखेड़े की उस शिकायत की जांच कर रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि नवाब मलिक ने उनके दलित होने के बावजूद उन्हें मुस्लिम धर्म का बताया। इससे उनका और उनके पूरे परिवार का मानसिक उत्पीड़न हुआ है।
पुलिस आयुक्त को जारी समन में NCSC निदेशक ने कहा, ‘अध्यक्ष विजय सांपला ने 31 जनवरी को सुबह 11 बजे आपके साथ लोकनायक भवन, नई दिल्ली में अपने कक्ष में व्यक्तिगत रूप से एक बैठक तय की है। इसलिए, आपको कार्रवाई रिपोर्ट और संबंधित फाइलों, केस डायरी सहित सभी प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ, सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होना है।’
NCSC ने राज्य सरकार से इस मामले में कोई अंतिम निर्णय नहीं लेने की सिफारिश की है, जब तक कि जांच आयोग के पास लंबित है। एनसीबी के जोनल डायरेक्टर रहे समीर वानखेड़े का ट्रांसफर DRI (Directorate of Revenue Intelligence) में हो गया है। मुंबई एनसीबी में जोनल डायरेक्टर पद पर आने से पहले समीर वानखेड़े इसी विभाग में थे। यहां रहने के दौरान उन्होंने कई सेलेब्रिटीज को पकड़ा था।
इसलिए आयोग के सामने वानखेड़े ने की थी शिकायत
समीर वानखेड़े ने आयोग को पत्र लिखकर मंत्री नवाब मलिक द्वारा किए गए खुलासे के बाद उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मंत्री ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े एक मुस्लिम थे और उन्होंने अनुसूचित जाति से होने का दावा करते हुए आईआरएस की नौकरी हासिल की थी। मलिक ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े के पिता का नाम दाऊद था न कि ज्ञानदेव. हालांकि वानखेड़े ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
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