सबसे बड़ी उम्मीद: डेल्टा से मौतें पुराने वैरिएंट से 8 गुना कम, ब्रिटेन में सिर्फ 3 महीने में 2.71 लाख सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई

सबसे बड़ी उम्मीद: डेल्टा से मौतें पुराने वैरिएंट से 8 गुना कम, ब्रिटेन में सिर्फ 3 महीने में 2.71 लाख सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई

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  • Deaths From Delta Are 8 Times Less Than The Old Variant, Genome Sequencing Of 2.71 Lakh Samples Was Done In UK In Just 3 Months

नई दिल्ली8 मिनट पहले

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भारत में मिले वैरिएंट ऑफ कन्सर - Dainik Bhaskar

भारत में मिले वैरिएंट ऑफ कन्सर

  • ब्रिटेन में डेल्टा वैरिएंट पर सबसे बड़ी स्टडी के नतीजों से जगी सबसे बड़ी उम्मीद
  • गामा को छोड़ दें तो ब्रिटेन में अब तक के सभी वैरिएंट से कम घातक है डेल्टा

दुनियाभर में संक्रमण की नई लहर लाने वाला कोरोना का डेल्टा वैरिएंट पुराने वैरिएंट अल्फा के मुकाबले 8 गुना कम घातक है। यह सिर्फ फैलता तेजी से है, जबकि इससे संक्रमित होने वाले मरीजों में मुत्युदर सिर्फ 0.25% है। अल्फा वैरिएंट से संक्रमित हुए मरीजों में मृत्युदर 1.90% रही है। यानी, डेल्टा से 248 मौतें प्रति 10 लाख, जबकि अल्फा से 1,902 मौतें प्रति 10 लाख मरीज हुई हैं। यह बात ब्रिटेन के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट की ताजा स्टडी में सामने आई है।

ब्रिटेन में 2.71 लाख कोरोना मरीजों के सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई, जो 15 जुलाई से पहले तक जुटाए गए तीन महीनों के आंकड़ों पर आधारित है। दुनियाभर के महामारी विशेषज्ञ इसे अब तक की सबसे विस्तृत और अहम स्टडी मान रहे हैं, क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय देशों में अब रोज मिलने वाले 95% से ज्यादा मरीज डेल्टा वैरिएंट वाले हैं। इसलिए उम्मीद बंध गई है कि डेल्टा से संक्रमित होने वालों की संख्या बेशक ज्यादा हो सकती है, लेकिन इनमें जान गंवाने वालों का औसत बेहद कम रह सकता है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि ब्रिटेन में अब तक गामा वैरिएंट से एक भी मौत नहीं हुई है।

भारत में अब तक सिर्फ 42,869 सैंपलों की सीक्वेंसिंग हो पाई है, इनमें 47.5% ‘वैरिएंट ऑफ कन्सर्न’ मिले हैं

भारत में नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की रफ्तार धीमी है। देश में 15 महीने में सिर्फ 42,869 सैंपलों की सीक्वेंसिंग हुई। जबकि, ब्रिटेन में 2.71 लाख सैंपल की सीक्वेंसिंग पिछले सिर्फ तीन महीने में हुई है। वहां कुल मरीजों के मुकाबले 10% सैंपलों की सीक्वेंसिंग की जा रही है, जबकि भारत में यह अनुपात सिर्फ 0.14% है।

देश में तीसरी लहर करीब; पर्यटन व धर्मस्थल बंद ही रखे जाने चाहिए- आईएमए

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि महामारी के इतिहास को देखते हुए कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है। भारत में तीसरी लहर करीब दिख रही है। देश में पर्यटन जरूरी है, लेकिन इसके लिए इंतजार किया जा सकता है। सरकार को धार्मिक स्थलों और पर्यटनस्थलों को अभी बंद ही रखना चाहिए।

राहत इसलिए… भारत में कोरोना के 88% मरीज डेल्टा वैरिएंट के ही मिल रहे हैं। यूरोप व अमेरिकी देशों में 95% से ज्यादा केस डेल्टा के आ रहे हैं; ब्रिटेन की यह स्टडी बताती है कि डेल्टा सिर्फ फैलता तेजी से है, जबकि इससे मृत्युदर सिर्फ 0.25% है, जबकि अल्फा से मृत्युदर 1.90% है।

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